Unlock 1 के तीसरे दिन तक 40 लाख से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी

By नीरज कुमार दुबे | Jun 03, 2020

कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए बुधवार सुबह तक 40 लाख से अधिक नमूनों की जांच की चुकी है। देश में संक्रमण के मामलों की संख्या दो लाख से अधिक हो जाने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह नौ बजे तक 41,03,233 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें से 1,37,158 नमूनों की जांच मंगलवार सुबह नौ बजे के बाद हुई है। 480 सरकारी और 208 निजी प्रयोगशालाओं (688 प्रयोगशाला) की मदद से जांच की क्षमता बढ़कर 1.4 लाख प्रतिदिन हो गई है। सूत्रों ने बताया कि इस क्षमता को प्रतिदिन दो लाख तक बढ़ाया जा रहा है। देश में बुधवार सुबह आठ बजे तक कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 8,909 नये मामले सामने आए, जिसके बाद देश में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,07,615 हो गई, जबकि 217 और लोगों की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,815 हो गई। देश में लगातार चौथे दिन 8,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 1,01,497 लोगों का अभी उपचार चल रहा है और अब तक 1,00,302 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जिनमें से 4,776 मरीज पिछले 24 घंटे में ठीक हुए हैं। एक व्यक्ति देश से बाहर जा चुका है। मंत्रालय ने बताया कि अब तक 48.31 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 2.80 प्रतिशत है। उसने बताया कि देश में बीमारी से निपटने के लिए 952 अस्पताल कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार कर रहे है जिनमें पृथक-वास में रखे गए मरीजों के लिए 1,66,332 बिस्तर हैं। इन अस्पतालों में 21,393 आईसीयू बिस्तर और मरीजों को ऑक्सीजन दिए जाने की सुविधा से युक्त 72,762 बिस्तर हैं। इसके अलावा 2,391 स्वास्थ्य केंद्र कोरोना वायरस मरीजों का उपचार कर रहे हैं, जिनमें पृथक-वास में रखे गए मरीजों के लिए 1,34,945 बिस्तर हैं। साथ ही 11,027 आईसीयू बिस्तर और 46,875 ऐसे बिस्तर हैं, जिनमें मरीजों को ऑक्सीजन दिए जाने की सुविधा है। केंद्र ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थाओं को 125.28 लाख एन95 मास्क और 101.54 व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) मुहैया कराए हैं।


