By प्रेस विज्ञप्ति | Jun 18, 2021
उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीराम चैहान ने आज सप्रू मार्ग, स्थित उद्यान भवन के सभागार में उद्यान विभाग के वेब पोर्टल को लाॅन्च किया। उन्होंने कहा कि इस वेब पोर्टल से किसानों को उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर उनका लाभ उठा सकते हैं इस वेब पोर्टल के माध्यम से किसान अपने मोबाइल नं0 को आईडी बनाकर संचालित सभीह योजनाओं के बारे में जानकारी कर अपना रजिस्ट्रेशन कर लाभ उठा सकते हैं।
उद्यान मंत्री ने कहा कि पहले उद्यान विभाग कृषि विभाग के वेब पोर्टल पर काम करता था। अब उद्यान विभाग स्वयं का वेब पोर्टल लांच करके किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुॅचाने का कार्य करेगा। विभागीय पोर्टल के माध्यम से किसानों को तकनीकी जानकारी के साथ-साथ फसलों को और बेहतर उत्पादन करने की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसान अपनी समस्याओं के बारे मे इस वेब पोर्टल के माध्यम से अवगत करा सकता हैं ।किसानों को डी0बी0टी0 की भी समस्त जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में एम.वी.एस.रामी रेड्डी, अपर मुख्य सचिव ने विभागीय वेब पोर्टल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विभागीय योजनाओं के कुशल अनुश्रवण हेतु डैश बोर्ड का प्राविधान करते हुए लाभार्थी कृषकों को आईडी के रूप में उनके आधार नम्बर प्रदान करने के निर्देश दिये गये और पोर्टल को पी.एफ.एम.एस. से जोड़ने हेतु राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एन.आई.सी.) से सम्बद्वता प्राप्त की जाये। साथ ही विभागीय कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान सर्वसम्बन्धित मण्डलीय एवं जनपदीय उद्यान अधिकारियों को कार्यक्रमों के समयबद्व क्रियान्वयन एवं शत-प्रतिशत उपलब्धि के साथ वर्षाकाल में निर्धारित 1.33 करोड़ वृक्षारोपण लक्ष्यों की पूर्ति एवं उनके जीवितता सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी दिये। इस अवसर पर विशेष सचिव उद्यान श्री सुरेन्द्र राम, उद्यान विभाग के निदेशक डा0 आर0के0 तोमर, संयुक्त निदेशक वी0पी0 द्विवेदी सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
गोसेवा आयोग द्वारा प्रदेश की गोशालाओं में 1.50 लाख पौधों का रोपण करने का लक्ष्य
उप्र गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नन्दन सिंह अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आज यहां निर्णय लिया गया कि आगामी पखवारे 23 जून 2021 से 06 जुलाई 2021 तक प्रदेश स्थित गोशालाओं में वृहद वृक्षारोपण किया जायेगा। प्रदेश की समस्त गोशालाओं को वृक्षों के महत्व को दर्शाते हुए अधिक से अधिक वृक्षों को रोपित करने हेतु आयोग द्वारा पत्र एवं दूरभाष के माध्यम से आग्रह किया गया है। गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि इसके साथ-साथ प्रत्येक जनपद के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों को भी पत्र द्वारा निर्देशित किया गया है कि वे अपने जनपद में स्थित गोशालाओं एवं उद्यान तथा वन विभाग से समन्वय कर योजनाबद्ध ढंग से अधिकाधिक पौधों के रोपण हेतु गोशालाओं को प्रेरित करें। इस वर्ष उ0प्र0 गोसेवा आयोग द्वारा प्रदेश की गोशालाओं में 1.50 लाख पौधों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। गोशालाओं में संरक्षित गोवंश की आवश्यकताओं को देखते हुये गोशालाओं में औषधीय व सगंध पौधों तथा छायादार, फलदार वृक्ष जैसे नीम, पीपल, बरगद, पाकड़, आम, अशोक, इमली, महुआ, बेल, अर्जुन, सहजन आदि वृक्षों का रोपण किये जाने का अनुरोध किया गया, जिससे गोवंश को शुद्ध हवा, अच्छी छांव तथा पौष्टिक चारे की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। बैठक में उ0प्र0 गोसेवा आयोग के सचिव डा0 वीरेन्द्र सिंह, अपर सांख्यिकीय अधिकारी अनिल गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी डा0 शिव ओम गंगवार, विशेष कार्याधिकारी डा0 प्रतीक सिंह, विशेष