By प्रेस विज्ञप्ति | Jun 07, 2021
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार द्वारा आज भी कई बड़े निर्णय लिए गए। आइए पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश की दिनभर की आज की बड़ी खबर।
सरकार ने कोरोना काल में भी किसान हितों का रखा ख्याल
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के चलते किसानों के हित का विशेष ध्यान रखा है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ऐसे समय में आई जब किसानों की रबी की फसल पक रही थी। एक तरफ किसानों को खड़ी फसल की कटाई, मड़ाई भी करनी थी दूसरी तरफ कोरोना रोग से बचाव भी करना था। किसानों को कटाई, मड़ाई हेतु कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए सरकार ने पूरी छूट दी थी, जिसका परिणाम रहा कि किसानों ने कोरोना से सुरक्षित रहते हुए अपनी फसल काटकर घर लाया। प्रदेश सरकार किसानों को किसी प्रकार की समस्या न आये, इसका विशेष ध्यान रखा है।
फसल कटने के बाद किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलें, इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड़ प्रोटोकाल का पालन करते हुए प्रदेश के सभी गेहूँ क्रय केन्द्रों को खोलने के निर्देश दिये। सभी क्रय केन्द्र प्रभारियों ने सरकार के आदेशों का पालन करते हुए किसानों के गेहूँ क्रय करते हुए, किसानों को उनकी फसल का निर्धारित समर्थन मूल्य का भुगतान करते हुए किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान कर रहे है। प्रदेश में कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार किसानों को रबी फसल की गेहूँ खरीद कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए क्रय करा रही है। प्रदेश में 06 जून 2021 तक 9.93 लाख किसानों से लगभग 46 लाख मी0 टन गेहूँ क्रय किया गया है, जो गत वर्ष क्रय किये गये गेहूँ से काफी अधिक है। किसानों से क्रय किये गये गेहूँ का मूल्य 9009.094 करोड़ रूपये में से 7140.104 करोड़ रूपये किसानों को भुगतान कर दिया गया है, शेष का भुगतान किया जा रहा है। किसानों की फसल का सही मूल्य देते हुए प्रदेश सरकार उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत प्रदेश के किसानों को 2-2 हजार रूपये तीन किश्तों में वर्ष में 06 हजार रूपये दिये जाने की योजना संचालित है। इस धनराशि से किसान अपना खाद, बीज क्रय करते हुए खेती किसानी के लिए व्यय करते है। प्रदेश में लघु एवं सीमान्त कृषकों की संख्या काफी है, इसलिए ऐसे किसानों के लिए यह धनराशि संजीवनी का कार्य करती है। उन्हें किसी से ब्याज पर धनराशि उधार लेने की जरूरत नही पड़ती। सरकार की नीति है कि किसानों की आमदनी दोगुनी बढ़ाई जाए। उन्हें खाद, बीज, सिंचाई, कृषियन्त्र आदि की सुविधा दी जा रही है। देश के मा0 प्रधानमंत्री जी ने चालू वर्ष हेतु प्रदेश के लगभग 2.61 करोड़ किसानों के खातों में 5230 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि एक दिन में डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तान्तरित करते हुए उन्हें सम्बल प्रदान किया है। प्रदेश में 24 फरवरी, 2019 से लागू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत मार्च 2021 तक 27,262 करोड़ रूपये की धनराशि किसानों के खातों में स्थानान्तरित की जा चुकी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किसानों के हित में कई योजनायें संचालित किये है।
अवैध शराब कारोबार में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध की जायेगी कड़ी कार्रवाई
मिथाइल अल्कोहल विष अधिनियम के तहत जहर घोषित है, जिसके दृष्टिगत मिथाइल अल्कोहल के कब्जे और बिक्री के लिए लाइसेंस और परमिट जारी करने का प्रावधान किया गया है और इसके लिए जिलाधिकारी को लाइसेंस प्राधिकारी के रूप में अधिकृत किया गया है। नियमों के तहत मजिस्ट्रेट के अलावा, पुलिस अधिकारी, राजस्व अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी और आबकारी तथा उद्योग के अधिकारी जो निरीक्षक के पद से नीचे नहीं हैं, को इन लाइसेंसों के निरीक्षण करने का अधिकार दिया गया है। प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट/लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय नोडल समिति का गठन किया जायेगा जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक सदस्य के रूप में तथा जिला आबकारी अधिकारी सदस्य/संयोजक के रूप में होंगे।
