अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने आतंक, आतंकवाद और आतंकवादियों से निपटने की चुनौती को अपने टाप एजेंडे में रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। लोकसभा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) विधेयक पर आज हुई वोटिंग के बाद विधेयक को सदन से पारित कर दिया गया है। बिल को पक्ष में 287 जबकि विपक्ष में सिर्फ 8 वोट पड़े। विधेयक पर लाए गए सभी संशोधन प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया गया। आमतौर पर सभी तरह के बिल वॉइस वोटिंग के जरिए पास कराए जाते हैं लेकिन सदन में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक 2019 में संशोधन के लिए सदस्यों को खड़े करा कर मत विभाजन कराया गया। जिससे इसके पक्ष में और खिलाफ में होने का भी पता कल गया। इससे पहले भी एनआईए बिल पर वॉइस वोटिंग की बजाए डिवीजन ऑफ वोटिंग हुई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए देश में ‘‘कठोर से कठोर कानून’’ की जरूरत है और यूएपीए कानून में संशोधन देश की सुरक्षा में लगी जांच एजेंसी को मजबूती प्रदान करने के साथ ‘‘आतंकवादियों से हमारी एजेंसियों को चार कदम आगे’’ रखने का प्रयास है।
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गृह मंत्री ने कहा कि यह संशोधन कानून केवल आतंकवाद को खत्म करने के लिये है और इसका हम कभी भी दुरूपयोग नहीं करेंगे और करना भी नहीं चाहिए। मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की मांग की। इसके बाद कांग्रेस, द्रमुक, टीएमसी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। एआईएमआईएम के असादुद्दीन ओवैसी ने विधेयक को पारित होने के लिये विचारार्थ आगे बढ़ाने जाने के विरोध में मत विभाजन की मांग की।
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