By अभिनय आकाश | Jun 17, 2023
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के रहने वाले उमेश 27 महीने पाकिस्तान की जेल में बिताने के बाद भारत लौट आए हैं। आजीविका के लिए उमेश काम के सिलसिले में गुजरात जाता था और वहां समुद्र में मछली पकड़ता था। दो साल पहले मछली पकड़ने के दौरान उनकी नाव की डोरी टूट गई और नाव पाकिस्तान की सीमा में चली गई और पाकिस्तानी नौसेना के जवानों ने उमेश समेत सभी 6 मछुआरों को नाव से पकड़ लिया। भारत सरकार ने इन सभी मछुआरों को वापस लाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। इसके बाद 3 जून, जिस दिन पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत सरकार की पहल पर वाघा सीमा पर 200 मछुआरों को बीएसएफ को सौंप दिया था। इसके बाद उमेश अपने घर लौट सका।
नाव पाकिस्तान की ओर जा चुकी थी
बृजमनगंज थाना क्षेत्र के बरगहपुर गांव निवासी उमेश बेहद गरीब है और झोपड़ी में रहने को मजबूर है। वे अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात गया था। जहां 19 मार्च 2021 को समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान उनकी मोटर बोट का पट्टा टूट गया और उनकी नाव पाकिस्तानी सीमा की ओर बह गई। जहां एक मोटर बोट में सवार छह मछुआरों को पाकिस्तानी नौसेना के जवानों ने पकड़ लिया और कराची ले गए। उन्हें ले जाया गया और कड़ी पूछताछ के बाद उन्हें मालेर जेल भेज दिया गया। यह समय उनके लिए बहुत कठिन था। उमेश ने कहा कि परिवार को याद करते हुए समय बीत रहा था, उन्हें यकीन नहीं था कि वह कभी परिवार तक पहुंच पाएंगे। पाकिस्तान की जेल में खौफ के साये में गुजर रही थी जिंदगी, न रोटी की आस थी, न जीने की आस थी। अपने परिवार की याद मुझे हमेशा सताती थी।
घर पहुंचते ही परिवार के लोगों ने लगाया गले
भारत सरकार की पहल पर 3 जून को पाकिस्तानी सैनिकों ने वाघा सीमा पर 200 मछुआरों को बीएसएफ को सौंप दिया। जिसके बाद जब उमेश घर पहुंचा तो परिवार को देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए। घर पहुंचते ही परिवार के लोगों ने उन्हें गले से लगा लिया और प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की।