इस सम्बंध में विस्तृत जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया है कि मिथाइल अल्कोहल के प्रयोग पर कड़ी निगरानी रखने के आदेश जारी किए गए हैं। यदि मिथाइल अल्कोहल के उत्पादन के लिए लाइसेंस प्राप्त इकाइयों के अलावा कोई अन्य इकाई इस कारोबार में संलिप्ता पाया जाता है तो ऐसी इकाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मिथाइल अल्कोहल के उत्पादन, भंडारण और बिक्री की गहन निगरानी की जाएगी और मिथाइल अल्कोहल के टैंक और कंटेनरों पर स्पष्ट रूप से मिथाइल अल्कोहल अंकित किया जाएगा। मिथाइल अल्कोहल का परिवहन करने वाले टैंकरों पर मोटे तथा सफेद अक्षरों में विषैला पदार्थ परिवहन किये जाने सम्बन्धी सूचना और कानूनी चेतावनी तथा दोनों तरफ उसके विष होने सम्बन्धी चिन्ह अंकित किया जाना अनिवार्य किया गया है। टैंकर से मिथाइल अल्कोहल की चोरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए टैंकरों को ठीक से सील किया जाएगा और इसकी पुष्टि के बाद ही टैंकर भेजा जाएगा।
अपर मुख्य सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि मिथाइल अल्कोहल के अवैध व्यापार में संलिप्त पाये जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। मिथाइल अल्कोहल से बनी अवैध शराब के सेवन से मौत होने पर और बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद होने की स्थिति में स्थानीय आबकारी व पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की जवाबदेही तय की जाएगी। अवैध शराब की गतिविधियों में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एनएसए लगाया जाएगा और उनकी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जाए।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आबकारी अधिनियम की धाराओं के तहत पुलिस एवं राजस्व विभाग के प्रत्येक अधिकारी इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन की जानकारी प्राप्त होने पर आबकारी विभाग को तत्काल देने के लिए बाध्य हैं और आबकारी विभाग को कार्यवाही में सहयोग प्रदान करेंगेा आबकारी विभाग के अधिकारी भी आबकारी अपराधों का पता लगाने और अभियोजन की कार्यवाही में पुलिस अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक व्यक्ति जो किसी भूमि या भवन का स्वामी है या ऐसे स्वामी का प्रबंधक है, जहॉं पर किसी नशीले पदार्थ का अवैध निर्माण होता है और लेखपाल या चैकीदार जिसके अधिकार क्षेत्र में ऐसी भूमि या भवन स्थित है, मजिस्ट्रेट या आबकारी, पुलिस या राजस्व विभाग के किसी अधिकारी को तुरंत सूचना देने के लिए बाध्य है।
आबकारी अधिनियम की संशोधित धारा 60क की व्याख्या करते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति नशे की आड़ में कोई हानिकारक पदार्थ बेचता है और इससे मृत्यु या गंभीर अपंगता होती है, तो उसे मौत या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है और दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है जो पांच लाख रुपये से कम नहीं होगा।
अपर मुख्य सचिव ने यह भी बताया है कि शराब माफियाओं की सूची की बारीकी से जांच की जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी अपराधी बरी न हो या आरोप पत्र से उसका नाम न छूटे । यदि ऐसा पाया जाता है तो धारा 319 के तहत पुनरीक्षण की कार्रवाई कर पुनः ऐसे अभियुक्त का नाम नियमानुसार सम्मिलित करना सुनिश्चित किया जायेगा। क्षेत्रीय अधिकारियों को एक हजार लीटर से अधिक अवैध शराब, केमिकल या स्प्रिट बरामद वाले प्रत्येक मामले की समीक्षा करने का आदेश दिया गया है। राजमार्ग पर स्थित संदिग्ध ढाबों और स्थानों की तत्काल पहचान करने और तत्काल सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव ने आम जनता से अवैध स्रोतों से शराब न खरीदने की अपील की है, ऐसी शराब मिथाइल अल्कोहल या डिनेचरड स्प्रिट से बनी हो सकती है, जिसके पीने से आंख की रोशनी जा सकती है यहॉं तक कि मृत्यु भी हो सकती है। इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय-समय पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार पत्रों में इस सम्बैन्धस चेतावनी जारी करें और आम जनता के बीच हैंड बिल वितरित करके व्याबपक प्रचार-प्रसार कराया जाय।
जिला चिकित्सालय मुरादाबाद में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था की द्वितीय किश्त अवमुक्त
मुरादाबाद के जिला चिकित्सालय में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था के लिए शासन ने दूसरी किश्त रू0 179.87 लाख अवमुक्त करने की मंजूरी दे दी है। ज्ञात हो प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार और संवर्द्धन का कार्य शीर्ष प्राथमिकता से किया जा रहा है। प्रदेश में चिकित्सालयों को सुविधा सम्पन्न किये जाने का कार्य निरन्तर जारी है, जिसमें अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था भी स्थापित की जा रही है।
