By अजय कुमार | May 01, 2024
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के लिये कैसरगंज लोकसभा सीट गले की फांस बन गई है। एक तरफ यहां के मौजूदा बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पार्टी पर टिकट के लिये दबाव बना रहे हैं तो दूसरी ओर बृजभूषण महिलाओं खिलाड़ियों के शारीरिक शोषण के आरोपों के चलते विपक्ष के निशाने पर हैं। हालत यह है कि तीन मई को नामांकन की अंतिम तिथि है और बीजेपी यहां से प्रत्याशी ही नहीं तय गर पाई है। बीजेपी ने अभी तक कैसरगंज सीट को लेकर फैसला नहीं किया है, इसको लेकर उसे फजीहत भी उठाना पड़ रही है।
बता दें बृजभूषण सिंह बीते काफी समय से कैसरगंज इलाके में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वह खुद को टिकट मिलने को लेकर आश्वस्त भी नजर आ रहे हैं। लेकिन बीजेपी ने अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं किया है। कैसरगंज में पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होनी है। यहां नामांकन की आखिरी तारीख 3 मई है। 4 तारीख को सभी प्रत्याशियों के नाम की स्क्रूटनी की जाएगी। इस लिहाज से अब किसी भी प्रत्याशी के पास महज 2 दिन का समय और बचा है। संभावना इस बात की भी है कि बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो बृजभूषण बगावत भी कर सकते हैं। वह किसी और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर मैदान में कूदने के साथ निर्दलीय भी चुनाव में उतर सकते हैं।
उधर, सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी आलाकमान बृजभूषण की जगह उनके परिवार से ही किसी को प्रत्याशी बनाना चाहती है। इसे लेकर बृजभूषण से बात भी हो चुकी है। बूजभूषण किसी भी हाल में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। बृजभूषण ने बीते दिनों मीडिया के सवाल भारतीय जनता पार्टी का टिकट क्या उन्हें मिलेगा? इसमें देरी क्यों हो रही है? इस पर बृजभूषण शरण सिंह ने जवाब दिया, होइहै सोइ जो राम रचि राखा।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के प्रदर्शन के मामले को विपक्षी दलों ने मुद्दा बना दिया है। जनवरी 2023 में पहलवानों का विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। 18 जनवरी को पहलवानों ने जंतर- मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर इसे विपक्ष के कई नेताओं का समर्थन मिला था। बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण और धमकी का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया गया।