इंदौर। विमुद्रीकरण के साढ़े पांच महीने बाद पुलिस ने 44.86 लाख रुपये के बंद हो चुके नोटों के साथ यहां 45 वर्षीय कारोबारी को गिरफ्तार किया है। पखवाड़े भर के भीतर यहां दो अलग-अलग मामलों में कुल एक करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 500 और 1,000 रुपये के बंद नोट पकड़े जा चुके हैं। तुकोगंज पुलिस थाने के प्रभारी राजकुमार यादव ने आज बताया कि मुखबिर की सूचना पर सोमवार देर रात एक स्कूल के पास गिरफ्तार आरोपी की पहचान जानकी नगर निवासी प्रवीण अग्रवाल के रूप में हुई है। वह पेशे से कारोबारी हैं।
उन्होंने बताया कि अग्रवाल को जब यहां पकड़ा गया, तब वह मूलत: महाराष्ट्र में पंजीकृत एक महंगी कार चला रहा था। इस कार से 44.86 लाख रुपये मूल्य के 500 और 1,000 रुपये के बंद नोट बरामद किये गये। यादव ने बताया कि शुरूआती पूछताछ में पुलिस को संदेह है कि वह कमीशन पर अप्रचलित मुद्रा बदलवाने के लिये एक व्यक्ति के पास जा रहा था। मामले में विस्तृत जांच जारी है। इंदौर में एक अन्य मामले में कनाड़िया पुलिस ने 11 अप्रैल को 64.30 लाख रुपये के बंद नोटों के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत आठ नवंबर की रात अपने टेलीविजन संदेश में घोषणा की थी कि 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट अब वैध मुद्रा नहीं रहेंगे।