मुरादाबाद के जिला चिकित्सालय में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था के लिए शासन द्वारा रू0 224.84 लाख लागत की मंजूरी दी गयी थी, जिसके सापेक्ष प्रथम किश्त रू0 44.97 लाख निर्गत किये जा चुके हैं। अब शासन ने दूसरी किश्त में अवशेष धनराशि को मंजूरी दी है।
किसानों को किया गया 7240.32 करोड़ रूपये का भुगतान
राज्य सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत 5678 क्रय केन्द्रों के माध्यम से खरीद करते हुए अब तक 4592816.73 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली है। इस योजना से 1000248 किसानों को लाभान्वित करते हुए 7240.320 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज 31250.06 मीट्रिक टन खरीद हुई है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 1975 रू0 प्रति कुन्तल की दर से खरीद की जा रही है।
बलरामपुर में जिला मेमोरियल चिकित्सालय एवं जिला महिला चिकित्सालय में विद्युत फीडर निर्माण की दूसरी किश्त रू0 376.89 लाख मंजूर
प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के तेजी से चल रहे विस्तार कार्यक्रमों के साथ- साथ मौजूद चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्थाओं में सुधार और संवर्द्धन का कार्य भी जारी है। इसी क्रम में जनपद बलरामपुर में जिला मेमोरियल चिकित्सालय एवं जिला महिला चिकित्सालय में स्वतंत्र विद्युत फीडर का निर्माण कार्य जारी है। 33/0.4 के0वी0ए0 क्षमता के इस स्वतंत्र विद्युत फीडर के निर्माण हेतु शासन ने दूसरी किश्त के रूप में रू0 376.89 लाख अवमुक्त करने की मंजूरी दे दी है।
ज्ञात हो इस निर्माण के लिए शासन ने कुल लागत रू0 753.78 लाख धनराशि को मंजूरी दी थी, जिसकी प्रथम किश्त के रूप में रू0 376.89 लाख धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। अब शासन ने द्वितीय किश्त के रूप में शेष धनराशि अवमुक्त करने की मंजूरी दी है।
उत्तर प्रदेश वेटरिनरी काउन्सिल हेतु 8.40 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पशु चिकित्सा सेवायें तथा पशु स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए उत्तर प्रदेश वेटरिनरी काउन्सिल हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 8.40 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि का व्यय उत्तर प्रदेश वेटरिनरी काउन्सिल के सुनियोजित क्रियान्वयन एवं सुदृढ़ीकरण में किया जायेगा।
पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए योजना के उचित क्रियान्वयन हेतु निदेशक, प्रशासन एवं पशुपालन विकास विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गयें हैं। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरणध्व्यय अनुमोदित कार्ययोजना एवं मदों में योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाये।
शिक्षाविदों, अभिभावकों, विभिन्न संघो के प्रतिनिधियों, छात्रों से भी ई-मेल पर राय मांगी गयी
कोरोना महामारी से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के कारण छात्रों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत व्यापक छात्र हित एवं जनहित में माननीय मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री जी द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश प्रयागराज की वर्ष 2020-21 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षायें निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के पंजीकृत छात्रों के तर्कसंगत अंको के निर्धारण के सम्बन्ध में विगत कई दिनों से माध्यमिक शिक्षा विभाग की बैठके आयोजित की गईं। इसी क्रम में आज अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त शिक्षा अधिकारियों के साथ तर्कसंगत परीक्षाफल एवं अंको के निर्धारण के विषय में चर्चा की गयी।
वीडियो कान्फ्रेसिंग में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्त विहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य तथा अभिभावक संघो के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इनके द्वारा भी अंक निर्धारण के विषय में महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। मुख्यतः इण्टरमीडिएट के परीक्षाफल के लिए यह सुझाव दिया गया कि हाईस्कूल में प्राप्त प्रतिशत, कक्षा-11 के अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा, कक्षा-12 की प्री बोर्ड परीक्षा को सम्मिलित करते हुए अंको का निर्धारण किया जाए। जवाहर सिंह राठौर, प्रधानाचार्य सर्वोदय इण्टर कालेज, फतेहपुर ने यह सुझाव दिया कि हाईस्कूल परीक्षा के लिए कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा