बीजेपी की मजबूत पकड़ वाली Yavatmal-Washim लोकसभा सीट पर Uddhav Thackeray ने जलाई मशाल, विधानसभा चुनाव में रोचक होगा मुकाबला

By Anoop Prajapati | Sep 18, 2024

महाराष्ट्र का यवतमाल-वाशिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र 48 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। जिस पर कुछ महीने पहले संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय उत्तमराव देशमुख सांसद चुने गए थे 2002 को गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 को बनाया गया था। यहां पर 2009 में लोकसभा के लिए मतदान किया गया। इस लोकसभा के दोनों जिले विदर्भ क्षेत्र में आते हैं। वनीय क्षेत्र होने के कारण यहां हिरन और बाघों का घर भी माना जाता है। यहां सबसे ज्यादा कपास और तेंदू पत्ता का उत्पादन होता है।


यह लोकसभा क्षेत्र वाशिम और यवतमाल जिलों के अंतर्गत आता है। जो वाशिम, कारंजा, रालेगांव, यवतमाल, दिग्रस और पुसद विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बनाया गया है। 2019 के चुनाव में इन 6 में से चार सीट पर बीजेपी जीतने में सफल रही थी। तो वहीं, शिवसेना और एनसीपी के खाते में भी एक-एक गई थी। इस लोक सभा क्षेत्र की वाशिम विधानसभा सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। जहां पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही हमेशा वर्चस्व की लड़ाई रहती है। 1990 के बाद से भाजपा सिर्फ 2004 में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव हारी थी। पार्टी के नेता लखन मलिक वर्तमान में यहां से लगातार 15 साल से विधायक हैं।


यवतमाल-वाशिम लोक सभा क्षेत्र की कारंजा विधानसभा सीट फिलहाल खाली है, क्योंकि इस सीट पर पिछले 10 साल से बीजेपी के चुनाव निशान पर जीतते चले आ रहे राजेंद्र पाटनी का फरवरी 2024 में निधन हो गया था। इस लोकसभा क्षेत्र की रालेगांव विधानसभा सीट भी आरक्षित है। जिसपर सिर्फ अनुसूचित जनजाति वर्ग का उम्मीदवार ही खड़ा हो सकता है। मालेगांव विधानसभा सीट को भाजपा ने 2014 के चुनाव में कांग्रेस के कब्जे से छीन लिया था। फिलहाल पार्टी के नेता अशोक उईके यहां से लगातार 10 साल से विधायक बने हुए हैं। राज्य की यवतमाल विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने अब तक बीजेपी और कांग्रेस के अलावा किसी अन्य पार्टी पर भरोसा नहीं जताया है। यहां 1990 के बाद से ही दोनों पार्टियां क्रमवार तरीके से चुनाव जीतती रही हैं। 


2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मदन येरावर पर इस क्षेत्र के लोगों ने भरोसा जताते हुए उन्हें विधानसभा पहुंचा था। जिसके बाद से वह लगातार जनता का आशीर्वाद वोट के रूप में प्राप्त कर रहे हैं। यवतमाल-वाशिम लोक सभा क्षेत्र की दिग्रस विधानसभा सीट देश में 1952 में हुए पहले आम चुनाव के बाद से ही अस्तित्व में आ गई थी। जिसपर एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना के संजय राठौर का 15 साल से एकछत्र राज कायम है। उनके पहले निर्दलीय उम्मीदवार संजय देशमुख भी इस क्षेत्र का 10 साल तक प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। महाराष्ट्र राज्य की विधानसभा में 81 नंबर से जाने जानी वाली पुसद विधानसभा सीट पर 1999 तक कांग्रेस अपराजिता रही थी। हालांकि, 1999 में एनसीपी के सुधाकरराव नाईक ने उसके इस वर्चस्व को समाप्त कर दिया था। जिसके बाद से एनसीपी यहां एक भी चुनाव नहीं हारी है। वर्तमान में अजित पवार के गुट वाली पार्टी के इंद्रनील मनोहर नाईक इस क्षेत्र की जनता की आवाज विधानसभा में पहुंच रहे हैं।

प्रमुख खबरें

दोस्त इजरायल के लिए भारत ने कर दिया बड़ा काम, देखते रह गए 193 देश

Nawada Fire: CM Nitish के निर्देश के बाद पुसिल का एक्शन, 16 लोगों को किया गिरफ्तार, पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग

Ukraine पहुंचे भारत के हथियार, रूस हो गया इससे नाराज, विदेश मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्ट को बताया भ्रामक

Waqf Board case: आप विधायक अमानतुल्लाह खान की याचिका, दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी से रिपोर्ट मांगी