कार्याधिकारी डा0 नरजीत सिंह उपस्थित रहे। सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किये जाने के निर्देश। सरकार जन-कल्याणकारी योजनाओं के कार्यकलापों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता दे रही। जनमानस को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया का अधिकतम प्रयोग किये जाने पर दिया जा रहा बल। योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए प्रत्येक विभाग का अपना सोशल मीडिया हैण्डल होना आवश्यक। लोक कल्याणकारी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने तथा इससे लाभान्वित करने के लिए सोशल मीडिया का अधिक से अधिक प्रयोग करने के निर्देश। सभी विभाग शोसल मीडिया के माध्यम से लोंगो से सूचनाआंे का आदान-प्रदान करें।
सोशल मीडिया विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा जन प्रतिक्रियाओं को व्यक्त करने का सशक्त साधन
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का निर्देश है कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्वीटर, यू-टयूब, इंस्टाग्राम, व्हाट्स ऐप के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर कराया जाये तथा सरकार की मंशानुरूप लोगों की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं के कार्यकलापों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता दे रही है। साथ ही प्रदेश के जनमानस को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया का अधिकतम प्रयोग किये जाने पर बल दे रही है। अपर मुख्य सचिव, सूचना सहगल आज लोक भवन स्थित मीडिया सेन्टर में सभी विभागों के सोशल मीडिया के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्हांेने निर्देशित किया कि योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए प्रत्येक विभाग का अपना सोशल मीडिया हैण्डल होना आवश्यक है, जिसके माध्यम से योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सके। उन्हांेने विभाग की लोक कल्याणकारी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने तथा इससे उन्हें लाभान्वित करने के लिए सोशल मीडिया का अधिक से अधिक प्रयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति तथा जनता के लिए किये जाने वाले उल्लेखनीय कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। उन्हांेने कहा कि सभी विभाग सोशल मीडिया के माध्यम से लोंगो से सूचनाआंे का आदान-प्रदान करें। उन्होंने निर्देशित किया कि लोंगो की समस्याओं समस्याओं का निराकरण कराते हुए शीघ्र लाभान्वित कराने का भी पूरा प्रयास किया जाये। उन्हांेने निर्देशित किया कि सरकार के कार्यक्रमों एवं नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाये। सहगल ने कहा कि सरकार और जनता केे बीच संवाद बनाने के लिए सोशल मीडिया एक बेहतर विकल्प है। उन्हांेने कहा कि आम जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग किया जाना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में त्वरित न्याय पाने के लिए लोंगो का सोशल मीडिया पर विश्वास बढ़ा है। उन्हांेने सोशल मीडिया के सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी विभागीय योजनाओं को जनता तक पहंुचायंे, जिससे कि आम जनमानस सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा जन प्रतिक्रिया को व्यक्त करने का सशक्त साधन भी है, इसलिए सभी सरकारी विभागों को सोशल मीडिया से जुडा होना जरूरी है। इस अवसर पर निदेशक सूचना, शिशिर ने बताया कि सभी विभागों से समन्वय स्थापित करने के लिए एक व्हाट्स ऐप ग्रुप बना दिया गया है, जिससे की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके और सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं नीतियों का प्रचार-प्रसार बेहतर ढंग से किया जा सके। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक श्री विनोद कुमार पाण्डेय, उप निदेशक श्री दिनेश कुमार सहगल के साथ अन्य विभागों के सोशल मीडिया के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे। लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2019 से सम्बन्धित आंकड़ों व निर्वाचन सम्बन्धी गतिविधियों को समाहित करते हुए तैयार की गयी।