तथा कक्षा-10 की प्री बोर्ड परीक्षा अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंको को सम्मिलित कर परीक्षाफल बनाया जाए। इसी प्रकार आत्माराम, अध्यक्ष अभिभावक संघ, फतेहपुर द्वारा यह विचार व्यक्त किया गया कि हाईस्कूल परीक्षाफल हेतु कक्षा-10 का प्री बोर्ड तथा कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के अंको को आधार बनाया जाय। जियारत हुसैन, हिन्दू मुस्लिम इण्टर कालेज, दुर्गास्थान, गाजीपुर द्वारा यह सुझाव दिया गया कि यदि कोई छात्र परीक्षा देना चाहता है तो उसे सुधार का अवसर दिया जाय तथा परीक्षा केन्द्र जिला मुख्यालय के राजकीय इण्टर कालेज में बनाया जाय। डॉ. रामचन्द्र शुक्ला, प्रधानाचार्य, महेन्द्र टेक्निकल इण्टर कालेज, चन्दौली ने बल दिया कि प्री बोर्ड के अंको को अधिक महत्व दिया जाय। अरुण कुमार सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय इण्टर कालेज, आगरा ने पत्राचार माध्यम से अध्ययनरत छात्रों की तरफ ध्यान आकर्षित किया। डॉ. सुखपाल सिंह तोमर, प्रधानाचार्य, हंसनगर इण्टर कालेज, मुरादनगर, गाजियाबाद ने यह सुझाव दिया कि जो छात्र किन्हीं कारणों से प्री बोर्ड अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित रहे हैं, उन्हें न्यूनतम उत्तीर्ण अंक प्रदान कर दिया जाय। चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने शिक्षाविद, शिक्षकों, अभिभावकों, एवं आम जनमानस से भी अंको के निर्धारण के विषय में अपने सुझाव ई-मेल पर दिये जाने की जानकारी दी। छात्रध् छात्राएं भी परीक्षाफल एवं अंक निर्धारण की प्रक्रिया के सम्बन्ध में उपरोक्त ई-मेल पर अपने सुझाव दे सकते हैं।
शुक्ला ने यह भी निर्देश दिया कि जब तक औपचारिक रूप से विद्यालयों में कक्षाएं प्रारम्भ नहीं हो जाती, तब तक ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं का संचालन किया जाए। जिला विद्यालय निरीक्षक अपने जनपद के समस्त विद्यालयों के साथ निरन्तर संवाद स्थापित करते रहें तथा ऑनलाइन कक्षाओं का पर्यवेक्षण नियमित रूप से करते रहें। समस्त मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अपने मण्डल के जनपदों में संचालित होने वाली ऑनलाइन कक्षाओं का नियमित अनुश्रवण करते रहेंगे। वीडियो कान्फ्रेसिंग में विशेष सचिव, श्री उदय भानु त्रिपाठी, विशेष सचिव श्री जय शंकर दुबे, शिक्षा निदेशक श्री विनय कुमार पाण्डेय सहित शासन एवं विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जनपद न्यायाधीश बाराबंकी के जजेज परिसर में स्थित भूमि पर न्यायिक अधिकारियों के आवासीय निर्माण हेतु 222.70 लाख रूपये स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार में जनपद न्यायाधीश बाराबंकी के जजेज परिसर में स्थित भूमि पर न्यायिक अधिकारियों के श्रेणी-5 आवास के निर्माण हेतु अवशेष धनराशि 222.70 लाख रूपये (दो करोड़ बाइस लाख सत्तर हजार) की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में यह भी निर्देशित किया गया है कि कराए जा रहे निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस धनराशि का उपयोग 31 मार्च, 2023 तक अवश्य कर लिया जाए।
जनपद सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती नदी के बायें तट पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों हेतु 63 लाख 09 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद सिद्धार्थ नगर में बूढ़ी राप्ती नदी के बायें तट पर स्थित लखनापार-बेदौला बाँध के मध्य ग्राम लमुहिया के समीप बाढ़ सुरक्षा कार्य की परियोजना हेतु 63 लाख 09 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उप्र, लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।
जनपद सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी के बायें तट पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों हेतु 01 करोड़ 92 लाख 62 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद सिद्धार्थ नगर में राप्ती नदी के बायें तट पर स्थित बांसी-पनघटिया बाँध के मध्य डुमरिया बुजुर्ग के समीप बाढ़ सुरक्षा कार्य की परियोजना हेतु 01 करोड़ 92 लाख 62 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उप्र, लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।
जनपद सिद्धार्थनगर में कूड़ा नदी के बायें तट पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों हेतु 01 करोड़ 39 लाख 11 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद सिद्धार्थ नगर में कूड़ा नदी के बायें तट पर स्थित कूड़ा-घोंघी बाँध के मध्य ग्राम इमिलिहा के समीप बाढ़ सुरक्षा कार्य की परियोजना हेतु 01 करोड़ 39 लाख 11 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0, लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर 12विभिन्न श्रेणी के राज्य स्तरीय पुरस्कार-2021 के लिए आमंत्रण
