By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 06, 2022
नयी दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति ने जेएनयू छात्रसंघ की एक पूर्व अध्यक्ष की “अवांछित गतिविधियों” को लेकर उनके विश्वविद्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दी। वह संस्थान के संविदाकर्मियों की हड़ताल में भी शामिल हुई थीं। जेएनयू के मुख्य कुलानुशासक (प्रॉक्टर) रजनीश कुमार मिश्रा ने बृहस्पतिवार को जारी आदेश में कहा, “विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज की पूर्व छात्रा सुचेता डे की अवांछित गतिविधियों के मद्देजनर, विश्वविद्यालय की कुलपति ने विश्वविद्यालय के विधान के नियम 32 के तहत निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आदेश दिया है...।’’ आदेश के अनुसार डे के परिसर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (एआईसीसीटीयू) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डे को अगर कोई परिसर में शरण देता पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए डे ने आदेश को पूरी तरह “मनमाना” और देश में कहीं भी घूमने की उनकी स्वतंत्रता में कटौती करने वाला बताया। वह 2012 में वामपंथी छात्र संगठन ‘आइसा’ की तरफ से जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। तीन महीने से वेतन नहीं मिलने के विरोध में संविदा कर्मी परिसर में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।