एटलस नामक पुस्तिका का विमोचन
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 15 जून, 2021 को लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2019 से सम्बन्धित आंकड़ों व निर्वाचन सम्बन्धी गतिविधियों को समाहित करते हुए तैयार की गयी एटलस नामक पुस्तिका का विमोचन किया गया। यह पुस्तिका लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 के सम्बन्ध में उम्मीदवारों की संख्या से लेकर मतदाताओं की संख्या तक चुनावी प्रक्रिया के सभी पहलुओं के प्रासंगिक डेटा को समाहित करती है। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री अजय कुमार शुक्ला ने दी है।
उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी द्वारा आॅनलाइन गायन प्रतियोगिता का आयोजन
उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी द्वारा कोविड-19 की महामारी के दृष्टिगत सिंधी गायन प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन आनलाईन माध्यम से किया जायेगा। प्रतियोगिता को चार वर्गों में आयोजित किया गया है। प्रत्येक वर्ग के प्रतिभागी को कार्यक्रम में प्रतिभाग हेतु न्यूनतम 02 मिनट से अधिकतम 3 मिनट तक कोई सिन्धी गीत, भजन अथवा लाडा का वीडियों बनाकर 20 जून, 2021 तक निर्धारित वाहट्सअप नम्बर 9335925927 पर भेजा जाना होगा। यह जानकारी आज यहां उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी, लखनऊ के उपाध्यक्ष श्री नानकचन्द्र लखमानी ने दी। उपाध्यक्ष लखमानी ने बताया कि कार्यक्रम में निर्णायकों द्वारा विजयी घोषित किये जाने पर विजयी प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं पांच सांत्वना पुरस्कार क्रमशः रू0 3000/- 2000/- 1000/- 500/- तथा पुस्तकें एवं सर्टिफिकेट प्रदान किये जायेंगे। उक्त के साथ ही कार्यक्रम में समस्त प्रतिभागियों को सिन्धी पुस्तकें एवं सर्टिफिकेट प्रदान किये जायेंगे। बाल सिन्धी गायन प्रतियोगिता हेतु 10 वर्ष तक की आयु के बालक/बालिकाएं, युवा सिन्धी गायन प्रतियोगिता हेतु 11 वर्ष से 20 वर्ष तक आयु के युवक एवं युवतियां, वयस्क सिन्धी गायन प्रतियोगिता हेतु 20 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयुवर्ग के तथा वरिष्ठ सिन्धी गायन प्रतियोगिता हेतु 60 से अधिक आयु के वरिष्ठ पुरूष व महिलायें पात्र होंगे।
किसानों को किया गया 9501.91 करोड़ रूपये का भुगतान
रबी खरीद वर्ष 2020-21 के तहत प्रदेश में स्थापित 5678 गेहूँ क्रय केन्द्रों के माध्यम से, 1975 रूपये प्रति कुन्तल की निर्धारित दर से खरीद करते हुए, अब तक 5570149.61 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद की गयी है। इसके एवज में 1276442 किसानों को लाभान्वित करते हुए, उनके खातों में 9501.91 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज 9832.95 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद हुई है। इस वर्ष खाद्य विभाग ने 14.59 लाख मी0टन, पी0सी0एफ0 ने 26.40 लाख मी0टन, यू0पी0पी0सी0यू0 ने 6.31 लाख मी0टन, यू0पी0एस0एस0 ने 4.32 लाख मी0टन, एस0एफ0सी0 ने 1.12 लाख मी0टन, मण्डी परिषद ने 1.55 लाख मी0टन तथा भारतीय खाद्य निगम ने 1.39 लाख मी0टन खरीद की है।
वृक्षारोपण जन आन्दोलन 2021 में रोपित किए जा रहे 30 करोड़ वृक्ष स्थापित होने से प्रतिदिन 12.30 करोड़ व्यक्तियों की आॅक्सीजन की आवष्यकता करेंगे पूर्ण