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के निदेशक अनूप कुमार ने बताया कि 03 दिसम्बर, 2021 को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर विभिन्न श्रेणी के राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। पुरस्कारों हेतु 12 विभिन्न श्रेणियों की व्यवस्था की गयी है तथा पुरस्कार की धनराशि रुपये 5000/- से बढ़ाकर रुपये 25000/- कर दी गयी है। राज्य स्तरीय पुरस्कार के संबंध में विस्तृत जानकारी विभाग की वेबसाइट अथवा हेल्पलाइन नं0 1800 180 1995 से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इच्छुक व्यक्ति द्वारा राज्य स्तरीय पुरस्कार हेतु आवेदन समस्त प्रपत्रों के साथ जनपद स्तर पर 15 जुलाई,2021 तक जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी के कार्यालय में जमा किये जायेंगे तत्पश्चात जिलाधिकारी की संस्तुति से अन्तिम तिथि 10 अगस्त,2021 तक निदेशालय, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, कक्ष संख्या-1010, दसम् तल, इन्दिरा भवन, अशोक मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ में उपलब्ध कराये जा सकते हैं। निदेशक ने बताया कि दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों/स्वनियोजित दिव्यांगजन, सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता तथा सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेन्ट अधिकारी या एजेंसी, सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति/सर्वश्रेष्ठ संस्था, प्रेरणास्रोत, सृजनशील दिव्यांग बालक/बालिका, दिव्यांग खिलाड़ियों, दिव्यांगजन हेतु बाधारहित वातावरण के सृजन हेतु सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए, दिव्यांगजन को पुनर्वास सेवायें प्रदान करने वाले सर्वश्रेष्ठ जिला इत्यादि श्रेणी के राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे।
अनिल राजभर ने प्रदेशवासियों को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनायें दी
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर ने प्रदेशवासियों को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के समय राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा हर जरूरत व्यक्ति तक निःशुल्क राशन पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश का किसान खेतों में काम कर रहा है,ताकि हर व्यक्ति को भोजन मिल सके, कोई भूखा न रहे। उन्होंने विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर अन्नदाता किसानों को नमन किया।
उप्र ने भारत सरकार द्वारा जारी परफॉरमेन्स ग्रेडिंग इन्डेक्स (च्ळप्) वर्ष 2019-20 में ग्रेड-1 ग्रीन श्रेणी हासिल किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मा0 योगी आदित्यनाथ जी के प्रेरणादायक मार्गदर्शन से उत्तर प्रदेश (च्ळप्) के रैंकिंग, जिस में महत्वपूर्ण सुधार करते हुए उ0 प्र0 ग्रेड-1 श्रेणी में स्थान हासिल किया है। यह जानकारी बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने दी है। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि भारत-सरकार द्वारा जारी परफॉरमेंन्स ग्रेडिंग इन्डेक्स (च्ळप्) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश कीरैकिंग वर्ष 2017-18 में (रेड) श्रेणी, वर्ष 2018-19 में ग्रेड-3 (येलो) श्रेणी के सापेक्ष वर्ष2019-20 में ग्रेड 1 (ग्रीन) श्रेणी में स्थान हासिल किया गया है। ग्रेड-1 में (ग्रीन) श्रेणीमें उत्तर प्रदेश के साथ आन्ध्र प्रदेश, दमन एण्ड दीव, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, उडीसा,त्रिपुरा एवं पश्चिम बंगाल राज्य भी सम्मिलित हैं।
मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा संचालित राज्यव्यापीकार्यक्रमों एवं सतत् प्रेरणादायक मार्गदर्शन में प्रदेश द्वारा पी0जी0आई0 के समस्त महत्वपूर्णक्षेत्रों में सुधार किया गया है, जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश का स्कोर पूर्व के वर्ष 2017-18के 603 अंकों से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 804 हुआ है। जारी की गयी रैंकिंग में प्रदेश द्वारासभी मानकों यथा-सीखने के परिणाम, पहुँच, सुविधाओं एवं इक्विटी तथा शासनप्रक्रियाओं में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गयी है। भारत सरकार द्वारा निर्गत पी0जी0आइ0 में लर्निंग आउटकम के लिये 180, एक्सेस के लिये 80, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं सुविधाओं के लिये150, इक्विटी के लिये 230 एवं गवर्नेस प्रक्रियाओं के लिये 360 अंक निर्धारित हैं। इन बिन्दुओं पर सतत् अनुश्रवण करते हुएनेतृत्व प्रदान किया जा रहा है। यह उपलब्धि विभिन्न क्षेत्रों में सतत् प्रयास के फलस्वरूप हासिलकी गयी है।