भारत आने की अनुमति


कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के मकसद से मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद सरकार ने पहली बार विदेशी कारोबारियों, स्वास्थ्यसेवा पेशेवरों और इंजीनियरों को भारत आने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके लिए उन्हें नए वीजा प्राप्त करने होंगे। गृह मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि कई बार प्रवेश के लिए मान्य दीर्घकालिक व्यापार वीजा रखने वाले विदेशी नागरिकों को अपने यात्रा दस्तावेज भारतीय मिशन से पुन: मान्य कराने होंगे। मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार ने विदेशी नागरिकों की कुछ श्रेणियों को भारत में आने की अनुमति देने के लिए वीजा और यात्रा प्रतिबंधों में छूट के मामले पर विचार किया है।’’ मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में बताया कि विदेशी नागरिकों की कुछ श्रेणियों को भारत आने की अनुमति दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिन लोगों को भारत आने की अनुमति दी गई है, उनमें वे विदेशी व्यवसायी शामिल हैं जो गैर निर्धारित व्‍यावसायिक/ चार्टर्ड विमानों में व्यापार वीजा (स्पोर्ट्स के लिए बी-3 वीजा के अलावा) पर भारत आना चाहते हैं। बयान में बताया गया है कि उन विदेशी स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्र के शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और तकनीशियनों को भारत आने की अनुमति है, जो प्रयोगशालाओं और कारखानों सहित भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं में तकनीकी कार्यों के लिए आने के इच्छुक हैं। बयान में कहा गया है कि यह अनुमति भारत में किसी मान्यता प्राप्त एवं पंजीकृत स्वास्थ्य सेवा केन्‍द्र, पंजीकृत दवा कंपनी या मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से प्राप्‍त निमंत्रण पत्र होने की स्थिति में ही दी जाएगी। इसके अलावा इंजीनियरिंग, प्रबंधन, डिजाइन या अन्य क्षेत्रों के उन विदेशी विशेषज्ञों को भारत आने की अनुमति दी गई है, जो भारत स्थित विदेशी व्यापार संस्थाओं की ओर से भारत की यात्रा करेंगे। इसमें सभी विनिर्माण इकाइयां, डिजाइन इकाइयां, सॉफ्टवेयर और आईटी इकाइयों के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र की कंपनियां (बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र कंपनियां) शामिल हैं। बयान में बताया गया है कि उन विदेशी तकनीकी विशेषज्ञों और इंजीनियरों को भी भारत आने की अनुमति दी गई है, जो किसी पंजीकृत भारतीय व्यवसायिक कंपनी के निमंत्रण पर भारत में विदेशी मूल की मशीनरी और उपकरण सुविधाओं की स्थापना, उनकी मरम्मत और रख-रखाव के लिए यात्रा करेंगे। बयान में कहा गया है, ‘‘विदेशी नागरिकों की जिन श्रेणियों को भारत आने की अनुमति दी गई है, उन्हें विदेशों में भारतीय दूतावासों या मिशनों से एक नया व्यापार वीजा या रोजगार वीजा प्राप्त करना होगा। विदेशों में भारतीय मिशनों द्वारा जारी वैध दीर्घकालिक बहु-प्रविष्टि व्यापार वीजा (खेल के लिए बी -3 वीजा के अलावा) रखने वाले विदेशी नागरिकों को संबंधित भारतीय मिशन से नई वैधता के साथ व्यापार वीजा प्राप्त करना होगा। ऐसे विदेशी नागरिकों को पहले से प्राप्त किसी भी इलेक्ट्रॉनिक वीजा के बल पर भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।’’ भारत सरकार ने विदेशों मे फंसे भारतीयों को हवाई एवं समुद्री मार्ग से वापस लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ नाम से सात मई को एक विशेष अभियान आरंभ किया था। इसके बाद परिवार में किसी आपात स्थिति के कारण भारत आने की इच्छा रखने वाले प्रवासी भारतीय नागरिक कार्ड धारकों को भी देश आने की अनुमति दी गई थी। लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब विदेशी नागरिकों को भारत आने की अनुमति दी गई।

 

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53,248 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता


वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत करीब 42 करोड़ गरीबों को 53,248 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गयी है। सरकार ने कमजोर तबकों को कोविड-19 संकट से राहत देने के लिये 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। पैकेज में गरीबों को मुफ्त अनाज और महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों तथा अन्य को नकद सहायता उपलब्ध कराना शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि पैकेज के क्रियान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नजर रख रही हैं। बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत करीब 42 करोड़ गरीब लोगों को 53,248 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गयी है।’’ इस मामले में मंगलवार तक हुई प्रगति की जानकारी देते हुए कहा गया है कि पीएम-किसान योजना के तहत पहली अग्रिम किस्त के रूप में 8.9 लाभार्थियों को 16,394 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं दो किस्तों में जनधन खाताधारकों को 20,344 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इसके अलावा 2,814.5 करोड़ रुपये 2.81 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को वितरित किये गये। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत निर्माण क्षेत्र में लगे 2.3 करोड़ कामगारों को 4,312.82 करोड़ वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गयी है। मंत्रालय के अनुसार अप्रैल के लिये अबतक 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 101 लाख टन खाद्यान्न उठाये हैं। इन 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल महीने के लिये कुल 36.693 लाख टन अनाज का वितरण किया गया और 73.86 करोड़ लोगों को इसका लाभ हुआ। मई महीने में 35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 65.85 करोड़ लाभार्थियों के बीच 32.92 लाख टन अनाज वितरित किये गये। वहीं जून के लिये 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 7.16 करोड़ लाभार्थियों के बीच 3.58 लाख टन अनाज वितरित किये गये हैं। मंत्रालय के अनुसार विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 5.06 लाख टन दाल भेजे गये हैं। इसमें से 1.91 लाख टन दाल का वितरण कुल 19.4 करोड़ लाभार्थी परिवारों में से 17.9 करोड़ परिवार को हुआ है। इसके अलावा 9.25 करोड़ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना एलपीजी सिलेंडर बुक कराये गये हैं और 8.58 करोड़ सिलेंडर लाभार्थियों को दिये गये हैं। मंत्रालय के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 16.1 लाख सदस्यों ने ईपीएफओ खाते से ऑनलाइन निकासी का लाभ उठाया है। इसके तहत 4,725 करोड़ रुपये लाभार्थियों ने अपने खाते से निकाले। इसके अलावा 24 प्रतिशत ईपीएफ योगदान भी 59.23 लाख कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में डाले गये हैं। इसके तहत कुल 895.09 करोड़ रुपये खाते में डाले गये हैं।


