By अभिनय आकाश | Apr 01, 2025
शौकत थानवी का आपने पुराना शेर कमजोर मुकाबिल हो तो फौलाद है मोमिन, पुतिन (अंग्रेज की जगह) हो सरकार तो औलाद है मोमिन, मोमिन से हमारा मतलब ट्रंप से है। पुतिन ने ट्रंप से पहले तो अपनी शर्तें मनवा ली। फिर ट्रंप के ही संघर्ष विराम प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पुतिन ने उतना ही दिया, जितना उनका मन था। ये ट्रंप के दावे के बिल्कुल उलट था। जब फरवरी 2025 में ट्रंप ने पुतिन को फोन मिलाया तब दोनों एक दूसरे के सामने बिछे जा रहे थे। ऐसी गाढ़ी दोस्ती का दावा करते थे, जिसकी दूसरी मिसाल ही न हो। ट्रंप ने यहां तक कहा कि पुतिन सिर्फ मेरी बात सुनते हैं क्योंकि मैं ताकतवर हूं। लेकिन जैसे ही जमीनी सच्चाई से उनका सामना हुआ। उनकी हालत खस्ता होने लगी।
ट्रंप की धमकी बढ़ा देगी पुतिन का पारा
डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर रूस ने यूक्रेन युद्ध खत्म करने में सहयोग नहीं किया तो वो रूसी तेल पर 25 % टैरिफ लगा देंगे। इससे भारत और चीन को बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि ये दोनों देश रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप का ये फैसला भारत को नुकसान पहुंचाएगा। ट्रंप ने कहा कि हमने (संघर्षविराम की दिशा में) काफी प्रगति की है और स्वीकार किया कि दोनों नेताओं के बीच काफी कटुता है। यह एक नया संकेत है कि बातचीत से ट्रंप तत्काल हल नहीं निकाल सकते जिसका उन्होंने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान वादा किया था। ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने निजी क्लब मार-ए-लागो में साक्षात्कार के दौरान असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह जेलेंस्की की विश्वसनीयता पर पुतिन द्वारा सवाल उठाए जाने से क्षुब्ध और खिन्न हैं। उन्होंने धमकी दी है कि अगर रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन को लेकर समझौता नहीं होता है तो वो रूसी तेल पर भारी टैरिफ लगा देंगे। ट्रंप ने साफ कहा है कि अगर मुझे लगेगा कि समझौता न होने की गलती रूस की ओर से की जा रही है तो मैं रूस से आने वाले सभी तेल पर 25 % टैरिफ लगा दूंगा।
रूस कैसे देगा अमेरिका को जवाब
अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर भारत और चीन पर पड़ेगा क्योंकि आज भारत रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है। ऐसे में इस बात को लेकर भी चर्चा तेज हो चली है कि अमेरिका के इस फैसले से भारत के तेल सप्लाई पर भी संकट आ जाएगा। रूस पहले से ही पश्चिमी देशों के प्रतिबंध झेल रहा है। अमेरिका और यूरोप ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। लेकिन इसके बावजूद रूस की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण भारत और चीन की तरफ से लगातार तेल की खरीद है। अगर अमेरिका रूस के तेल पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगा देता है तो रूस इसका जवाब दो तरीके से दे सकता है। पहला रूस भारत को और सस्ता तेल देकर अमेरिका को जवाब दे सकता है। रूस चीन और दूसरे देशों के साथ मिलकर अमेरिकी डॉलर पर दबदबा कायम करने की कोशिश कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति का सबसे बड़ा खेल
ये फैसला केवल एक टैरिफ का मुद्दा नहीं। अंतरराष्ट्रीय राजनीति का सबसे बड़ा खेल बन सकता है। ट्रंप की धमकी से पुतिन भड़क भी सकते हैं। अगर रूस को नुकसान होता है तो पुतिन अमेरिका के खिलाफ औऱ सख्त नीति अपना सकते हैं। अमेरका रूसी टैरिफ पर टैरिफ लगाता है तो भारत पर भी इसका असर पड़ेगा। भारत अभी रूस से प्रतिदिन 1.6 मिलियन बैरल तेल खरीदता है। भारत को ये तेल डिस्काउंट पर मिलता है जिसे हमें हर साल अरबों डॉलर की बचत होती है। लेकिन अगर अमेरिका ने सच में टैरिफ लगा दिया तो तेल महंगा हो जाएगा। भारत को तेल के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं। मोदी सरकार पहले ही ये साफ कर चुकी है कि वो अपने एनर्जी पॉलिसी को अपने हित में बनाएगा। भारत पहले भी अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूसी तेल खरीदता रहा है।
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