मुख्यमंत्री द्वारा जून, 2018 में ‘आपरेशन कायाकल्प’ की शुरूआत की गयी,जिसके अन्तर्गत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। गवर्नेन्स एवं गुणवत्ता सुधार हेतु मुख्यमंत्री द्वारा सितम्बर, 2019 में ‘मिशन प्रेरणा’ का शुभारम्भ किया गया। दिव्यांग बच्चों के लिये ‘समर्थ’ कार्यक्रम एवंआउट-आफ-स्कूल बच्चों के लिये ‘शारदा’ कार्यक्रम की शुरूआत की गयी, जिसकेपरिणाम इक्विटी रैंकिंग मेंहुए।डिजिटल लर्निंग के लिये ‘दीक्षा’, ‘रीड एलांग ऐप’ एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम सेविविध एवं गुणवत्तायुक्त शैक्षणिक कन्टेंट बच्चों तक उपलब्ध कराये गये हैं, जिसकेपरिणामस्वरूप प्रदेश की रैंकिंग में अपेक्षित सुधार सुनिश्चित हुआ है। इस प्रकार मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में संचालित योजनायें-मिशन प्रेरणा, ऑपरेशन कायाकल्पएवं अन्य उपर्युक्त समवेत प्रयासों से आगामी पीजीआई रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ग्रेड-1 रैंकिंग हासिल करने की ओर अग्रसर है।
नंदी ने खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर बधाई दी
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक एवं हज राजनैतिक पेंशन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि हम सब की थाली में भोजन देने वाले अन्नदाता किसान भाइयों को मैं नमन करता हूं। नन्दी ने एक बधाई संदेश में कहा कि इसविश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर आइए हम सब संकल्प लें कि स्वयं भी खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के प्रति पूर्ण रूप से जागरूक रहेंगे और समाज को भी जागरूक करेंगे।
यूपी सीडा द्वारा क्लस्टर हेतु उपलब्ध कराई जायेगी 240.18 एकड भूमि - डॉ. नवनीत सहगल
अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि जनपद कानपुर नगर के रमईपुर में 451 करोड़ रुपये की लागत से 250 एकड़ क्षेत्र में मेगा लेदर फुटवियर एण्ड एसेसरीज क्लस्टर की स्थापना होगी। इसके विकास हेतु वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, उद्योग आंतरिक संवर्धन विभाग, भारत सरकार से सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो चुकी है। मेगा लेदर क्लस्टर को स्थापित कराने के लिए एसपीवी मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट (उ0प्र0) लि0 का गठन किया गया है। यू0पी0 सीडा द्वारा क्लस्टर हेतु 240.18 एकड़ भूमि उपलब्ध कराये जाने की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है।
डॉ.सहगल ने आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में मेगा लेदर फुटवियर एण्ड एसेसरीज क्लस्टर की स्थापना से संबंधित कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना से लगभग 5000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और करीब 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं 1.50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सुलभ हांेगे। उन्होंने कहा कि क्लस्टर के माध्यम से प्रतिवर्ष लगभग 13000 करोड़ रुपये का टर्नओवर भी होगा। डॉ सहगल ने कहा कि मेगा लेदर पार्क की स्थापना हेतु उत्तर प्रदेश सरकार 236 करोड़ रुपये तथा भारत सरकार द्वारा 125 करोड़ रुपये कुल 451 करोड़ रुपये अवस्थापना सुविधाओं के लिए व्यय किया जायेगा। इसके तहत सड़क, वाटर सप्लाई, सीवेज, ड्रेनेज, हार्टीकल्चर, बाउंड्रीवाल, स्ट्रीट लाइट, इंटरनल वाटर सप्लाई, इंटरनल स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज, आई टी एण्ड टेलीकम्यूनिकेशन, प्रशासनिक भवन, डिजाइन लैब, टेस्टिंग लैब, वैल्यू एडीशन सेंटर, हाॅस्टल तथा अन्य सामान्य सुविधाएं उद्यमियों को सुलभ कराई जायेंगी।
डॉ. सहगल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कानपुर के चर्म उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए उठाये गये इन कदमों से इस उद्योग को नया आयाम मिलेगा, वहीं नये निवेश के साथ अधिक से अधिक रोजगार का सृजन भी होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने जाने पर उत्तर प्रदेश के चर्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर की अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी तथा घरेलू चर्म उद्योग को बेहतर उत्पादकता, निर्यात तथा नये निवेश के संदर्भ में वांछित प्रोत्साहन मिलेगा।