किसानों के लिये सुगम, मुक्त महौल बनेगा


प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आज लिये गए फैसले से किसानों की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है और अब अन्नदाता देश में कहीं भी अपनी उपज को बेच सकेंगे और एक देश, एक कृषि बाजार का सपना साकार होगा। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ''आज की केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। फसलों की खरीद-बिक्री को लेकर सभी बंदिशों को हटा दिया गया है, जिससे किसानों की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है। अब अन्नदाता देश में कहीं भी अपनी उपज को बेचने के लिए स्वतंत्र होगा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार के फैसलों से किसानों को उत्पादन से पहले ही मूल्य आश्वासन की भी गारंटी उपलब्ध होगी। कृषि सेवाओं के अनुबंध से न केवल किसानों को अत्याधुनिक जानकारी मिलेगी, बल्कि उन्हें तकनीक और पूंजी की सहायता भी मिलेगी। इसके जरिए अन्नदाताओं का सशक्तिकरण और संरक्षण भी संभव होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के इन निर्णयों से न केवल अन्नदाताओं की आय बढ़ेगी, बल्कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से कृषि क्षेत्र में भी आमूलचूल परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा, ''कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री की बाधाएं दूर होने से एक देश, एक कृषि बाजार का सपना साकार होगा।’’ वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में 3 जून को हुई केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्‍वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए गए जो देश के किसानों की मदद करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने में भी काफी मददगार साबित होंगे। इसमें कहा गया है कि केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आज आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दी। यह कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। बयान में कहा गया है कि सरकार ने नियामकीय व्‍यवस्‍था को उदार बनाने के साथ ही उपभोक्‍ताओं के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की है। संशोधन के तहत यह व्‍यवस्‍था की गई है कि अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में इन कृषि‍ उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि, मूल्‍य श्रृंखला (वैल्‍यू चेन) के किसी भी प्रतिभागी की स्‍थापित क्षमता और किसी भी निर्यातक की निर्यात मांग इस तरह की स्‍टॉक सीमा लगाए जाने से मुक्‍त रहेगी। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंजूदी दी। इससे किसानों के लिए एक सुगम और मुक्त माहौल तैयार हो सकेगा जिसमें उन्हें अपनी सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने की आजादी होगी।


दो महीने बाद अंतरराज्यीय बस सेवाएं शुरू हुईं


कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के चलते दो महीने से अधिक समय तक निलंबित रहने के बाद हरियाणा में अंतरराज्यीय बस सेवाएं फिर शुरू हो गई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र के दिशानिर्देशों के तहत छूट की सीमाएं बढ़ाए जाने के साथ बुधवार को कुछ मार्गों पर अंतरराज्यीय बस सेवाएं फिर शुरू हो गईं। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार तक अधिकतर मार्गों पर सेवाएं बहाल हो जाएंगी। दिल्ली को छोड़कर हरियाणा रोडवेज की बसें उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए बसें चलेंगी। महानगर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली ने अपनी सीमाएं एक हफ्ते तक सील रखने के आदेश दिए हैं। राज्य परिवहन विभाग के महानिदेशक वीरेन्द्र दहिया ने फोन पर बताया, ‘‘दिल्ली को छोड़कर हमने अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। हमने विभिन्न डिपो को ब्यौरा भेज दिया है और आज हमने कुछ बसों का परिचालन किया, शेष बसें कल से चलेंगी।’’ हरियाणा रोडवेज के अधिकारियों ने बताया कि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए हर बस में केवल 30 सीटों की बुकिंग की जाएगी। हरियाणा रोडवेज ने मार्च में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद पहली बार 15 मई से राज्य के अंदर बस सेवाएं शुरू कर दी थीं। अंतरराज्यीय यात्रा करने वाले यात्रियों को अपना पहचान पत्र और टिकट साथ रखना होगा। इसके अलावा बस के कर्मचारियों और यात्रियों को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कर्मियों और यात्रियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं हों।

 

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अब तक 8.5 लाख लोग बंगाल वापस लाए गए