आगामी वर्शाकाल में वृक्षारोपण जन आन्दोलन 2021 में रोपित किए जा रहे 30 करोड़ वृक्ष स्थापित होने के उपरान्त प्रतिदिन 12.30 करोड़ व्यक्तियों की आॅक्सीजन की आवष्यकता पूर्ण करेंगे। स्वस्थ व मध्यम आयु का एक वृक्ष प्रतिदिन 225.80 लीटर आॅक्सीजन का उत्पादन करता है। प्रदेश में रोपित किए जा रहे 30 करोड़ वृक्ष स्थापित होने के उपरान्त 30 करोड़ ग 225.80 कि.ग्रा. त्र 6,774 करोड़ लीटर आॅक्सीजन का उत्सर्जित करेंगे। एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 550 लीटर आॅक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसलिए समस्त रोपित वृक्षों के जीवित रहने की स्थिति में वे प्रति दिन 12.30 करोड़ व्यक्तियों की आॅक्सीजन की आवष्यकता की पूर्ति करेंगे। आॅक्सीजन का मूल्य 4 रू0 प्रति लीटर मानने पर रोपित वृक्षों से प्रतिदिन प्राप्त होने वाली आॅक्सीजन का मूल्य रू0 50 करोड़ होगा। वृक्ष, प्रकाष संष्लेशण क्रिया से भोजन बनाने की प्रक्रिया में वातावरण से कार्बन डाई आॅक्साईड ग्रहण कर प्राण वायु आॅक्सीजन उत्सर्जित करते हैं।
सिंचाई विभाग द्वारा संचालित पम्प/लिफ्ट नहरों, सरकारी नलकूपों पर उपभोग किए जाने वाली विद्युत मूल्य के अग्रिम भुगतान हेतु 250 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत संचालित पम्प/लिफ्ट नहरों, सरकारी नलकूपों पर उपभोग किए जाने वाली विद्युत बिल के भुगतान हेतु चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राविधानित धनराशि 3400.00 करोड़ रूपये में से प्रथम तिमाही हेतु 250.00 करोड़ रूपये उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन लि0 लखनऊ को अग्रिम भुगतान किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस सम्बन्ध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की ओर से कल 17 जून 2021 को शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस धनराशि में से पम्प नहरों हेतु 50 करोड़, उत्थान सिंचाई योजनाओं हेतु 20 करोड़ रूपये तथा सरकारी नलकूपों हेतु 250 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि सिंचाई विभाग वास्तविक बिलों के भुगतान का सत्यापन ऊर्जा विभाग द्वारा कराया जाएगा। रेज किये गये बिलों का माहवार संकलित विवरण अगली किश्त की स्वीकृति का प्रस्ताव प्रेषित करते समय उपलब्ध कराया जाएगा। इस अग्रिम धनराशि के आहरण के पूर्व प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा किइस प्रयोजन हेतु पूर्व में आहरित अग्रिम/अग्रिमों का नियमानुसार समायोजन हो चुका है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में उ0प्र0 पावर काॅरपोरेशन लि0 को अग्रिम रूप में किये गये भुगतान के सापेक्ष किये गये सत्यापन/समायोजन की सूचना शासन को 15 दिन के अन्दर उपलब्ध करा दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद को निर्यात हब के रूप में विकसित किये जाने हेतु ओवरसीज टेªड प्रमोशन व फैसिलिटेशन सेन्टर्स की स्थापना होगी। 400 करोड़ के निर्यात वृद्धि के साथ 4000 लोगों को अतिरिक्त रूप से मिलेगा रोजगार। ट्रेड प्रमोशन व फैसिलिटेशन सेन्टर्स की स्थापना से जनपदों में निर्यात संस्कृति का होगा सृजन। निर्यातकों के लिए ग्लोबल बी2बी मीट, वर्चुअल ट्रेड फेयर्स, बायर सेलर मीट में प्रतिभाग करने में दिया जायेगा सहयोग। सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटेशन संेटर की स्थापना से जनपद स्तर पर इकाइयों की कठिनाइयों का होगा समाधान। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद को निर्यात हब के रूप में विकसित किये जाने हेतु ओवरसीज टेªड प्रमोशन व फैसिलिटेशन सेन्टर्स स्थापित होगा तथा इनके साथ समन्वय हेतु एक सेंट्रलाइज़्ड फैसिलिटेशन सेंटर की भी स्थापना की जायेगी। इसके फलस्वरूप 400 करोड़ रूपये के निर्यात वृद्धि के साथ लगभग 4000 लोगों को अतिरिक्त रूप से रोजगार उपलब्ध होगा। इसके कार्यान्वयन के लिए 05 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की जायेगी। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि ओवरसीज ट्रेड प्रमोशन व फैसिलिटेशन सेन्टर्स के संचालन से प्रदेश के 25 निर्यात बाहुल्य जनपदों से निर्यात में 250 करोड़ की वृद्धि अनुमानित है। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 2500 की संख्या में रोजगार का संृजन होगा। इसी प्रकार प्रदेश के 25 अपेक्षाकृत कम निर्यात वाले जनपदों से 125 करोड़ के निर्यात में वृद्धि और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 1250 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा अन्य शेष जनपदों से 25 करोड़ के निर्यात में वृद्धि एवं 250 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होगा। डा0 सहगल ने बताया कि जनपद स्तरीय ट्रेड प्रमोशन व फैसिलिटेशन सेन्टर्स की स्थापना से जनपदों में निर्यात संस्कृति का सृजन होगा। स्थानीय इकाइयों को निर्यातपरक बनाने जाने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही उत्पादों की ई-मार्केटिंग हेतु हैण्ड होल्डिंग सपोर्ट भी प्रदान किया जायेगा, निर्यात प्रारम्भ करने हेतु इच्छुक इकाइयों को कम्पनी फाॅरमेशन, बैंक एकाउंट ओपनिंग आदि में सहायता दी जायेगी । इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन भी किया जायेगा। साथ ही ग्लोबल बी2बी मीट, वर्चुअल ट्रेड फेयर्स, बायर सेलर मीट में प्रतिभाग करने में सहयोग दिया जायेगा। डा0 सहगल ने बताया कि सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटेशन संेटर की स्थापना से जनपद स्तर पर इकाइयों की कठिनाइयों का समाधान होगा। इकाइयों को आवश्यकता के अनुरूप परामर्श तथा मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उत्पादनवार टेªड गाइड्स तथा अन्य उपयोगी साहित्य का प्रकाशन कराया जायेगा। साथ ही हेल्पडेस्क भी स्थापित कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि ओवरसीज टेªेड प्रमोशन व फैसिलिटेशन सेंटर दो स्तर पर स्थापित किये जायेंगे। जनपद स्तर प्रदेश के समस्त जनपदों के जिला प्रोत्साहन केन्द्रों में इसकी स्थापना होगी। जनपद स्तरीय सेन्टर्स से समन्वय स्थापित किये जाने हेतु सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटेशन सेंटर लखनऊ में कैसरबाग स्थित उ0प्र0 निर्यात संवर्धन परिषद कार्यालय में स्थापित किया जायेगा। अपर मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा देश से निर्यात को बढ़ाने में राज्यों की भूमिका के सक्रिय पारस्परिक समन्वित प्रयासों पर विशेष बल दिया जा रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद को निर्यात हब के रूप में विकास किये जाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा निरंतर राज्यों के लिए दिशा-निर्देश एवं गाइडलाइन्स जारी की जा रही है। इसी क्रम में केन्द्र सरकार की अपेक्षानुसार प्रदेश में पृथक रूप से टेªड फैसिलिटेशन कमिश्नर की नियुक्ति की गई है एवं प्रत्येक जनपद को डिस्ट्रिक एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किये जाने हेतु डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट एक्शन प्लान तैयार कराये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जनपद में एक्सपोर्ट डेवलपमेंट संेटर्स की स्थापना का कार्य भी प्रक्रियाधीन है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के अवसर पर राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा दीप प्रज्जवलन कर चित्रकला अनुभाग से सम्बन्धित रानी लक्ष्मीबाई, बुन्देलखण्ड शैली, 19वीं शताब्दी का लघुचित्र दर्शकों के अवलोकनार्थ प्रदर्शित किया गया। रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवम्बर 1828 में बनारस में हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झांसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना थी जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया था। रानी लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था, जिन्हें प्यार से मनु पुकारा जाता था। इनके विवाह 1842 में झांसी के राजा गंगाधर राव निवालकर से हुआ था। 