44 प्रमुख मार्गों के चालू कार्यो हेतु रु. 193 करोड़ 15लाख 34 हजार की धनराशि की गई अवमुक्त
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में 44राज्य/प्रमुख/अन्य जिला मार्गों के स्वीकृत, चैड़ीकरण एवंसुदृढ़ीकरण के चालू कार्य हेतु विभिन्न शर्तों के अधीन रू0 193करोड़ 15 लाख 34हजार की धनराशि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अवमुक्त की गई है। इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी किया गया है। यह कार्य जनपद मुजफ्फरनगर, वाराणसी, सुल्तानपुर, अयोध्या,बदायूं, सिद्धार्थनगर, सहारनपुर, बागपत, मेरठ, कन्नौज, जौनपुर, आगरा,बस्ती, गाजीपुर, प्रतापगढ़, अंबेडकर नगर, रामपुर, कानपुर नगर, मथुरा, मुरादाबाद, चंदौली, कुशीनगर व अमरोहा जनपदों में चल रहे हैं।
जारी शासनादेश में प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि चालू कार्यो हेतु आवंटित धनराशि का व्यय/उपयोग वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, ज्ञापन तथा बजट मैनुअल एवं वित्तीय हस्तपुस्तिका के नियमों/स्थाई आदेशों आदि का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यों की गुणवत्ता व मानको का विशेष रुप से ख्याल रखा जाए तथा निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी कार्य अनिवार्य रूप से पूरे कराये जांय।
योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नही - रमापति शास्त्री
प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हंै कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जाए। जिससे पात्र लाभार्थियों को समय से इसका समुचित लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नही की जाएगी। कार्यों की प्रगति में तेजी लाकर तय लक्ष्य को समय से पूरा करें। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री आज गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ योजनाओं के प्रगति की समीक्षा बैठक कर रहें थे। बैठक के दौरान श्री शास्त्री को अधिकारियों ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 22,780 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया। गरीब लोगों के पुत्रियों की शादी अनुदान योजना के अन्तर्गत सामान्य वर्ग के 12 हजार निर्धन व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत 51,21,454 वृद्धजनों को लाभान्वित किया गया।
अभ्युदय योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5128 छात्रों को लाभान्वित किया गया। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,50,959 परिवारों को आर्थिक सहायता दी गयी। वर्ष 2020-21 में अत्याचार से प्रभावित अनुसूचित जाति के 23,592 व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गयी। राष्ट्रीय आश्रम पद्धत्ति विद्यालयों का संचालन के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 33,388 छात्रों को शिक्षा प्रदान की गयी। समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि छात्रवृत्ति वितरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,18,153 छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया गया। समीक्षा के दौरान मंत्री शास्त्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 250 करोड़, गरीब व्यक्तियों के पुत्रियों की शादी अनुदान योजना 150 करोड़, वृद्धावस्था पेंशन में 3600 करोड़, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में 500 करोड़, अत्याचार से प्रभावित अनु जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता के लिए 275 करोड़, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन हेतु 250.76 करोड़, अभ्युदय योजना में 20 करोड़, प्राविधानित है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण के. रवीन्द्र नायक ने भी बैठक में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों का अत्याचार उत्पीड़न के मामलों का भुगतान 15 दिनों के अन्दर किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान बेघर हुए वृद्धजनों को जनपद स्तर पर समुचित सुविधायें उपलब्ध करायी जाए। इसके लिए जनपद में समाज कल्याण अधिकारी से भी सम्पर्क किया जाए। नायक ने निर्देश दिया कि जो भी अधिकारी पात्र बच्चों को समुचित लाभ नही दे पा रहें है उनकी भी जिम्मेदारी सुनिश्चत की जाए। बैठक में निदेशक समाज कल्याण राकेश कुमार व अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहें।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतियाोगियों को मिलेगा निःशुल्क टेबलेट