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें कहा गया कि उनकी सरकार प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की इच्छुक नहीं थी। ममता ने कहा कि राज्य सरकार अब तक देश के विभिन्न हिस्सों से 8.5 लाख लोगों को वापस लायी है। उन्होंने कहा कि 10 जून तक 10.5 लाख प्रवासियों को वापस राज्य में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक समीक्षा बैठक में कहा, 'कुछ लोग मेरी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं कि हम प्रवासी मजूदरों को राज्य में वापस लाने के इच्छुक नहीं हैं। यह झूठ है। अब तक हम 8.5 लाख लोगों को वापस लाए हैं और 10 जून तक करीब 10.5 लाख प्रवासी राज्य में वापस आ जाएंगे।' बनर्जी ने कहा, 'हमने केवल यह कहा था कि प्रवासियों को व्यवस्थित तरीके से वापस लाया जाना चाहिए, अन्यथा राज्य में कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।' 


राजीव बजाज से राहुल ने की बातचीत


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव को लेकर देश के नामी उद्योगपति राजीव बजाज के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद किया जिसका वीडियो बृहस्पतिवार को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किया जाएगा। राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा ''बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे कोरोना वायरस संकट पर राजीव बजाज के साथ मेरी बातचीत देखने और सुनने के लिए सभी सोशल मीडिया मंचों पर जुड़िए।’’ कोरोना वायरस संकट के कारण देश में लॉकडाउन लगने के बाद से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अलग अलग क्षेत्रों के नामी लोगों के साथ संवाद कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने जानेमाने अर्थशास्त्रियों रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञों आशीष झा और जोहान गिसेक से बातचीत की थी। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में प्रवासी मजदूरों से मुलाकात कर उनसे संवाद किया था और कांग्रेस की तरफ से इसका वीडियो जारी किया गया था।


केरल में कोरोना वायरस के 82 नए मामले


केरल में बुधवार को 82 लोगों को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया, जिसमें एक डॉक्टर और चार स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। इन्हें मिला कर राज्य में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 1,494 तक पहुंच गई, जबकि 1.6 लाख से अधिक लोग निगरानी में हैं। केरल में मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कल राज्य में 86 मामले सामने आए थे। कोविड-19 स्थिति को लेकर आयोजित एक मूल्यांकन बैठक के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने संवाददाताओं से कहा कि नए संक्रमितों में से, 53 लोग विदेश से और 19 लोग अन्य राज्यों से आए हुए हैं, विजयन ने कहा कि वर्तमान में 832 लोग उपचाराधीन हैं। 24 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई। नये मामलों का विवरण देते हुए विजयन ने कहा कि तिरुवनंतपुरम में 14, मलप्पुरम में 11, इडुक्की में नौ, कोट्टायम में आठ, अलप्पुझा में सात, कोझीकोड में सात, पलक्कड़, कोल्लम, एर्नाकुलम में पांच-पांच, त्रिशूर में चार, कासरगोड में तीन, कन्नूर में दो और पथनमथिट्टा में दो मामले सामने आए हैं। राज्य में 128 हॉट स्पॉट हैं।


