यूपी बीजेपी को मिलेगा ऐसा अध्यक्ष जो साधेगा सामाजिक समीकरण

By संजय सक्सेना | Nov 28, 2024

उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नये अध्यक्ष की तलाश काफी तेजी से चल रही है। बीजेपी उत्तर प्रदेश में अपने संगठन के जरिए एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग बनाने की रणनीति पर काम कर रही है,जिसके चलते संभावना व्यक्त की जा रही है आलाकमान इस बार नये प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसी ऐसे नेता को बैठा सकता है जो दलित या महिला समाज से ताल्लुक रखता हो, इसके जरिये बीजेपी की सभी जातियों और वर्गों के बीच बैलेंस बनाने की है। गत दिवस 27 नवंबर को हुई बैठक में राष्ट्रीय सह चुनाव अधिकारी नरेश बंसल ने कहा कि संगठन में सभी जातियों और वर्गों को उचित स्थान दिया मिलेगा। बैठक में यह भी कहा गया कि महिलाओं और दलितों की सहभागिता बढ़ाने पर बीजेपी खास ध्यान देगी ताकि राजनीति में उन्हें उचित प्रतिनिधित्व मिल सके। बैठक में साफ तौर पर कहा गया है कि बीजेपी कोई परिवारवादी पार्टी नहीं, बल्कि परिवार भाव से चलने वाली पार्टी है. बीजेपी की दलित और महिलाओं को संगठन में जगह देकर भविष्य की राजनीति को साधने की स्ट्रैटेजी है।


ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को नए साल में प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। वहीं 16 से 30 दिसंबर के बीच जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े की संगठनात्मक चुनाव में पर्यवेक्षक बनाया गया है। तावडे एक दिसंबर को चुनाव के संबंध में आयोजित बैठक में हिस्सा लेंगे। इससे पहले 28 से 2 दिसंबर तक जिला स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। चुनाव के लिए प्रत्येक तीन जिलों के लिए एक केंद्रीय पर्यवेक्षक बनेगा। वहीं 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों का चयन होगा। 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि बूथ स्तर पर मनाई जाएगी। वहीं 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के रूप में मनाई जाएगी। तत्पश्चात 27 दिसंबर को पार्टी बाल शहीद दिवस मनाएगी।

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बता दें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल पूरा हो चुका है और उनकी जगह पर नए अध्यक्ष का चुनाव होना है। इससे पहले बीजेपी सभी बूथ कमेटी का गठन करने में लगी है, जिसके लिए 30 नवंबर की टाइम लाइन रखी गई है। यूपी में करीब 1.62 लाख से ज्यादा बूथों पर गठन होना है, जिसमें 35 फीसदी बूथों पर कमेटियां गठित हो चुकी हैं, जबकि बाकी बची बूथ कमेटियों का गठन 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाए। इसके बाद फिर एक से 15 दिसंबर के बीच मंडल अध्यक्ष और 16 से 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया चलेगी. इससे पहले जिला स्तर पर बीजेपी कार्यशालाएं आयोजित करेगी।


उधर, बीजेपी ने संगठन में युवाओं को अहमियत देने के उम्र लिमिट तय कर दी है। प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल ने बताया कि मंडल अध्यक्ष की आयु 35 से 45 वर्ष के बीच और जिलाध्यक्ष की आयु 45 से 60 वर्ष के बीच होगी। ऐसे में साफ है कि बीजेपी 45 साल से ऊपर के उम्र वालों को मंडल अध्यक्ष नहीं बनाएगी और न ही 60 साल से ज्यादा उम्र वालों को जिला अध्यक्ष की कमान सौंपेगी। बीजेपी ने तय किया है कि दो बार मंडल अध्यक्ष रहने वाले नेताओं को तीसरी बार मंडल अध्यक्ष नहीं बनाएगी। इसके अलावा बीजेपी ने जिला अध्यक्ष के लिए तय किया है कि जिला अध्यक्ष की कमान उसे ही मिलेगी, जो 7 से 8 साल तक संगठन में काम करने का अनुभव होगा। इसके अलावा मौजूदा समय में बीजेपी के संगठन में किसी पद पर होना हो, उसे ही पार्टी जिले का अध्यक्ष बनाएगी।

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