By अनन्या मिश्रा | Oct 03, 2023
हार्मोन्स हमारे शरीर को एनर्जी देने, हमारे अच्छे स्वास्थ्य और शारीरिक विकास, मेटाबॉलिज्म को सही बनाए रखने और अन्य शारीरिक गतिविधियों में अहम भूमिका निभाते हैं। बहुत सारे हार्मोन्स बनाने वाली ग्लैंड्स से मिलकर हमारा एंडोक्राइन सिस्टम बना होता है। लेकिन जब हमारे शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, तो आपको कई लक्षण देखने को मिल सकते हैं। हार्मोन्स के असंतुलित होने पर रात में नींद न आना, स्किन से जुड़ी समस्या, सिर दर्द, थकान, वजन बढ़ना या कम होने के साथ महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता देखने को मिल सकती है।
ऐसे में आप हार्मोन्स को नियमित रख कर अपनी सेहत को और बेहतर बना सकती हैं। ऐसे में आप योग और मेडिटेशन का सहारा भी ले सकती हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको अपनी डेली रूटीन में शामिल करने से आपके हार्मोन संतुलित रहेंगे। साथ ही आप भी ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी फिट रहेंगी।
भुजंगासन
इस आसन को कोबरा पोज भी कहा जता है। यह पीछे की तरफ झुकने वाला पोज है। इस आसन को करने से तनाव, मोटापा और मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों को कम किया जा सकता है।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
फिर अपने हाथों को छाती के पास रखें।
अब पेट और ऊपरी शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं और कंधो, गर्दन और सिर को ऊपर उठाएं।
जब आप इस आसन को करने के दौरान सिर, कंधे और गर्दन को ऊपर ऊठाएं तो इस दौरान आसमान की ओर देखें।
करीब 5 सेकेंड तक इस अवस्था में रहने के बाद अपनी सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
मालासन
इस आसन को करने से कमर, कूल्हों, टखनों और बॉडी को स्ट्रेच, जांघों, पेट की मांसपेशियों को टोन और कोलन के कार्य में सुधार, व पेल्विस में ब्लड सरकुलेशन को बढ़ावा मिलता है।
मालासन को करने से लिए एक मैट पर अपनी टांगों को दूर दूर करके बैठ जाएं।
अब स्क्वाट की अवस्था में बैठें और अपने हिप्स को जमीन पर ना रखें।
अगर आपकी एड़ी जमीन पर नहीं टिक रही है, तो एड़ी के नीचे टॉवल आदि भी रख सकती हैं।
अपनी ऊपरी बाजुओं को घुटनों के अंदरूनी भाग में लाएं और कोहनियों को जाघों के पास रखें।
फिर दोनों हथेलियों को मिलाते हुए 10 लंबी-लंबी सांसे सें।
उष्ट्रासन
इस आसन को करने से हार्मोन्स संतुलन में रहते हैं।
उष्ट्रासन को करने के लिए आप अपने घुटनों को जमीन पर रखें और फिर ऊपरी बॉडी को सीधा रखें।
इस दौरान कंधों को पीछा करने का प्रयास करें और अपने हिप्स, छाती और जांघों को भी पीछे की तरफ ले जाएं।
इस आसन को करने के दौरान आपको जितना आरामदायक लगे उतना पीछे ले जाएं।
इस अवस्था में कुछ देर लंबी सांस लेते हुए इसी अवस्था में रहें।
ससंगासन
इस आसन को करने से रीड की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है और गर्दन व सिर के आसपास होने वाले स्ट्रेस से राहत भी मिलती है।
अपनी एड़ियों पर बैठते हुए वज्रासन अवस्था में आ जाएं।
अब अपनी बाजुओं को पीछे की तरफ खोल लें और पैरों को पीछे ले जाने की कोशिश करें।
फिर अपनी ठुड्ढी को अपनी छाती में गड़ा लें।
इस अवस्था में सिर नीचे की तरफ रहेगा, इस दौरान ठुड्ढी छाती को छू रही हो और आपका सिर घुटनों को छूने की कोशिश करें।
फिर लंबी सांसे लें।
सेतुबंधासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ लें।
इस दौरान अपने हाथों को साइड में रखें।
कमर के भाग को ऊपर उठाएं और हाथ आपकी कमर के नीचे जमीन पर रखें।
अब सांसे छोड़ें और थोड़ी देर इस अवस्था में रुकने के बाद वापस अपनी सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।
इन सभी आसनों को करने से आपके हार्मोंस संतुलित रहते हैं।