कोविड-19 संकट जूम के लिये वरदान


कोविड-19 संकट जूम वीडियो कम्युनिकेशंस के लिये वरदान साबित हुआ है। ऑनलाइन सम्मेलन, दफ्तर की बैठक, पढ़ाई, अपने दोस्तों और परिवार से मिलने के लिये एक उपयोगी साधन के रूप में तेजी से उभरा है। इससे कंपनी का कारोबार काफी बढ़ा है और पहली तिमाही में उसकी आय सालाना आधार पर दोगुनी से भी अधिक रही। हाल-फिलहाल तक कंपनियों की सूची में यह कोई लोकप्रिय नाम नहीं था लेकिन इसकी उपयोगिता बढ़ने के साथ यह सुर्खियों में आ रही हैं। कंपनी की मंगलवार को फरवरी-अप्रैल अवधि के लिये घोषित वित्तीय परिणाम भी यहीं बयां करते हैं जिसमें एक उछाल आया है। जूम की आय उसके वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर दोगुनी से भी अधिक होकर 32.8 करोड़ डॉलर पहुंच गयी। इससे कंपनी का लाभ आलोच्य अवधि में बढ़कर 2.7 करोड़ डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,98,000 डॉलर था। इतना ही नहीं वाल स्ट्रीट में भी कंपनी के शेयर भाव में तीन गुने से अधिक उछाल आया है जबकि मानक सूचकांक स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 500 सूचकांक में 5 प्रतिशत की गिरावट आयी है। मंगलवार को परिणाम की घोषणा के बाद कंपनी का शेयर मजबूत हुआ लेकिन बाद में एक वीडियो परिचर्चा में कंपनी के अधिकारियों के इस बयान के बाद कि उसके कुछ ग्राहक निकल गये हैं, शेयर तीन प्रतिशत टूटा। अगर कंपनी के शेयर कारोबार में बुधवार को भी तेजी बनी रहती है और इसका भाव करीब 200 डॉलर के आसपास रहता है तो यह 14 महीने पहले आये शेयर के आरंभिक निर्गम मूल्य 36 डॉलर से कहीं अधिक होगा। कंपनी के शेयर में मंगलवार को आयी तेजी से उसका बाजार पूंजीकरण 59 अरब डॉलर पहुंच गया है। जूम के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) एरिक यूआन ने कहा कि वीडियो कांफ्रेन्सिंग एक मुख्य सेवा बनने जा रही है।’’ एरिक नौ साल पहले स्थापित इस कंपनी के सह-संस्थापक हैं। कारोबार बढ़ने के साथ जूम ने चालू तिमाही (मई-जूलाई) में 50 करोड़ डॉलर आय का अनुमान जताया है। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले चार गुना अधिक है। निजता और सुरक्षा संबंधी शिकायतों और समस्याओं के बावजूद जूम में कारोबार में तेजी देखी जा रही है।

 

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बिहार में कोविड-19 से अब तक 25 लोग की मौत


बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से बुधवार तक 25 लोग की मौत हुई है वहीं राज्य में कुल 4,273 लोग के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण से जमुई जिले में एक और मरीज की मौत के साथ प्रदेश में बुधवार को संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या बढकर 25 हो गयी। कोरोना वायरस संक्रमण से अबतक मरने वाले 25 मरीजों में खगडिया में तीन, बेगूसराय, भोजपुर पटना, सीतामढी, सिवान एवं वैशाली में दो—दो और भागलपुर, जमुई, जहानाबाद, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, पूर्वी चंपारण, रोहतास, समस्तीपुर और सारण जिले में एक—एक व्यक्ति की मौत हुई है। बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के 4,273 मामले सामने आए हैं। उनमें से पटना में 263, खगडिया में 256, बेगूसराय में 250, रोहतास में 208, मधुबनी में 201, भागलपुर में 195, जहानाबाद में 163, मुंगेर में 158, कटिहार में 156, बांका में 123, बक्सर में 121, गोपालगंज में 116, पूर्वी चंपारण में 113, दरभंगा में 112, नालंदा में 111, पूर्णिया में 105, शेखपुरा में 107, सिवान में 102, नवादा में 97, मधेपुरा में 93, समस्तीपुर में 91, भोजपुर एवं कैमूर में 89—89, गया में 86, सारण में 84, सुपौल में 83, किशनगंज में 77, औरंगाबाद 74, मुजफ्फरपुर में 73, वैशाली में 72, सहरसा में 71, सीतामढी में 64, अररिया एवं लखीसराय में 62—62, अरवल में 47, पश्चिम चंपारण में 45, जमुई में 43 तथा शिवहर में 11 मामले हैं। बिहार में अब तक 84,729 नमूनों की जांच की जा चुकी है और 2,025 लोग इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए हैं।


तमिलनाडु में मामले बढ़कर 25,872 हुए


तमिलनाडु में बुधवार को कोरोना वायरस के 1,286 नये मामले सामने आये और 11 व्यक्तियों की मौत हुई जिससे राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 25,872 हो गए। ऐसा पहली बार हुआ जब राज्य में एक दिन में 1000 से अधिक मामले सामने आये। स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में कहा गया है कि 1,286 नये मामलों में से 15 मामले विदेश से लौटे व्यक्तियों के जबकि 27 अन्य राज्यों से लौटे व्यक्तियों के हैं। वहीं नए मामलों में से 1,012 अकेले चेन्नई में सामने आये हैं। चेन्नई में कुल मामले बढ़कर 17,598 हो गए और राज्य में कुल मामले बढ़कर 25,872 हो गए। ऐसे मरीजों की संख्या 11,345 है जिनका अभी इलाज चल रहा है। बुधवार को 610 लोगों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।


