Unlock 5 के 16वें दिन स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अगले ढाई महीने काफी महत्वपूर्ण

By अंकित सिंह | Oct 16, 2020

नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि सर्दियों और त्योहारों का मौसम रहने के चलते अगले ढाई महीने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। वर्धन ने कहा कि भारत में कोविड-19 के तीन टीकों को विकसित करने का कार्य प्रगति पर है और उनमें से एक क्लीनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में है, जबकि दो अन्य दूसरे चरण के परीक्षण में है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने उम्मीद जताई कि भारत जल्द ही कोराना वायरस के टीके का घरेलू स्तर पर उत्पादन शुरू कर देगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगले ढाई महीने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमारे लिये काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं क्योंकि सर्दियों और त्योहारों का मौसम रहेगा। यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह एहितयात में कमी ना करे और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों का उपयुक्त रूप से पालन करे।’’ मंत्री, कोविड-19 पर उपयुक्त व्यवहार के विषय पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के संस्थान प्रमुखों / निदेशकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वायरस ने पूरी दुनिया को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है लेकिन सामान्य एहतियाती उपाय वायरस संक्रमण को काफी हद तक रोकने में कारगर हैं। वर्धन ने कहा, ‘‘मास्क पहनना, खासतौर पर सार्वजनिक स्थलों पर और स्वच्छता के शिष्टाचार का पालन करना सामाजिक टीके के सिद्धांत के मूलभूत तत्व हैं। ’’ उन्होंने रोग के प्रसार को प्रभावी तरीके से रोकने के लिये शारीरिक दूरी की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि विश्व में कोविड-19 के मरीजों के इस रोग से उबरने की दर भारत में सबसे अधिक है, जबकि इस महामारी से होने वाली मौत की दर बहुत कम है।

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भारत में कोविड-19 से मृत्यु की दर 1.52 प्रतिशत, 22 मार्च से सबसे कम :स्वास्थ्य मंत्रालय


भारत में प्रति दस लाख आबादी में कोविड-19 से मृत्यु के 81 मामले सामने आ रहे हैं और इस तरह भारत दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में शामिल है। भारत में चार अक्टूबर से रोजाना संक्रमण से मौत के मामले 1,000 से कम दर्ज किये गये हैं, वहीं शुक्रवार को मृत्यु दर 1.52 प्रतिशत रही जो 22 मार्च के बाद से सबसे कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि देश के 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इन परिणामों को प्राप्त करने में मदद मिली है जिन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया है और इनमें से कुछ में प्रति दस लाख आबादी पर मौत के मामले राष्ट्रीय औसत से भी कम आ रहे हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 से मृत्यु की दर लगातार कम हो रही है। मौजूदा आंकड़ा 1.52 प्रतिशत है जो 22 मार्च के बाद से सबसे कम है।’’ देश के 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रति दस लाख आबादी पर मृत्यु के मामले राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं। इनमें पुडुचेरी (403), महाराष्ट्र (335), गोवा (331), दिल्ली (317), कर्नाटक (152), तमिलनाडु (135) और पंजाब (131) शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 प्रबंधन और प्रतिक्रिया नीति के तहत केंद्र ने न केवल रोग के प्रकोप को नियंत्रित करने पर ध्यान दिया है बल्कि गंभीर रोगियों को गुणवत्तापरक देखभाल और उपचार प्रदान करके मृत्यु के मामलों को रोकने और जीवन बचाने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। उसने कहा कि केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समन्वित परिणामों से देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने में मदद मिली है। भारत में शुक्रवार को भी संक्रमण के नये मामलों की तुलना में अधिक रोगियों के स्वस्थ होने की प्रवृत्ति कायम रही। पिछले 24 घंटे में 70,338 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं जबकि इस अवधि में कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों की संख्या 63,371 रही। देश भर में अब तक 64,53,779 रोगी संक्रमण से उबर चुके हैं और इस समय देशभर में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 56,49,251 है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस समय इलाज करा रहे रोगियों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का महज 10.92 प्रतिशत है।’’ मंत्रालय ने कहा कि स्वस्थ हुए रोगियों के नये मामलों में 78 प्रतिशत मामले केवल 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पाये गये हैं। महाराष्ट्र इस मामले में सबसे ऊपर है जहां एक दिन में 13 हजार से अधिक संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं।


कोविड-19: केन्द्रीय दलों को केरल, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल भेजा गया


