By रेनू तिवारी | Jun 20, 2024
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सावित्री ठाकुर मध्य प्रदेश के धार जिले के एक स्कूल में अपने दौरे के दौरान व्हाइटबोर्ड पर हिंदी में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' सही से नहीं लिख पाईं, जहां से उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता है। यह घटना कैमरे के सामने हुई और गलत स्पेलिंग लिखने का उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की जगह ठाकुर ने 'बेटी पढ़ाओ बचाव' लिख दिया।
सावित्री ठाकुर के चुनावी हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। यह कार्यक्रम धार के एक सरकारी स्कूल में मंगलवार (18 जून) को 'स्कूल चलो अभियान' के तहत आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ठाकुर मुख्य अतिथि थीं।
इस घटना के कारण कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने इसे "लोकतंत्र का दुर्भाग्य" बताया कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अपनी "मातृभाषा" में भी नहीं लिख सकते। समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके हवाले से कहा, "वे अपना मंत्रालय कैसे चला सकते हैं?" कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि चुनावों में उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय करने के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने कहा, "एक तरफ देश के नागरिकों के साक्षर होने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार लोगों में साक्षरता की कमी है। तो सच क्या है? यह किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है।"
भाजपा के धार अध्यक्ष मनोज सोमानी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वायरल वीडियो को लेकर उनका गुस्सा उनकी "क्षुद्र और आदिवासी विरोधी सोच" का नतीजा है। सोमई ने कहा, "सावित्री जी की भावनाएं और उनकी भावनाएं पवित्र हैं। कांग्रेसी अपनी भावनाओं को पवित्र नहीं रख पा रहे हैं। आदिवासी महिला के अपमान को आदिवासी समाज माफ नहीं करेगा।"
उन्होंने कहा कि सावित्री ठाकुर की गलती स्कूल के कार्यक्रम में जल्दबाजी और उत्साह के कारण हुई और कांग्रेस "एक मासूम आदिवासी महिला के बढ़ते कद" को पचा नहीं पा रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और धार से आदिवासी नेता कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने भी वायरल वीडियो को लेकर सावित्री ठाकुर पर कटाक्ष किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "यह कैसा नेतृत्व है? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार में केवल रबर स्टैंप मंत्री ही चाहते हैं? जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए, इसके लिए कोई निर्धारित मानक नहीं है, लेकिन कम से कम उसे साक्षर तो होना चाहिए।"