जांच क्षमता बढ़ाकर प्रतिदिन 15,000 करने का लक्ष्य


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के जांच की क्षमता प्रतिदिन 15,000 नमूनों की होनी चाहिए। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि हमने 10,000 जांच प्रतिदिन की क्षमता हासिल कर ली है और मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसे बढ़ाकर 15,000 प्रतिदिन करने का प्रयास जारी है। अवस्थी ने बताया कि कोविड अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 1,00,000 हो चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य में बुधवार तक अन्य राज्यों से कामगारों को लेकर 1,612 ट्रेनें आ चुकी हैं। करीब 22 लाख 80 हजार श्रमिक, मजदूर और कामगार उत्तर प्रदेश लौटे हैं। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को ट्रेनों और बसों के जरिए नि:शुल्क प्रदेश में लाया जाए।

 

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कंपनियां घटा रही हैं नौकरियां: सर्वे


कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ के कारण पूरे देश में मई महीने में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी से गिरावट आयी और दुकानों पर उपभोक्ताओं का जाना लगभग बंद रहा। इन सबके कारण कंपनियों ने नौकरियां घटानी शुरू कर दी हैं। एक मासिक सर्वे में बुधवार को यह कहा गया। आईएचएस मार्किट भारत सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक मई में 12.6 पर रहा। यह उत्पादन में फिर से बड़ी गिरावट को प्रतिबिंबित करता है। सर्वे में कहा गया है कि हालांकि मई का सूचकांक अप्रैल के 5.4 के रिकॉर्ड निचले स्तर से बेहतर है लेकिन इसके बावजूद यह स्तर 14 साल से जारी आंकड़ा संग्रह के दौरान नहीं देखा गया। यह देश भर में सेवा गतिविधियों में भारी गिरावट को बताता है। सर्वे के अनुसार आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के 50 से अधिक अंक होने का अर्थ है गतिविधियों में विस्तार, जबकि इससे कम अंक कमी को बताता है। इसमें कहा गया है कि कारोबारी गतिविधियां बंद होने से उत्पादन में तीव्र गितरावट आयी और मांग की स्थिति खस्ताहाल रही। आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री जो हेयस ने कहा, 'भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अभी भी लगभग ठहरी हुई हैं। नवीनतम पीएमआई आंकड़ों से पता चलता है कि मई में एक बार फिर उत्पादन में भारी गिरावट हुई है।' हेयस ने कहा कि सेवाओं की मांग में मई महीने में लगातार गिरावट रही। यह गिरावट घरेलू और वैश्विक बाजार दोनों जह देखी गयी। इसका कारण कारोबार का बंद होना और दुकानों पर पहुंचने वाले लोगों की संख्या सामान्य स्तर से काफी नीचे रही। सर्वे में कहा गया है कि कमजोर मांग और आने वाले समय में चुनौतीपूर्ण स्थिति के कारण रोजगार में लगातार कमी देखी गयी। समग्र पीएमआई उत्पादन सूचकांक भी मई में निजी क्षेत्र में व्यापार गतिविधियों में भारी गिरावट का संकेत देता है। यह सूचकांक सेवा और विनिर्माण उत्पादन को संयुक्त रूप से आकलित करता है। सर्वे के अनुसार समग्र पीएमआई उत्पादन सूचकांक मई में 14.8 रहा जो अप्रैल में 7.2 था। यह उत्पादन में हो रहे गिरावट को देखते हुए अप्रत्याशित नहीं है। हेयस ने कहा कि 2020 की पहली छमाही में आर्थिक उत्पादन में कमी तय है, ऐसे में यह साफ है कि कोविड-19 संकट से पहले के स्तर पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को आने में समय लगेगा। कोरोना वायरस संकट से पहले ही भारत में आर्थिक गतिविधियां नरम थी। इसका कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में संकट और उपभोक्ता मांग में कमी थी। देश की जीडीपी वृद्धि दर 2019-20 में 4.2 प्रतिशत रही जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है। इससे पहले, सोमवार को मूडीज ने भारत की साख को कम कर निवेश के न्यूनतम स्तर पर कर दिया। इसका मुख्य कारण क्षमता के मुकाबले वृद्धि दर का धीमा होना और बढ़ते कज को लेकर जोखिम है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भरोसा जताया कि देश कोरोना वायरस महामारी से पार पा लेगा और सरकार की निर्णायक नीतियों से पटरी पर लौट आएगा।


-नीरज कुमार दुबे

 

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