By नीरज कुमार दुबे | Oct 18, 2022
जम्मू-कश्मीर में फिर बरसा है आतंक का कहर जिसके चलते शोपियां जिले में उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों की मौत हो गयी है। हम आपको बता दें कि मंगलवार तड़के आतंकवादियों द्वारा किए गए ग्रेनेड हमले में दो प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया है कि हमले के बाद इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक स्थानीय ‘हाइब्रिड’ आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया। दरअसल, ‘‘हाइब्रिड’’ आतंकवादी वे लोग होते हैं, जो इस तरह के आत्मघाती हमले करने के बाद अक्सर सामान्य जीवन में वापस लौट जाते हैं।
कश्मीर जोन पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आतंकवादियों ने शोपियां के हरमन इलाके में एक ग्रेनेड फेंका, जिसमें उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले दो मजदूर मनीष कुमार और राम सागर घायल हो गये। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।’’ उन्होंने कहा कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाश की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), कश्मीर, विजय कुमार ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘लश्कर का एक ‘हाइब्रिड’ आतंकवादी, जिसने ग्रेनेड फेंका था उसे तलाशी अभियान के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया।’’ उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान हरमन के इमरान बशीर गनी के रूप में हुई है। उसने ग्रेनेड फेंके जाने की बात स्वीकार कर ली है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मामले के संबंध में आगे की जांच और तलाशी जारी है। उन्होंने कहा कि एक और शख्स को गिरफ्तार किया गया है और उसकी बताई जगहों पर छापे मार रहे हैं और जल्द ही हम मुख्य आरोपियों को पकड़ लेंगे।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि यह बहुत दुखद है। हमारी सरकार लगातार आतंकवादियों की सफाई के लिए काम कर रही है। हर स्थिति में हम उनको मुहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।
कौन होते हैं हाइब्रिड आतंकवादी?
जहां तक कश्मीर में आतंक के बदले स्वरूप की बात है तो आपको बता दें कि पाकिस्तान की नई चाल के तहत हाइब्रिड आतंकवाद की समस्या खड़ी हुई है। इसके तहत पाकिस्तान ने कश्मीर में अधिक से अधिक पिस्तौल भेजने का नया चलन शुरू किया है। पिस्तौल ले जाना और छिपाना आसान होता है इसलिए आतंकवादी आजकल इन्हीं का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। आपने देखा होगा कि अब पहले की तरह एके-47 या बड़ी-बड़ी गनें लेकर आतंकवादी हमले नहीं करते। यह जो हाइब्रिड आतंकवादी होते हैं वह पैसे के लालच में उन्हें दिए गए एक या दो कार्यों को अंजाम देते हैं और उसके बाद अपने सामान्य जीवन में लौट जाते हैं। पहले कोई आतंकवादी बनता था तो सोशल मीडिया पर बम बंदूक के साथ फोटो खिंचवाकर डालता था और ज्यादा से ज्यादा प्रचार पाने के तरीके भी अपनाता था। ऐसे में पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए उसके चेहरे की पहचान करना आसान होता था लेकिन अब हाइब्रिड आतंकवादियों की पहचान मुश्किल इसलिए है क्योंकि वह आम लोगों के बीच का ही कोई चेहरा है जो घटना को अंजाम देने के बाद मासूम बन कर जनता के बीच में ही छिप जाता है।
हम आपको बता दें कि अभी पिछले सप्ताह ही कश्मीरी पंडित किसान पूरन कृष्ण भट की आतंकवादियों द्वारा टार्गेट किलिंग कर दी गयी थी। इसके विरोध में सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित लोगों के एक समूह ने सोमवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस कार्यालय के बाहर धरना दिया। हालांकि हुर्रियत ने इस विरोध प्रदर्शन को "पुलिस के साथ प्रायोजित गुंडों" द्वारा "गुंडागर्दी" करार दिया है। अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शनकारी राजबाग में मीरवाइज उमर फारूक नीत हुर्रियत के कार्यालय के बाहर जमा हुए और विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कश्मीर घाटी में हुए रक्तपात के लिए हुर्रियत को जिम्मेदार ठहराया। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने हुर्रियत के केंद्रीय भवन के मुख्य द्वार पर 'इंडिया' लिख दिया और अलगाववादी संगठन के नामपट्ट को नीचे गिरा दिया। इस दौरान हुर्रियत के कार्यालय के द्वार बंद थे। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों में सामाजिक कार्यकर्ता, नगर निगम पार्षद और कश्मीरी पंडित शामिल थे।
-नीरज कुमार दुबे