By रितिका कमठान | Dec 23, 2022
महाराष्ट्र के सोलापुर में युवाओं ने बेहद खास मुद्दे को लेकर अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया है। आमतौर पर नारे बाजी, सरकार के विरोध में लगाए जाने वाले नारे, रेलवे लाइन ठप्प करना जैसे तरीकों से लोग अपनी मांगों की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदर्शन करते है। मगर महाराष्ट्र के सोलापुर में युवाओं ने प्रदर्शन करने का ऐसा अनोखा तरीका अपनाया जिससे ना आम जनता को परेशानी हुई बल्कि हर किसी का ध्यान आकर्षित हुआ।
दरअसल यहां एक साथ लगभग 50 युवा लड़के घोड़े पर बैठकर बारात निकालते हुए कलेक्टरेट पहुंचे। युवाओं ने गाजे बाजे के साथ बिल्कुल वैसे ही बारात निकाली जैसे कोई आम बारात निकलती है। एक साथ 50 युवाओं की घोड़े पर बारात निकालने का कारण काफी अहम है। इस दौरान सभी गाजे बाजे के साथ बारात निकालते हुए कलेक्टर के ऑफिस पहुंचे।
इन 50 दुल्हों ने कलेक्टर से मांग की कि शादी के लिए उनके पास दुल्हन नहीं है। सभी को दुल्हन उपलब्ध कराई जाए। बता दें कि इस मार्च का आयोजन एनजीओ ज्योति क्रांति परिषद की ओर से निकाला गया था। इस मार्च के जरिए स्थानीय इलाके की बड़ी समस्या पर ध्यान आकर्षित किया गया है। दरअसल सोलापुर और आसपास के इलाकों की बड़ी समस्या है कि यहां लड़कों को शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलती है क्योंकि इलाके में लड़कियों क भारी कमी है।
शादी के लिए दुल्हन की मांग करते हुए सभी युवा दूल्हा बनकर निकले। युवाओं ने शेरवानी पहनी और गले में तख्तियां लगाए रखी। युवाओं ने कुल एक किलोमीटर लंबी बारात निकाली। इस दौरान युवाओं ने ध्यान खिंचा की उन्हें पत्नी चाहिए। एक पत्नी। ऐसी कई तख्तियां भी लिखकर युवा निकले।
एक तख्ती पर लिखा था, मुझसे शादी के लिए कोई भी एक लड़की दे सकता है। सरकार होश में आओ और हमसे बात करें। तुम्हें हमारी दुर्दशा पर ध्यान देना होगा। इस दौरान युवा अपनी अपनी परेशानी तख्तियों पर लिखकर प्रदर्शन निकालते दिखे।
इस दौरान एनजीओ ज्योति क्रांति परिषद के अध्यक्ष रमेश बारस्कर ने मीडिया से भी बात की। उन्होंने कहा कि जुलूस में कई हताश युवाओं ने हिस्सा लिया है। इस प्रदर्शन में 25-40 वर्ष की उम्र के युवाओं ने हिस्सा लिया था। इस प्रदर्शन में जिन युवाओं ने हिस्सा लिया वो अधिकतर पढ़े लिखे, सम्मानित परिवारों के युवाओं ने हिस्सा लिया था। कई युवा किसान परिवारों से ताल्लुक रखते थे तो कई प्राइवेट कंपनियों में कार्यरत थे।
उन्होंने कहा कि इलाके में स्त्री पुरुष अनुपात बहुत गंभीर रूप से बिगड़ा हुआ है। इस बिगड़े हुए अनुपात के कारण इलाके के योग्य, स्वस्थ, कमाउ युवाओं को भी शादी करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लड़कों को शादी करने के लिए लड़कियां तक नहीं मिलती है। यहां लड़के शादी करने के लिए हर स्थिति में तैयार है। उनके लिए जाति, धर्म, विधवा, अनाथ, जैसे सामाजिक मुद्दों को भी अहमियत नहीं दी जाती है।
युवाओं ने सौंपा ज्ञापन
इस मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को संबोधित करते हुए ज्ञापन सोलापुर के कलेक्टर मिलिंद शंभरकर को सौंपा है। बता दें कि इलाके में 1000 लड़कों पर 920 लड़़कियां है, वहीं भारत देश में ये आंकड़ा 1000 पर 940 का है। गौरतलब है कि ग्रामीण, मध्यम या निम्न मध्यम क्षेत्र में लड़कियों की संख्या में कमी बड़ी समस्या है। ये मांग की गई है कि अगर इस मामले पर जल्दी कड़े कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति आने वाले भविष्य में काफी खराब हो जाएगी।