1857 में उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुयी किन्तु 1853 में उनके पुत्र एवं पति दोनों का देहावसान हो गया। इसके पश्चात् रानी ने एक पुत्र को गोद लिया, परन्तु लाॅर्ड डलहौजी की नीतियों के कारण इनके पुत्र को उत्तराधिकारी की मान्यता नहीं प्रदान की गयी। ऐसी स्थिति में रानी ने अंगे्रजों से युद्ध करने का निर्णय लिया। प्रदर्शित लघुचित्र में रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेजों से युद्ध करते दर्शाया गया है। चित्र में रानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र को पीछे पीठ पर बंधे हुये दिखाया गया है। उनके साथ उनकी सखी हाथ में ध्वज लिए अंग्रेजांे से युद्धरत हैं। उनके सैनिक मराठा वेशभूषा में लड़ते हुये दिखाये गये हैं। इस चित्र को प्रदर्शित करने का उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर सेनानियों के प्रति श्रद्धाजंलि अर्पित करना है। इस चित्र के माध्यम से हमारी ऐतिहासिक घटना को कागज पर उकेरा ही नहीं गया है बल्कि उसमें रंग संयोजन के माध्यम से सजीवता भी प्रदान की गयी है। इस अवसर पर संग्रहालय निदेशालय के निदेशक डाॅ0 आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि भारत सभ्यता एवं संस्कृति की दृष्टि से अत्यंत समृद्धशाली देश है, अतएवं अपनी विरासत और धरोहरों की सुरक्षा और संरक्षण करना भी हम सभी का दायित्व है, प्रत्येक नागरिक को अपनी समृद्ध धरोहर एवं सभ्यता से परिचित कराने के लिए राज्य संग्रहालयनिरन्तर इस प्रकार की विशिष्ट कलाकृतियों का प्रदर्शन करता रहता है। इस अवसर पर राज्य संग्रहलय, लखनऊ की सहायक निदेशक सुश्री अलशाल फात्मी, डाॅ0 मीनाक्षी खेमका, पूर्व सहायक निदेशक डाॅ0 चन्द्रमोहन वर्मा, वित्त एवं लेखाधिकारी तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
डाॅ0 दिनेश शर्मा ने लखनऊ के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकीय सुविधाओं को और बेहतर बनाने हेतु अपनी विधायक निधि से दी
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने जनपद लखनऊ में कोविड महामारी के प्रभावी प्रबंधन एवं मरीजों को और अधिक बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु ऑक्सीजन प्लांट तथा सुविधाजनक रूप से चिकित्सालय तक ले जाने के उद्देश्य से जनपद के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंबुलेंस व ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन की व्यवस्था हेतु अपनी विधायक निधि से 01 करोड़ रुपए निर्गत किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। उप मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी के प्रभावी प्रबंधन हेतु मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने तथा मरीजों को चिकित्सालय तक लाए जाने के उद्देश्य से जनपद लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टुड़ियागंज लखनऊ एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐशबाग लखनऊ को ऑक्सीजन प्लांट तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज लखनऊ को एक एंबुलेंस ए०एल०एस० (समस्त साज-सज्जा एवं अत्याधुनिक जीवन रक्षक उपकरणों सहित) तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी लखनऊ को एक एंबुलेंस ए०एल०एस० (सामान्य साज-सज्जा सहित), ऑक्सीजन पाइप लाइन हेतु अपनी विधायक निधि से एक करोड़ रुपए निर्गत किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है।
रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के अवसर पर किया गया कार्यक्रम का आयोजन
चैरी-चैरा शताब्दी समारोह एवं आजा़दी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला के अन्तर्गत संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत आॅनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘‘खूब लड़ी मर्दानी’’ का आयोजन झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस दिनांक 18 जून, 2021 को अपरान्ह 3ः00 बजे से किया गया। जिसका शुभारम्भ श्री मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आॅनलाइन किया गया। सर्वप्रथम आंेकार शंखधर द्वारा ‘भजमन रामचरन सुखदायी, कृष्ण-कृष्ण बोल हरि-हरि बोल तथा हे पवन पुत्र हुनमान राम के भक्त निराले’ भजन गायन की प्रस्तुति की गयी, जिसे विभिन्न वर्चुअल माध्यमों से जुड़े दर्शकों द्वारा सराहा गया। द्वितीय