By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 31, 2024
नयी दिल्ली। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि देश तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है तथा ‘एक व्यक्ति और एक पार्टी की सरकार’ भारत के लिए खतरनाक है। उन्होंने यहां रामलीला मैदान में ‘इंडिया’ गठबंधन की ‘लोकतंत्र बचाओ महारैली’ में लोगों का आह्वान किया कि वे लोकसभा चुनाव में भाजपा को पराजित करें और ‘अबकी बार, भाजपा तड़ीपार’ का नारा दें। इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला शामिल थे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले आशंका जताई जा रही थी कि देश तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है। अब यह सच्चाई बन गयी है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘एक व्यक्ति और एक पार्टी की सरकार’’ देश के लिए खतरनाक है। ठाकरे ने लोगों का आह्वान किया, ‘‘अब हमें मिलीजुली सरकार लानी होगी।’’ उनका कहना था, ‘‘सभी प्रांतों का सम्मान करने वाली सरकार बनाने से ही देश बच सकता है। ठाकरे ने कहा, ‘‘हम चुनाव के लिए एकत्र नहीं है, हम लोकतंत्र बचाने के लिए आए हैं।’’
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख ने कहा, ‘‘जो सरकार किसानों को आतंकवादी मानती है उसे सत्ता में आने से रोकना होगा। जैसे किसानों को दिल्ली आने से रोका गया उसी तरह भाजपा को भी दिल्ली (सत्ता में) आने से रोकना होगा।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं आपका आह्वान करता हूं कि तानाशाही के खिलाफ यह नारा देना होगा कि ‘अबकी बार, भाजपा तड़ीपार’। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के प्रति समर्थन जताया और कहा कि पूरा देश उनके साथ है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड का मामला सबसे बड़ा घोटाला है और केंद्र की मौजूदा सरकार सबसे भ्रष्ट सरकार है। उन्होंने दावा किया कि इस सरकार ने लोकतंत्र को दबाने के लिए जम्मू-कश्मीर को प्रयोगशाला बना दिया है और वहां प्रयोग करने के बाद उसे पूरे देश में लागू करती है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने दावा किया कि सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है तथा चुनावी बॉण्ड से मिले धन का उपयोग विपक्ष को तोड़ने के लिए हो रहा है।