By संजय सक्सेना | Oct 23, 2024
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लखनऊ और कानपुर के बीच उन्नाव जिले के बीघापुर क्षेत्र के गांव रानीपुर में गत दिवस 22 अक्टूबर को एक मंदिर के चबूतरे पर छत डालने का बेवजह विरोध कर रहे मुस्लिम समुदाय को आखिरकार पुलिस ने समझा-बुझा कर शांत करा दिया। जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंचीं नायब तहसीलदार ने दोनों पक्षों से वार्ता कर लिखित सहमति ली और मंदिर निर्माण का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद लेबर मिस्त्री पहुंचे और निर्माण कार्य को शुरू कर दिया। यहां मुस्लिम पक्ष के लोगों का कहना था कि मंदिर में पूजा पाठ से उनकी नमाज और अजान में व्यवधान पड़ेगा।
गौरतलब हो, रानीपुर गांव में करीब 130 घर मुस्लिम परिवार के हैं जबकि, 30 परिवार हिंदू पक्ष के हैं। गांव के मुंडन व अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए आबादी की जमीन पर हिंदू पक्ष चबूतरे पर शिवलिंग स्थापित कर धार्मिक कार्य करते चले आ रहे हैं। 10 अक्टूबर को मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो मुस्लिम पक्ष ने रोक लगा दी। इसके बाद विवाद की स्थिति बन गई। इसके बाद दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोगों को बैठाकर पुलिस ने मामला सुलझा लिया। वहीं इससे पहले पुलिस ने मुस्लिम पक्ष से 25 व हिंदू पक्ष से छह लोगों को पाबंद कर शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश देकर पिकेट ड्यूटी लगा दी।इससे पूर्व 21 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की महिलाओं ने भड़काऊ बयान देकर कहा था कि कुछ भी हो जाए वह मंदिर नहीं बनने देंगी।
बहरहाल,अब मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे मुस्लिमों के सुर बदल गये हैं। उन्होंने पुलिस को मंदिर निर्माण में किसी तरह का विरोध न करने की लिखित सहमति प्रदान की। इसके बाद नायब तहसीलदार ने हिंदू पक्ष को मंदिर निर्माण करने के निर्देश जारी कर दिए। आदेश मिलते ही लेबर मिस्त्री पहुंचे और निर्माण कार्य शुरू कर दिया। नायब तहसीलदार स्नेहा यादव ने बताया कि अब रानीपुर में कोई विवाद नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने मंदिर निर्माण पर सहमति जता दी है। हिंदू पक्ष को निर्माण कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इस प्रकरण पर उन्नाव के सांसद सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज ने एक्स पर लिखा कि उन्हें लोकसभा क्षेत्र के ग्राम रानीपुर में शिव मंदिर के जीर्णोद्धार में कुछ कट्टरपंथियों द्वारा व्यवधान डालने की सूचना प्राप्त हुई थी। इसको मैंने तत्काल प्रभाव से जिला प्रशासन व संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर प्राचीन शिव मंदिर के जीर्णोद्धार की अनुमति देने के साथ ही भविष्य में किसी अराजक तत्व द्वारा अराजकता व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था।