प्रस्तुति महोबा के श्री शरद अनुरागी द्वारा ‘‘रानी लक्ष्मीबाई की गौरव गाथा महोबा की लड़ाई’’ का ओजपूर्ण गायन बुन्ेदली आल्हा शैली में किया गया। इसके पश्चात् जौनपुर के आल्हा गायक श्री फौजदार सिंह द्वारा ‘‘बड़ी लाडली बाजीराव की’’ आल्हा गायन की प्रस्तुति ने दर्शको को मंत्रमुग्ध किया। रामरथ पाण्डेय रायबरेलीद्वारा भी अवधी शैली में ‘गाॅव महोली में काशी में जहां पर विश्वनाथ दरबार तहां पर जन्मी लक्ष्मीबाई है यू0पी0 के बीच मझार’ के द्वारा आजा़दी के समर में रानी लक्ष्मीबाई के योगदान को अपने आल्हा गायन के माध्यम से श्रृद्धाजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम के अंत में आंेकार शंखधर लखनऊ द्वारा सुमित्रा रानी चैहान लिखित वीर रस की कविता ‘बुन्देले हर बोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी’ के गायन से अंग्रेजो से वीरतपूर्वक लड़ रही रानी का दृश्य जीवन्त हो उठा। श्री शिशिर निदेशक संस्कृति व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा समस्त कलाकारों एवं वर्चुअल माध्यम से जुड़े दर्शको को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
पीएम स्वनिधि योजना समीक्षा वर्चुअल बैठक
अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे ने समीक्षा करते हुए जानकारी दी कि पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के अंर्तगत प्रदेश भर में स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक मदद दी जा रही है। पीएम स्वनिधि योजना का लाभ प्रदेश के समस्त नगर निकायों में स्ट्रीट वेंडर्स को मिल रहा है। पीएम स्वनिधि योजना में लॉकडाउन व कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे स्ट्रीट वेंडर्स ने ऑनलाइन आवेदन किया। उन्होंने बताया कि 17 नगर निगमों सहित समस्त नगर निकायों में क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत लगभग 9,82,000 शहरी पथ विक्रेताओं का डाटा वितरण योजना के पोर्टल पर उपलब्ध कराये गये है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक 9,57,000 ऑनलाइन आवेदन हुए, 637000 ऋण स्वीकृत हुए तथा 574000 ऋण वितरित किए जा चुके हैं। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 128000 लाभार्थियों के पंजीकरण फॉर्म में त्रुटियां हैं। जिसका जल्द से जल्द निस्तारण करने के लिए उनके द्वारा निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव ने बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए ये भी कहा कि लभार्थियों को डिजिटल पेमेंट करवाने पर अधिक जोर दिया जाये। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) एवं पीएम स्वनिधि योजना को लेकर नगरीय निकाय निदेशालय में आयोजित हुए वर्चुअल समीक्षा बैठक में विशेष सचिव नगर विकास विभाग इंद्रमणि त्रिपाठी, नगरीय निकाय निदेशालय की निदेशक शकुन्तला गौतम जी, सूडा निदेशक उमेश प्रताप सिंह जी समते समस्त नगर आयुक्त नगर निगम/समस्त परियोजना निदेशक(डूडा)/समस्त परियोजना अधिकारी(डूडा)/समस्त अधिशासी अधिकारी(अमृत टाउन) एवं जिला मुख्यालय नगरीय क्षेत्रों के अधिकारी जुड़े रहे।
राजकीय महाविद्यालय में पारदर्शी ऑनलाइन स्थानांतरण नीति के अंतर्गत प्राचार्य एवं प्रवक्ताओं का होगा स्थानांतरण
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रवक्ताओं के कार्य संतुष्टि को अधिकतम करने तथा छात्रध्शैक्षिक हित संरक्षित करने के लिए स्थानांतरण में पारदर्शिता, समानता एवं मांग आधारित उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राजकीय महाविद्यालय हेतु स्थानांतरण नीति लागू की गई है। उच्च शिक्षा विभाग में अपनाई गई इस पारदर्शी ऑनलाइन स्थानांतरण नीति के अंतर्गत स्थानांतरण किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान स्थानांतरण सत्र हेतु अभ्यर्थियों से वास्तविक उपलब्ध रिक्तियों के सापेक्ष ऑनलाइन आवेदन में विकल्प प्राप्त करने की अंतिम तिथि 28 जून 2021 निर्धारित की गई है, जिसके क्रम में स्थानांतरण नीति में निर्धारित व्यवस्था के अनुसार उपयुक्त प्राचार्य एवं प्रवक्ताओं को उनके द्वारा दिए गए विकल्पों के राजकीय महाविद्यालयों में स्थानांतरण करते हुए तैनाती प्रदान की जाएगी। स्थानांतरित प्राचार्यो एवं प्रवक्ताओं को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर संदेश भेजा जाएगा और वह अपने लॉगिन अकाउंट से स्थानांतरण आदेश प्राप्त कर सकेंगे।
