By नीरज कुमार दुबे | Aug 07, 2024
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बांग्लादेश मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में दिये गये बयान में कहा था कि शेख हसीना ने बहुत कम समय में कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी। दरअसल हसीना ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि रविवार शाम तक उन्हें भी नहीं पता था कि उनके लिए देश छोड़ने की नौबत आ जायेगी। विदेशी मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि विरोध प्रदर्शनों को बढ़ते देख शेख हसीना ने रविवार रात सेना प्रमुख और अन्य जनरलों के साथ एक बैठक की थी। बताया जाता है कि इस बैठक में कई सेना अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी जुड़े थे। इस बैठक में सेना की ओर से साफ कर दिया गया था कि वह कर्फ्यू लागू करने के लिए नागरिकों पर गोलियां नहीं चलाएगी। सेनाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया था कि उनके सैनिक देशव्यापी कर्फ्यू को लागू करने में असमर्थ हैं। कई सेना अधिकारियों ने तो शेख हसीना को स्पष्ट कह भी दिया कि वह सेना का समर्थन खो चुकी हैं। यह सुन कर शेख हसीना को अहसास हो गया था कि उनकी जमीन खिसक चुकी है और अब यहां से चले जाने में ही भलाई है।
रिपोर्टों के मुताबिक इस बैठक में सेना अधिकारियों की ओर से शेख हसीना को स्पष्ट कर दिया गया था कि अब उनके सामने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। शेख हसीना ने सोच विचार के लिए कुछ समय मांगा था इसलिए उन्हें सुबह का वक्त दिया गया था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सुबह तक शेख हसीना इस्तीफा देने और देश छोड़ने का फैसला कर चुकी थीं और उन्होंने पनाह के लिए भारत से संपर्क भी साध लिया था। यह बात जब उन्होंने सेना के अधिकारियों को बताई तो उन्हें सैन्य विमान से भारत तक छोड़ने पर सहमति बन गयी थी।
शेख हसीना भारत तो आ गयी हैं लेकिन उनके लिए मुश्किल यह है कि उनका लंदन या फिनलैंड जाना संभव नहीं हो पा रहा है। इस बीच, बांग्लादेश से मांग बढ़ रही है कि भारत उनको वापस भेजे। हम आपको बता दें कि बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष एएम महबूब उद्दीन खोकन ने भारत से शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना को गिरफ्तार करने और उन्हें बांग्लादेश वापस भेजने का आह्वान किया है। खोकन विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के संयुक्त महासचिव भी हैं। बांग्लादेशी समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ ने खोकन के हवाले से कहा, ‘‘हम भारत के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं। कृपया, शेख हसीना और शेख रेहाना को गिरफ्तार करें, जो देश छोड़कर भाग गए हैं और उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दें। शेख हसीना ने बांग्लादेश में कई लोगों की हत्या की है।’’
हम आपको यह भी बता दें कि शेख हसीना की पार्टी के कई नेता अब तक देश छोड़कर भाग चुके हैं और कई भागने की फिराक में पकड़े जा रहे हैं। बांग्लादेश के पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद और पूर्व राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक को मंगलवार को देश छोड़ने की कोशिश करते समय ढाका हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया। ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार ने हवाई अड्डा विमानन सुरक्षा (एवीएसईसी) के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि महमूद दिल्ली जाने वाली उड़ान पकड़ने के लिए ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गए थे। अधिकारी ने बताया कि उन्हें बांग्लादेश छोड़ने की कोशिश करते समय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया।
इससे पहले की मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हसीना की अवामी लीग के कई शीर्ष नेता और सांसद तथा कैबिनेट मंत्री उनके जाने से पहले ही देश छोड़कर चले गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, अवामी लीग के महासचिव तथा पूर्व सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर ने रविवार रात को ही देश छोड़ दिया था। पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक हसीना के इस्तीफे से पहले ही देश छोड़कर अज्ञात स्थान पर चले गए। हसीना के निजी सलाहकार तथा सांसद सलमान एफ. रहमान भी रविवार रात देश छोड़कर चले गए। रहमान के सहयोगियों ने उनके देश छोड़ने की जानकारी दी लेकिन वे यह पुष्टि नहीं कर सके कि वह किस देश के लिए रवाना हुए। ढाका दक्षिण शहर निगम के महापौर और हसीना के भतीजे शेख फजले नूर तपोश शनिवार सुबह बिमान की उड़ान से ढाका से रवाना हुए। विमानन सूत्रों ने बताया कि वे सिंगापुर जाने वाले विमान में सवार हुए। इसके अलावा, अवामी लीग के कई वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्रियों के अलावा उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश मोहम्मद बदरुज्जमां भी देश छोड़कर जा चुके हैं।