By अनन्या मिश्रा | May 25, 2023
अगर आप भी पहली बार वैष्णों देवी की यात्रा के लिए जा रहे हैं तो यात्रा से जुड़ी तमाम जानकारियों को हासिल करना जरूरी है। जिससे कि यात्रा में आपको किसी तरह की तकलीफ का सामना न करना पड़े। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको वैष्णों देवी यात्रा से जुड़ी तमाम जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं। बता दें कि हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने उनके दरबार में पहुंचते हैं। जम्मू-कश्मीर स्थित त्रिकूट पर्वत पर एक गुफा में वैष्णों माता का दरबार है। मां के दरबार में पहुंचने के लिए भक्तों को 13किमी की मुश्किल चढ़ाई करनी पड़ती है।
पैदल और हेलिकॉप्टर
समुद्र तल से 5 हजार 300 फीट की ऊंचाई पर वैष्णो देवी तीर्थ स्थान स्थित है। बेस कैंप कटरा से माता के दरबार तक पहुंचने के लिए करीब 13 किलोमीटर की मुश्किल चढ़ाई करनी पड़ती है। अगर आप सक्षम हैं तो इस चढ़ाई को पैदल ही पूरा कर सकते हैं। वहीं अगर आप पैदल चढ़ाई करने में असमर्थ हैं तो घोड़ा, खच्चर, पिट्ठू या पालकी की सवारी की सुविधा भी मौजूद रहती है। यह आपको कटरा से माता के दरबार तक ले जाते हैं। इसके अलावा कटरा से सांझी छत के बीच हेलिकॉप्टर सर्विस भी ले सकते हैं। बता दें कि सांझी से आपको महज ढाई किमी की चढ़ाई करनी होती है।
यात्रा हो गई है थोड़ी आसान
मुश्किल भरी इस चढ़ाई के बाद भी करीब 1 करोड़ भक्त हर साल माता रानी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। हालांकि इस यात्रा को पूरा करने में आपको कितना समय लगता है, यह वहां की भीड़, मौसम और आपकी स्पीड पर निर्भर करता है। वहीं पिछले कुछ सालों में वैष्णों देवी की यात्रा में कई सुविधाओं को जोड़ा गया है। जिससे यह यात्रा बहुत हद तक आसान हो गई है। पहाड़ों को काटकर प्लेन रास्ते को बनाया गया है। वहीं चढ़ाई के दौरान पूरे रास्ते में आपको गह-जगह आराम करने के लिए शेड्स, पानी और भोजन आदि की व्यवस्था की गई है।
कटरा है बेस कैंप
जम्मू का छोटा सा शहर कटरा वैष्णो देवी का बेस कैंप है। यह जम्मू से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। वैष्णों धाम की यात्रा से पहले रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। क्योंकि तभी आपको मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। कटरा से माता के भवन के बीच में कई पॉइंट्स हैं जिसमें गर्भजून, हिमकोटी, बाणगंगा, अर्धकुवांरी, चारपादुका, इंद्रप्रस्थ, सांझी छत और भैरो मंदिर शामिल है। लेकिन यात्रा का मिड-पॉइंट अर्धकुवांरी है। यहां पर श्रद्धालु रुकने के बाद आगे 6 किमी की चढ़ाई करते हैं। बता दें कि साल 2018 में बाणगंगा से अर्धकुंवारी के बीच नए रास्ते को बनाया गया है। ताकि जो किमी की रास्ता बचता है, वहां से श्रद्धालुओं की भीड़ को कम किया जा सके।
कब करें यात्रा
वैसे तो मां वैष्णों देवी के दर्शन के लिए आप कभी भी जा सकते हैं। लेकिन गर्मियों में मई से जून और नवरात्रि के बीच यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है। वहीं जुलाई-अगस्त में बारिश के कारण यात्रा करने से बतना चाहिए। क्योंकि पहाड़ों पर फिसलन के कारण चढ़ाई मुश्किल हो जाती है। इसके साथ ही दिसंबर से जनवरी के बीच यहां जबरदस्त ठंड रहती है।
ऐसे पहुंचे वैष्णों धाम
हवाई मार्ग
वैष्णो देवी का नजदीकी एयरपोर्ट जम्मू का रानीबाग एयरपोर्ट है। जिसके बाद जम्मू से आप सड़क मार्ग के जरिए वैष्णो देवी के बेस कैंप कटरा पहुंच सकते हैं। जम्मू से कटरा की दूरी 50 किमी है। कटरा जाने के लिए आपको आसानी से बस व टैक्सी मिल जाएगी।
रेल मार्ग
जम्मू और कटरा दो नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। जम्मू रेल मार्ग देशभर के मुख्य शहरों से के जरिए जुड़ा हुआ है। वैष्णो देवी का बेस कैंप कटरा भी अब रेलवे स्टेशन बन गया है। जम्मू-उधमपुर रेल रूट पर स्थित है। साल 2014 में माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन की शुरूआत हुई थी। दिल्ली के साथ ही अन्य शहरों से भी जम्मू के लिए सीधे ट्रेन आती है।
सड़क मार्ग
देश के विभिन्न हिस्सों के सड़क मार्ग से जम्मू जुड़ा हुआ है। जम्मू होते हुए सड़क मार्ग से आप कटरा पहुंच सकते हैं।
साथ में रखें ये सामान
समुद्र तल से 5 हजार 200 फीट की ऊंचाई पर वैष्णो देवी का मंदिर स्थित है। जिसके कारण यहां के तापमान में काफी गिरावट रहती है। इसलिए मॉनसून में यात्रा के दौरान रेनकोट व छाता जरूर रख लें। वहीं सर्दियों में ऊनी कपड़े, जैकेट्स, टोपी आदि को रखना न भूलें। इसके अलावा आप अगर गर्मी में यात्रा कर रहे हैं तो भी हल्के गर्म कपड़े साथ रख सकते हैं।