By रेनू तिवारी | Jan 17, 2022
देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में वहां पर सियासी हलचल तेज होती दिखायी दे रही हैं। चुनावी गर्मी के कारण पार्टियों के नेताओं के दिल में भी बैचेली शुरू हो गयी है। अपना नफा-नुकसान का पूर्वानुमान लगाते हुए वह चुनावी चाले चलने लगे है। ताजा जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है, मुख्यमंत्री कार्यालय ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
हरक सिंह रावत कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल?
कोटद्वार से विधायक हरक सिंह रावत को भी छह साल के लिए भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है। हरीश रावत और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सोमवार को हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि सीएम धामी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर हरक सिंह रावत को उत्तराखंड कैबिनेट से हटाने की सिफारिश की थी। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं से मुलाकात के बाद उन्हें कथित तौर पर कैबिनेट और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया गया है। वह रविवार को कथित तौर पर दिल्ली आए थे।
हरक सिंह रावत को छह साल के लिए किया गया भाजपा से निष्कासित
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को भाजपा ने रविवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने को बताया कि प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर रावत को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
पार्टी ने अनुशासनहीनता का लगाया आरोप
कौशिक के हवाले से उन्होंने बताया कि अनुशासनहीनता के चलते रावत को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रावत को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है। पौड़ी गढ़वाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक रावत अपनी सीट बदलने के साथ ही अपनी पुत्रवधू अनुकृति के लिए भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे। समझा जाता है कि इन मुद्दों पर भाजपा के राजी न होने पर उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव एक ही चरण में 14 फरवरी, 2022 को होने हैं। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। 2017 में उत्तराखंड में पिछला विधानसभा चुनाव एक ही चरण में हुआ था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 57 पर जीत हासिल की थी। इस बार, उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा, हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।