जहां देश में जारी लॉकडाउन के बीच गृह मंत्रालय के द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार औद्योगिक इकाइयों, छोटे कारोबारियों व दफ्तरों में पचास फ़ीसदी स्टाफ के साथ काम करने की अनुमति दी गई। जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते हुए काम करने को कहा गया है। वहीं फिल्म इंडस्ट्री में भी लाॅकडाउन के बाद जब भी काम शुरू होगा सोशल डिस्टेंसिंग के तहत फिल्मों के सेट पर कर्मचारियों की कमी देखी जा सकती है। ये कमी फिल्मी दुनिया में बेरोजगारी का कारण भी बन सकती है।
समझिए क्यों बन सकते हैं ऐसे हालात ?
फिल्मों, बेव सीरीज, गानों की शूटिंग के दौरान सेट पर अधिकतर सौ से हजार की संख्या में स्टाफ मौजूद होता है। जिनकी जरूरतों के मुताबिक काम पर रखा जाता है लेकिन लाॅकडाउन के बाद इसमें बडा़ बदलाव देखने को मिल सकता है। फिल्म निर्माता निर्देशक आने वाले अपने प्रोजेक्ट्स में सोशल डिस्टेंसिंग के तहत स्टाफ कम करने की पहल कर सकते हैं। कम स्टाफ रखकर फिल्में, वेब सीरीज बनाने, गानों की शूटिंग करने का चलन बढ़ सकता है।
फिल्म निर्माता और निर्देशक टाल सकते हैं बड़े प्रोजेक्ट्स
कोरोना का इफेक्ट फिल्म इंडस्ट्री पर पड़ने की वजह से सभी फिल्म निर्माता व निर्देशक अपने सभी बड़े प्रोजेक्ट्स को टाल सकते हैं। लाॅकडाउन के बाद फिल्म इंडस्ट्री के छुटपुट प्रोजेक्ट्स में काम शुरू होने पर सोशल डिस्टेंसिंग रखने व कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए कम मैनपावर में काम पूरा करने की कोशिश करने का फैसला लेने से फिल्मी जगत् से रोजी कमाने वाले बेरोजगार हो सकते हैं।
लॉकडाउन के बीच फिल्म जगत को करोड़ों का नुकसान
कोरोनासंकट ने फिल्मी दुनिया का संकट भी बढ़ा दिया है। हर साल करोड़ों का कारोबार फिल्मी जगत में होता है। देश में जारी तालाबंदी मनोरंजन की दुनिया को 500 से 1000 करोड़ के बीच नुकसान झेलना पड़ सकता है। पिछले दिनों जिन प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया गया था उन्हें ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज करने की चर्चा भी होती रही है। ऐसे में मल्टीप्लेक्स व सिनेमाहॉल के मालिकों को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
इंवेट आर्गेनाईजेशन के द्वारा सभी फिल्मी इवेंट कैंसिल करने की पहल
भारत की सभी फिल्म इवेंट ऑर्गेनाइजेशन ने सभी कार्यक्रमों को कैंसिल करने की पहल की जिससे कई लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। फिल्म शूटिंग भी बंद कर दी गई हैं। इसका सीधा असर फिल्म इंडस्ट्री के छोटे-मोटे काम करने वालों पर पड़ सकता है।
प्रोडक्शन हाऊस के बंद होने का खतरा ज्यादा
लाॅकडाउन के बीच लोग घरों पर रहकर ओटीटी प्लेटफॉर्म का जिस तरह से उपयोग कर रहे हैं, उसमें लोगों के लिए मनोरंजन की ज्यादा चीजें उपलब्ध हो रही हैं। बेव सीरीज का चलन फिल्मों व प्रोडक्शन हाउसेस के बंद होने का खतरा हो सकता है। वहीं काम कम और फिल्मी बाजार में प्रतिस्पर्धा का दौर ज्यादा आ सकता है।