By नीरज कुमार दुबे | Jul 26, 2023
सारा देश आज करगिल विजय दिवस मना रहा है और युद्ध के दौरान राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर शहीदों को याद कर रहा है। इस कड़ी में करगिल की पहाड़ियों से लेकर देश के कोने-कोने तक तमाम समारोह आयोजित किये जा रहे हैं। भारत माता की जय के उद्घोष के साथ दिख रहा लोगों का उत्साह दुश्मन को हिला देने के लिए काफी है। जहां तक विभिन्न आयोजनों की बात है तो आपको बता दें कि करगिल युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए करगिल विजय दिवस के अवसर पर द्रास स्थित करगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान तीन चीतल हेलीकॉप्टरों ने करगिल युद्ध स्मारक के ऊपर से गुजरते हुए फूल बरसाए। इसके अलावा, चार MIG-29 विमानों ने करगिल युद्ध स्मारक के ऊपर से उड़ान भरी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी करगिल युद्ध स्मारक का दौरा किया और 1999 के युद्ध में अपना जीवन बलिदान करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राजनाथ सिंह ने स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया। उन्होंने शहीद सैनिकों की याद में स्थापिक स्मारक के निकट समाधि स्तंभ का भी दौरा किया। रक्षा मंत्री ने इस दौरान सेना के अधिकारियों और जवानों के साथ बातचीत भी की।
इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि करगिल युद्ध भारत पर थोपा गया था, पाकिस्तान ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं हमारे उन वीर सपूतों को सलाम करता हूं जिन्होंने देश को पहले रखा और करगिल युद्ध में अपने प्राणों का बलिदान दिया। भारत की रक्षा के लिए 1999 में देश के सैनिकों ने जो वीरता और शौर्य का प्रदर्शन किया वह स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हम खुली हवा में सांस इसलिए ले पा रहे हैं क्योंकि किसी समय में 0 डिग्री से कम तापमान में हमारे सैनिकों ने ऑक्सीजन की कमी के बावजूद अपनी बंदूकें कभी नीचे नहीं कीं। आज करगिल में भारत का ध्वज इसलिए लहरा रहा हैं क्योंकि 1999 में भारत के सैनिकों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मनों की छाती पर तिरंगा लहरा दिया था।
दूसरी ओर, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर द्रास के करगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर करगिल युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे सामने मौजूद खतरों और चुनौतियों के भविष्य में और जटिल होने की आशंका है इसलिए हमें तैयार रहने की जरूरत है।
इसके अलावा, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार और भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी करगिल विजय दिवस के अवसर पर द्रास के करगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर कारगिल युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करगिल विजय दिवस के मौके पर बुधवार को उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने 1999 में करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान पर भारत की विजय के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘करगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत पराक्रमियों की शौर्यगाथा को सामने लाता है, जो देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणाशक्ति बने रहेंगे। इस विशेष दिवस पर मैं उनका हृदय से नमन और वंदन करता हूं। जय हिंद!’’ भारतीय सेना ने 1999 में लद्दाख की अहम चोटियों पर अवैध तरीके से कब्जा करने वाली पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने के लिए एक भीषण जवाबी हमला किया था। करगिल विजय दिवस भारत की अपने पड़ोसी पर जीत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मातृभूमि की रक्षा में अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले देश के वीर सपूतों को करगिल दिवस के अवसर पर नमन किया। शाह ने एक ट्वीट में कहा, "करगिल विजय दिवस करोड़ों देशवासियों के सम्मान की विजय का दिन है। यह सभी पराक्रमी योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है जिन्होंने आसमान से भी ऊंचे हौसले और पर्वत जैसे फौलादी दृढ़ निश्चय से अपनी मातृभूमि के कण-कण की रक्षा की।" शाह ने कहा, "भारत माता के वीर सिपाहियों ने अपने त्याग व बलिदान से इस वसुंधरा की न सिर्फ आन, बान और शान को सर्वोच्च रखा बल्कि अपनी विजित परंपराओं को भी जीवंत रखा।" भारतीय सेना ने लद्दाख में करगिल के ऊंचे पतर्वतीय इलाकों में करीब तीन महीने तक चले युद्ध के बाद जीत की घोषणा करते हुए 26 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता का एलान किया था। उन्होंने कहा, "करगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर तिरंगा पुनः गर्व से लहरा कर देश की अखंडता को अक्षुण्ण रखने के आपके समर्पण को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से नमन करता हूं।"