वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता हासिल करने के लिए भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझीदारी को बढ़ाने का आज संकल्प लिया और भारत से इस युद्ध ग्रस्त देश में और आर्थिक मदद मुहैया कराने की अपील की। ट्रंप ने कमांडर इन चीफ के रूप में पहली बार प्राइम टाइम में टेलीविजन पर प्रसारित देश को अपने संबोधन में दक्षिण एशिया संबंधी अपनी नीति के बारे में बताया और कहा कि इसका ‘‘अहम हिस्सा’’ भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझीदारी को और विकसित करना है। उन्होंने कहा कि ‘‘समग्र समीक्षा’’ के बाद यह निर्णय लिया गया कि अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में अमेरिकी रणनीति में नाटकीय बदलाव आएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत से अपील की कि वह अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए, विशेषकर आर्थिक क्षेत्र में और योगदान दे। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत अमेरिका का अहम सुरक्षा एवं आर्थिक साझीदार है। ट्रंप ने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में भारत के अहम योगदान की प्रशंसा करते हैं, लेकिन भारत अमेरिका के साथ व्यापार से अरबों डॉलर कमाता है और हम चाहते हैं कि वह अफगानिस्तान के संबंध में, खासकर आर्थिक सहयोग एवं विकास के क्षेत्र में हमारी और मदद करे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दक्षिण एशिया और सीमावर्ती भारत प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के हमारे साझे हितों को हासिल करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ ट्रंप ने अपने संबोधन में आतंकवादी समूहों को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की और कहा कि इस्लामाबाद अमेरिका से अरबों डॉलर की मदद प्राप्त करता है, इसके बावजूद वह आतंकवादियों को पनाह मुहैया करा रहा है।
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम आतंकवादी संगठनों, तालिबान और क्षेत्र एवं इससे आगे भी खतरा पैदा करने वाले अन्य समूहों को पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराई जा रही पनाहगाहों को लेकर अब खामोश नहीं रह सकते।’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘अतीत में, पाकिस्तान हमारा महत्वपूर्ण साझीदार रहा है। हमारी सेनाओं ने साझे दुश्मनों के खिलाफ मिलकर काम किया है। पाकिस्तानी लोगों ने आतंकवाद एवं अतिवाद के कारण काफी कुछ झेला है। हम इस योगदान एवं बलिदान की कद्र करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पाकिस्तान ने कुछ ऐसे संगठनों को शरण भी मुहैया कराई है जो हमारे लोगों को मारने की रोजाना कोशिश करते हैं।’’ ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान को अरबों डॉलर दे रहा है लेकिन वह अमेरिका के खिलाफ लड़ रहे आतंकवादियों को ही पनाह दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसे बदलना होगा। यह तत्काल बदलेगा। अमेरिकी सेवा के सदस्यों एवं अधिकारियों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों को शरण देने वाले किसी देश के साथ कोई साझीदारी बनी नहीं रह सकती। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान सभ्यता, व्यवस्था एवं शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाए।’’ट्रंप के संबोधन के बाद अमेरिका के विदश मंत्री रेक्स टिलरसन ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति की तरह दक्षिण एशिया संबंधी नई रणनीति में भारत की विस्तृत भूमिका की बात की। उन्होंने कहा, ‘‘भारत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयासों में अहम साझीदार रहेगा और हम अफगानिस्तान के राजनीतिक एवं आर्थिक आधुनिकीकरण को समर्थन मुहैया कराने में उसके योगदान का स्वागत करते हैं।’’