By अनुराग गुप्ता | May 26, 2022
टोक्यो। उत्तर कोरिया के नापाक इरादों के खिलाफ अमेरिका और जापान ने संयुक्त रूप से अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की। आपको बता दें कि अमेरिकी सेना और जापान के सेल्फ डिफेंस फोर्स ने गुरुवार उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल परीक्षण के बाद एक साथ फाइटर जेट उड़ाए। फाइटर जेट्स ने जापान सागर के ऊपर से उड़ान भरी जिसमें उत्तर कोरिया ने बुधवार को तीन मिसाइलें दागी थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सेना ने बताया कि अभ्यास क्षेत्रीय खतरों को रोकने और संयुक्त क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए किया गया। वहीं रॉयटर्स ने दो अज्ञात अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि अमेरिका और जापान अपना संयुक्त संकल्प दिखाना चाहते थे।
तीन मिसाइलों का किया परीक्षण
उत्तर कोरिया ने बुधवार को पूर्वी एशिया में ताजा तनाव उस वक्त पैदा कर दिया जब क्वाड नेताओं की बैठक की बैठक संपन्न हो चुकी थी और अमेरिकी राष्ट्रपति टोक्यों से उड़ान भर चुके थे। उसी बीच उत्तर कोरिया ने तीन मिसाइलों का परीक्षण किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपनी यात्रा के दौरान इस बात की पुन: पुष्टि की है कि अमेरिका उत्तर कोरिया के खतरे के मद्देनजर अपने सहयोगियों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया ने एक संदिग्ध इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) और दो कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था।
दक्षिण कोरिया के उपराष्ट्रीय सलाहकार किम तेई-हेओ ने बताया था कि पहली मिसाइल का आंकलन किया गया था जो उत्तर कोरिया की सबसे बड़ी ह्वासोंग-17 मिसाइल है और इसकी संभावित क्षमता में संपूर्ण अमेरिकी मुख्य भूमि आती है। ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने बयान में कहा कि इसके जवाब में अपनी क्षमता दिखाने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेना ने सतह से सतह पर मार करने वाली दो मिसाइलें दागीं।
वहीं जापान ने उत्तर कोरिया के जापान के मिसाइल परीक्षण को उकसावे वाली कार्रवाई करार दिया था। रक्षा मंत्री नोबौ किशी ने कहा था कि यह परीक्षण उकसाने की कार्रवाई है। उन्होंने उत्तर कोरिया पर लोगों की परेशानियों को नज़रअंदाज़ करके हथियार कार्यक्रम पर आगे बढ़ने का आरोप लगाया था।