प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतियाोगियों को निःशुल्क टैबलेट प्रदान किये जाने का निर्णय लिया है। ऐसे अभ्यर्थी जो आॅफलाइन/आॅनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं उन्हें प्रत्येक मण्डलों में 500-500 निःशुल्क टेबलेट उपलब्ध कराया जायेगा। इस सम्बंध में प्रमुख सचिव समाज कल्याण के0 रविन्द्र नायक ने निदेशक समाज कल्याण को निर्देश दिये हैं कि जेम पोर्टल के माध्यम से टैबलेट का क्रय किया जायेगा। टैबलेट क्रय करने के बाद सम्बंधित मण्डल मुख्यालय को निर्धारित संख्या में टैबलेट उपलब्ध कराया जायेगा। टैबलेट वितरण कार्यक्रम हेतु मण्डल मुख्यालय में समारोह का आयोजन किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने निदेशक समाज कल्याण को निर्देशित किया है कि टैबलेट की विशिष्टियां/स्पेशिफिकेशन के लिए प्रबन्ध निदेशक यू0पी0 डिस्को, प्रबन्ध निदेशक यू0पी0 इलेक्ट्रानिक्स कापोरेशन लि0, अपर निदेशक उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी, लखनऊ एवं निदेशक एन0आई0सी0 द्वारा नामित विषय विशेषज्ञ से विचार-विमर्श व सहयोग से निर्धारित कर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम में दी गयी व्यवस्था के अनुसार जेम पोर्टल से प्रोक्योरमेन्ट की कार्यवाही सुनिश्चित करने के पश्चात निर्धारित मात्रा के अनुसार जनपद के जिलाधिकारी को टैबलेट की आपूर्ति सुनिश्चित करेगें। यदि जेम पोर्टल पर प्रोक्योरमेन्ट के सम्बन्ध में किसी तरह की कठिनाई आती है तो सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम से गठित सेल के अन्तर्गत तकनीकी अधिकारियों से सम्पर्क कर निवारण करेगें। समिति द्वारा माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित टैबलेट विशिष्टियों को संज्ञान में लेते हुये निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आपूर्तिकर्ता द्वारा निर्धारित मात्रा में टैबलेट सम्बंधित मण्डलायुक्त को उपलब्ध कराया जायेगा। योजनान्तर्गत निःशुल्क टैबलेट वितरण एवं कार्यक्रम का उत्तरदायित्व सम्बंधित मण्डलायुक्त का होगा। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने बताया कि निःशुल्क टैबलेट के लिए अभ्यर्थी को मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में पंजीकृत होना चाहिए तथा मण्डलीय प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। पूर्व में आयोजित आॅनलाइन परीक्षा परिणाम के आधार पर वरीयता का निर्धारण किया जायेगा तथा समान अंक प्राप्त होने की स्थिति में कम आय वाले अभ्यर्थियों को वरीयता प्रदान की जायेगी। उन्होेंने कहा कि टेबलेट वितरण हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण नियमों का पालिन सुनिश्चित किया जायेगा। यदि आरक्षण के अनुसार अभ्यर्थी उपलब्ध न हो तो मण्डलायुक्त द्वारा वरीयता के आधार पर अन्य अभ्यार्थियों केा टेबलेट वितरण किये जाने पर विचार किया जायेगा। रू0 2.50 लाख की वार्षिक आय वाले अभ्यार्थियों को प्राथमिक प्रदान की जायेगी। यदि लक्ष्य अवशेष रह जाता है तो 2.50 लाख से 6.00 लाख तक की वार्षिक आय वालों को कम से ज्यादा की ओर के आधार पर वितरण किया जायेगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि टैबलेट वितरण हेतु 50 प्रतिशत छात्र तथा 50 छात्राओं को ही यह सुविधा अनुमन्य है। जिन अभ्यर्थियों के माता-पिता नहीं हैं, उनको वरीयता प्रदान की जायेगी। अभ्यर्थी ने पूर्व में किसी अन्य विभाग द्वारा टैबलेट या अन्य कोई इलेक्ट्रानिक उपकरण विगत 05 वर्षाें में लाभ प्राप्त न किया हो तथा परिवार में एक से अधिक अभ्यर्थियों को योजना का लाभ अनुमन्य नहीं होगा। अभ्यर्थी से आय प्रमाण पत्र के रूप में एक लिखित प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा। यदि भविष्य में आय से सम्बन्धित कोई शिकायत प्राप्त होती है अथवा आय के सम्बन्ध में कोई तथ्य गलत पाया जाता है तो सम्बन्धित अभ्यर्थी से टैबलेट वापस ले लिया जायेगा, परन्तु प्रशिक्षण से वंचित नही किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मण्डलायुक्त लखनऊ द्वारा मण्डलवार अभ्यर्थियों का पूर्ण विवरण तथा वरीयता के आधार पर सूची सभी मण्डलायुक्तों को उपलब्ध करायी जायेगी। महानिदेशक, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी, लखनऊ द्वारा मण्डलायुक्तों के माध्यम से पात्रता सूची संकलित कर निदेशक, समाज कल्याण को उपलब्ध करायेगें। यदि किसी मण्डल में 500 अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होते है, ऐसी स्थिति में संबंधित मण्डलायुक्त की संस्तुति के आधार पर निदेशक समाज कल्याण द्वारा लक्ष्यों का पुनः निर्धारण किया जायेगा।