केन्द्र के उच्च स्तरीय दलों को कोविड-19 की रोकथाम में मदद के लिये केरल, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, और पश्चिम बंगाल भेजा गया है। इन राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल होने की बात सामने आई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ये टीमें संक्रमण की रोकथाम के प्रयासों को मजबूती देने, निगरानी बढ़ाने और जांच समेत कई कार्यों में इन राज्यों की मदद करेंगी। मंत्रालय ने कहा, केन्द्रीय दल संक्रमण का समय पर पता लगाने और इसके बाद के कार्यों से संबंधित चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में भी मदद करेंगे। हर टीम में स्वास्थ्य से संबंधित पहलुओं पर नजर रखने के लिये एक संयुक्त सचिव (संबंधित राज्य के लिये नोडल अधिकारी) और एक जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ होगा। इसके अलावा एक चिकित्सक भी होगा, जिसका काम संक्रमण की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों और इससे निपटने के लिए अपनाए जा रहे क्लीनिकल प्रबंधन नियमों पर नजर रखा होगा।


सर्दियों में प्रदूषण से कोविड-19 का प्रभाव और बुरा हो सकता है: विशेषज्ञ


बीते कुछ महीनों के दौरान नीला आसमान देखने और साफ हवा में सांस लेने वाले दिल्ली-एनसीआर के लोगों को एक बार फिर धुएं से भरा और धुंधला आसमान परेशान कर रहा है। विशेषज्ञों ने भी लोगों को सर्दी के मौसम के लिये तैयार रहने को कहा है जब ज्यादा प्रदूषण स्तर की वजह से कोविड-19 का प्रभाव और गंभीर हो सकता है। पर्यावरण एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से कहा है कि वे अब ज्यादा सतर्क रहें क्योंकि वायु प्रदूषकों के संपर्क में आने से संक्रमण गंभीर हो सकता है और मृत्युदर भी बढ़ सकती है। उनका मानना है कि प्रदूषण के कारण फेफड़ों को होने वाले नुकसान से कोविड-19 के दौरान निमोनिया जैसी मुश्किलें भी हो सकती हैं। ग्रीनपीस इंडिया के लिये जलवायु के क्षेत्र में काम करने वाले अविनाश चंचल ने कहा, “इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वायु प्रदूषकों के संपर्क में रहने से श्वसन संबंधी संक्रमण को लेकर हमारी संवेदनशीलता बढ़ जाती है और उसके प्रसार व संक्रमण की गंभीरता दोनों के स्तर पर होती है।” उन्होंने कहा, “शोधकर्ताओं ने वायु प्रदूषण को उस तंत्र से जोड़ा है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। कोविड-19 के मामले में मौजूदा साक्ष्य यह संकेत देते हैं कि वायु प्रदूषकों के साथ लंबे समय तक संपर्क गंभीर संक्रमण और उच्च मृत्युदर से जुड़ा है।” 

 

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कोविड-19 महामारी ने पोषण, स्वास्थ्य, प्रतिरोधक क्षमता पर नये सिरे से ध्यान खींचा: हर्षवर्धन


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ‘विश्व खाद्य दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण विश्व अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहा है और इस वजह से भोजन, पोषण, सेहत, प्रतिरोधक क्षमता और वहनीयता पर नए सिरे से ध्यान दिया जाने लगा है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के लक्ष्य से एक वर्ष पहले ही, 2022 तक सरकार भारत को ट्रांस फैट से मुक्त करने का प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक जारी वक्तव्य में कहा गया कि ट्रांस फैट आंशिक तौर पर हाइड्रोजनीकृत किए गए वनस्पति तेल, आहार वसा और मार्जरिन में पाया जाता है और यह भारत में गैर-संचारी रोगों के बढ़ने का प्रमुख कारण है। हर्षवर्धन ने स्कूलों के लिए ‘ईट राइटक्रिएटिविटी चैलेंज’ की शुरुआत की। यह पोस्टर और फोटोग्राफी प्रतिस्पर्धा है जिसका उद्देश्य सेहतमंद खानपान आदतों को बढ़ावा देना है।


गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,191 नए मामले सामने आए


गुजरात में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,191 नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,57,474 हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विभाग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस दौरान कोविड-19 से 11 मरीजों की मौत हो गई।इसके साथ ही मृतकों की कुल संख्या 3,620 पर पहुंच गई है। विभाग के अनुसार शुक्रवार को 1,279 मरीज संक्रमण मुक्त हुए।राज्य में अब तक कोविड-19 के 1,39,149 मरीज ठीक हो चुके हैं। गुजरात में अभी 14,705 मरीज उपचाराधीन हैं।

 

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उत्तराखंड में कोविड-19 के 549 नए मामले सामने आए


उत्तराखंड में शुक्रवार को कोविड-19 के 549 नए मामले सामने आए जिससे राज्य में महामारी की चपेट में आए लोगों की कुल संख्या 57,042 हो गई है। इसके अलावा राज्य में महामारी से 15 और मरीजों की मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार नए मामलों में सर्वाधिक 183 मामले देहरादून जिले में, जबकि नैनीताल में 86 और चमोली में 73 नए मामले सामने आए। बुलेटिन में कहा गया कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में शुक्रवार को 15 और कोविड मरीजों की जान चली गई। राज्य में महामारी से अब तक 829 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है।

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