By अभिनय आकाश | Jan 31, 2023
आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तान डिफॉल्ट की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के मित्र देश सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन ने अब साफ कर दिया है कि वह शाहबाज सरकार को बेलआउट नहीं देने जा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों यूएई का दौरा किया था, लेकिन यह व्यर्थ रहा। इतना ही नहीं यूएई के राष्ट्रपति पाकिस्तान जाने वाले थे लेकिन उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया। अब थक हारकर शाहबाज सरकार पाकिस्तान की 5 बड़ी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी संयुक्त अरब अमीरात को बेचने जा रही है। पाकिस्तान कर्ज के लिए आईएमएफ से भी बातचीत कर रहा है। शाहबाज सरकार ने यूएई को पाकिस्तान की सरकारी तेल और गैस कंपनी, पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड, नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन, पाकिस्तान नेशनल शिपिंग कॉरपोरेशन में हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, सरकार ने कथित तौर पर इन पाकिस्तानी कंपनियों में हिस्सेदारी संयुक्त अरब अमीरात की दो कंपनियों को बेचने का प्रस्ताव रखा है। इससे पहले सऊदी अरब और यूएई ने साफ कहा था कि वे अब पाकिस्तान को अरबों डॉलर की मदद मुफ्त में नहीं देंगे।
शाहबाज सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेच रहे हैं
इसके बाद अब पाकिस्तान सरकार अपनी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी यूएई को बेचने जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव शाहबाज शरीफ की यूएई यात्रा के दौरान दिया गया था। पाकिस्तान ने यूएई से मांग की थी कि पाकिस्तानी सामान को यूएई के बाजार में ज्यादा पहुंच दी जाए। शाहबाज शरीफ ने यूएई की दो बड़ी कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की थी और उन्हें सोलर पावर, एयरपोर्ट मैनेजमेंट आदि में निवेश का प्रस्ताव दिया था। यूएई की इन दिग्गज कंपनियों के पास 300 अरब डॉलर का निवेश पोर्टफोलियो है।
यूएई के राष्ट्रपति ने रद्द किया दौरा
यूएई की इन कंपनियों ने पाकिस्तान के फायदे के लिए चल रही कंपनियों में निवेश की इच्छा जताई है। पाकिस्तान आने पर शाहबाज शरीफ यूएई के राष्ट्रपति से और कर्ज के बारे में बात करना चाहते थे, लेकिन शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने आखिरी समय में 'खराब मौसम' का हवाला देते हुए अपनी यात्रा रद्द कर दी। इस वजह से शाहबाज सरकार को काफी बेइज्जती का सामना करना पड़ा है. यूएई पहले ही पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर के नए ऋण की घोषणा कर चुका है। साथ ही 2 अरब डॉलर का पुराना कर्ज भी वापस नहीं मांगा है।
पाकिस्तान आईएमएफ की शरण में गया
पाकिस्तान अपनी राजधानी इस्लामाबाद एयरपोर्ट का मैनेजमेंट यूएई की एक कंपनी को सौंपना चाहता है। पाकिस्तान भी चाहता है कि यूएई के साथ उसका व्यापार 10.6 अरब डॉलर तक पहुंच जाए। पाकिस्तान को कहीं कर्ज नहीं मिलने के बाद अब उसे फिर से आईएमएफ के पास जाना पड़ रहा है, जिसने पाकिस्तानी सरकार से कई सौ अरब डॉलर के नए टैक्स लगाने को कहा है। यही वजह है कि पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की गई है।