By अभिनय आकाश | Oct 15, 2024
रावलपिंडी में जब दोपहर में सूरज पूरी तेज के साथ चमक रहा था। उस वक्त हाई सिक्योरिटी में इंडियन एयरफोर्स का एक विमान लैंड करता है। जियो पॉलिटिक्स के सबसे बड़े स्टैटजिस्ट प्लेन से बाहर आते हैं। इस फुटेज का लाइव टेलीकास्ट देखकर आर्मी हेडक्वार्टर में बैठे मुनीर और पीएम हाउस में बैठे शहबाज शरीफ के हाथ पांव फूलने लग जाते हैं। जयशंकर जेब से अपना काला चश्मा निकालते हैं और बेहद स्टाइलिश अंदाज में अधिकारियों से मिलते हुए अपने कॉनबॉय की ओर बढ़ते हैं। दरअसल, पाकिस्तान एससीओ समिट को लेकर उत्साहित है। लेकिन पूरे पाकिस्तान की नजर भारत पर टिकी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान पहुंचने से वहां की हुकूमत बेचैन है। वहीं विभिन्न मामलों में अ विरोध प्रदर्शन को लेकर पाकिस्तान में लॉकडाउन लगाने की नौबत तक आ गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही साफ कर चुके हैं कि ये विजिट एससीओ समिट तक ही सीमित है। इसमें इसके अलावा पाकिस्तान से कोई बात नहीं होने वाली है। दुनिया ये जानती है और एक्सपर्ट्स भी जानते हैं कि भारत का रवैया पाकिस्तान की तरफ क्या रहने वाला है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे। यह दोनों पड़ोसी देशों के तनावपूर्ण संबंधों के बीच पिछले करीब एक दशक में किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। जयशंकर का विमान स्थानीय समयानुसार अपराह्न करीब 3.30 बजे पाकिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में स्थित नूर खान हवाई अड्डे पर उतरा और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। पिछले करीब नौ साल में पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा की है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे पर और पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं।
विदेश मंत्री एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। उन्होंने एक्स पर लिखा, एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पहुंचा हूं।’’ जयशंकर ने हवाई अड्डे पर फूल देकर उनका स्वागत करते कुछ बच्चों और अधिकारियों की तस्वीरें साझा कीं। इससे पहले विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा पर आयी थीं। उस समय जयशंकर भारत के विदेश सचिव के नाते सुषमा स्वराज के शिष्टमंडल का हिस्सा थे। सुषमा स्वराज ने उस यात्रा में तत्कालीन पाक विदेश मंत्री सरताज अजीज से बातचीत की थी। सुषमा स्वराज और अजीज की वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसमें दोनों पक्षों ने समग्र द्विपक्षीय संवाद शुरू करने के अपने फैसले की घोषणा की थी।