By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 11, 2019
लंदन। ब्रिटेन में 12 दिसंबर को होने जा रहे चुनाव से पहले जारी प्रचार में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत के फैसले से जुड़ा मुद्दा भी अपनी जगह बना चुका है और उम्मीदवारों ने कहा है कि चुनाव प्रचार में यह सब नहीं उठना चाहिए। भारतीय समुदाय से जुड़े कुछ संगठन मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया पर संदेश भेज रहे हैं।
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विपक्षी लेबर पार्टी को अपने ‘‘भारत विरोधी रुख’’ को लेकर हमलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इसने कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के लिए प्रस्ताव पारित किया था। स्थिति को भांपते हुए लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम अपनी गृह-भूमियों का बॅंटवारा जारी रख एक बेहतर देश बन सकते हैं। इसकी जगह आज हमें ब्रिटेन पर ध्यान देना चाहिए। कश्मीर, कश्मीर के लोगों का मामला है और सभी विवादों का समाधान भारतीय संविधान के कानून के दायरे में होना चाहिए।
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शर्मा को एक बार फिर से पश्चिमी लंदन के ईलिंग साउथाल निर्वाचन क्षेत्र से विजयी होने की उम्मीद है। इस सीट पर वह अपनी पार्टी की तरफ से 2007 से काबिज हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव इस बारे में निर्णय करने का है कि हम किस तरह के ब्रिटेन में रहना चाहते हैं। लेबर पार्टी के विरोध में व्हाट्सएप और टि्वटर पर भी संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है और इसे लंदन में पाकिस्तान के समर्थन में हुए प्रदर्शनों की आलोचना न करने पर ‘‘हिन्दू विरोधी’’ कहा जा रहा है। इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें पिछले महीने दिवाली के दिन तथाकथित ‘‘कश्मीर को स्वतंत्र करो’’ रैली के दौरान प्रदर्शनकारी एक दक्षिणपंथी ब्रिटिश पत्रकार से धक्का-मुक्की करते नजर आते हैं।
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संदेशों में कहा जा रहा है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के भारत के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान के दुष्प्रचार का लेबर पार्टी आंख मूंदकर समर्थन कर रही है। ब्रिटिश संसद के लिए 2017 में चुने गए पहले सिख सांसद तनमंजीत सिंह ने कहा कि यह बहुत ही चिंताजनक है। लेबर उम्मीदवार बर्कशाइर के स्लोघ से फिर विजयी होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनका कहना है कि कश्मीर पर पार्टी के प्रस्ताव की गलत व्याख्या की जा रही है। यह मानवाधिकारों पर केंद्रित था। यह किसी भी तरह भारत विरोधी नहीं था। प्रस्ताव में कहा गया था कि इसे स्वीकार किया जाए कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और कश्मीर के लोगों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप आत्मनिर्णय का अधिकार दिया जाना चाहिए।
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इस प्रस्ताव को लेबर नेता जेरेमी कोर्बिन ने मंजूरी प्रदान की थी। सौ से अधिक ब्रिटिश-भारतीय संगठनों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले संगठन ‘रिस्पेक्ट ब्रिटिश इंडियंस’ ने चुनाव लड़ रहे प्रत्येक ब्रिटिश नेता के लिए संबंधित प्रस्ताव को निरस्त करने के वास्ते एक ‘संकल्प’ का प्रारूप भी तैयार किया है। ब्रिटेन के चुनाव में भारतीय समुदाय के 10 लाख से अधिक वोट माने जा रहे हैं और प्रत्येक राजनीतिक दल मंदिरों और गुरुद्वारों में तस्वीरें खिंचवाकर इस समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रहा है।