प्रदेश सरकार, प्रदेश के बुजुर्गों को समस्त प्रकार की सहायता देने के लिए संचालित ‘‘अटल वयो अभ्युदय योजना’’ के तहत‘‘प्रोजेक्ट एल्ड़रलाइन’’ की हेल्पलाइन नं0 14567 पर प्राप्त समस्या का कर रही है समाधान
प्रदेश में कोरोना महामारी ने प्रदेश के कुछ परिवारों के कमाने वालो को अपनी चपेट में ले लिया और उनके निधन से उनके वृद्ध परिवारी जनों पर परेशानियाँ आने लगी। साथ ही कुछ बुजुर्ग गरीबी व असहाय होने के कारण अपनों से बिछड़ कर सड़कों के फुटपाथ पर जीवन बिताने को मजबूर हो गये। कुछ ऐसे बुजुर्ग है जिनके बच्चे बाहर है, या बेसहारा संतान न होने पर जीवन का दर्द व रूपये की तंगी के कारण बीमारी का इलाज दवाओं, खाद्य सामग्री, आवासीय सुविधा आदि से वंचित होने पर उनके समक्ष समस्या आती है। प्रदेश में बुजुर्गों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का भारत सरकार द्वारा नवीन चलायी गयी ‘‘अटल वयो अभ्युदय’’ योजना में समाहित करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को सभी प्रकार की सहायता दी जा रही है। कोरोना काल में बुजुर्गो की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को भावनात्मक सहयोग, स्वास्थ्य सेवा एवं उपचार, कानूनी सहायता, वृद्धाश्रम की व्यवस्था, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक आदि अन्य समस्त सुविधा सहायता देने के लिए प्रदेश में ‘‘एल्डरलाइन’’ की शुरूआत की है। जो वृद्धजनों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। कोरोना काल में यह प्रोजेक्ट बुजुर्गों का सहारा बनी है। भारत सरकार की यह योजना बुजुर्गों के कल्याणार्थ प्रदेश में लागू की गई प्रोजेक्ट एल्डरलाइन से वृद्धजनों की पूरी सहायता की जा रही है। एल्डरलाइन के तहत उत्तर प्रदेश के शहरी व ग्रामीण किसी भी जिले के बुजुर्ग शुरू की गई फ्री टोल हेल्पलाइन 14567 नम्बर पर फोन कर मदद ले सकते है। इस हेल्पलाइन पर बुजुर्ग प्रतिदिन फोन करते है और उन्हें सरकार द्वारा आवश्यक मदद दी जा रही है। अब तक प्रदेश के लगभग 7 हजार बुजुर्गों को विभिन्न प्रकार की सहायता दी गई है। प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई इस योजना से उ0प्र0 बुजुर्गों की सहायता करने वाला देश का पहला राज्य हो गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित इस योजना को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में लागू करते हुए क्रियान्वयन आरम्भ कर दिया है। यह प्रोजेक्ट एल्डरलाइन पूरे प्रदेश के समस्त जिलो मंे लागू है और बुजुर्ग लोग इससे लाभान्वित हो रहे है। इस योजना के तहत बुजुर्गों को दी जा रही सुविधा/सहायता का भारत के मा0 प्रधानमंत्री जी नरेन्द्र मोदी जी ने भी योगी जी की प्रसंसा की है। प्रदेश की एल्डरलाइन प्रोजेक्ट के तहत फ्री टोल नं0 14567 पर सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक कोई भी बुजुर्ग अपनी समस्या बता सकता है, जिसका सम्बन्धित समस्या का निदान तत्काल कराया जाता है। इस फ्री हेल्पलाइन नं0 पर प्राप्त फोन से वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं, दवा पहुँचाने, खाद्य वस्तुए पहुँचाने, पारिवारिक झगड़ों की कानूनी सहायता, वृद्धाश्रम में रखने आदि समस्त प्रकार की मदद दी जा रही है। साथ ही उन्हें शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक, सामाजिक, मानसिक मजबूतीएवं भावनात्मक सहयोग दिया जा रहा है। इस कार्य के लिए प्रदेश में गठित टीम द्वारा कार्य किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से प्रदेश के हजारों बुजुर्गों को सहायता दी गई है और लगातार मदद ले रहे है।