By अभिनय आकाश | Jun 25, 2021
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के ट्विटर अकाउंट को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया गया था। खुद रविशंकर प्रसाद ने ही इस मामले की जानकारी दी। डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन को लेकर कानून मंत्री का अकाउंट ब्लॉक किया गया। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर की कार्रवाई आईटी नियमों का उल्लंघन है और कंपनी मेरे अपने खाते पर पहुंच से मना करने से पहले नोटिस देने में विफल रही। इससे बाद सिलसिलेवार ढंग से ट्वीट करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि ट्विटर के कार्यों से संकेत मिलता है कि वे फ्री स्पीच के अग्रदूत नहीं हैं, जैसा कि उनकी तरफ से दावा किया जाता है। ट्विटर की मनमानी, असहनशीलता को लेकर मैंने जो टिप्पणियां की है, स्पष्ट तौर पर यह उसकी झल्लाहट है। रविशंकर प्रसाद ने कहा ट्विटर केवल अपने स्वयं के एजेंडे को चलाने में रुचि रखता है। साथ ही उन्होंने नए आईटी कानूनी को लेकर दो टूक कहा किचाहे कोई भी प्लेटफॉर्म हो, उन्हें नए आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और उस पर कोई समझौता नहीं होगा।
गौरतलब है कि लगातार ट्विटर पर मनमानी करने और भारत सरकार के नए आईटी कानून को मानने को लेकर टालमटोल के आरोप लग रहे थे। इसके अलावा नीला टीक हटाना फिर बहाल करने जैसे कदम उठाकर सरकार को एक तरह से चैलेंज देने की भी कोशिश की जा रही थी। ट्विटर ने सरकार के साथ टकराव के बीच भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और संघ प्रमुख मोहन भगवत समेत कई दिग्गजों के अकाउंट को अनवेरिफाइड श्रेणी में डाल दिया था। इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्लकिट वाले ट्वीट को मैन्युपुलेटेड मीडिया का टैग लगा दिया था।