प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के कल्याण में जुटी है। मोदी सरकार पार्ट 2 का पहला आम बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट तौर पर कहा भी था कि मोदी सरकार का फोकस बिंदू गांव, गरीब और किसान है। मोदी सरकार का लक्ष्य 2022 तक देश के किसानों की इनकम दोगुना करना है और इस लक्ष्य को पाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। आइए जानते हैं किसानों और गांवों की दशा और दिशा को सुधारने की कवायद में केंद्र सरकार ने अभी तक क्या अहम कदम उठाए हैं।
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गांवों को सड़क का तोहफा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान अगले पांच साल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 1.25 लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण का लक्ष्य रखा है। इस पर 80250 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि गांवों को बाजार से जोड़ने वाली सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा।
प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना
मोदी सरकार पार्ट-2 ने अपने पहले बजट में प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना का ऐलान किया था। इसके तहत किसानों को 60 साल की आयु पूरी होने पर 3000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। कृषि मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक इन्हीं मोबाइल नंबरों के जरिए 8 करोड़ से अधिक किसानों तक प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना का संदेश भेजा गया है। मतलब साफ है कि सरकार के लिए किसानों तक अपनी बात पहुंचाना काफी आसान हो गया है। अब पूरे देश में प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। कृषि मंत्री ने देश भर के किसानों से अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण कराने की अपील की है।
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गैर-यूरिया खादों की बढ़ाई सब्सिडी
सरकार ने किसानों को किफायती दर पर खाद मुहैया कराने के लिए गैर-यूरिया खादों पर सब्सिडी बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे सरकार को 22,875.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च उठाना होगा। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया। समिति ने वर्ष 2019-20 के लिए फॉस्फोरस और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए पोषण आधारित सब्सिडी दरों के निर्धारण के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी। सरकार अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सीधे किसानों के बैंक खातों में खाद सब्सिडी ट्रांसफर करेगी। इसके तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के दूसरे चरण की सरकार ने 10 जुलाई को शुरुआत की।
14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया
मोदी सरकार ने बुधवार को देश के करोड़ों किसानों को बड़ी सौगात देते हुए 14 खरीफ फसलों की एमएसपी यानी न्यूनतम खरीद मूल्य बढ़ाने का फैसला किया। सरकार की तरफ से धान की एमएसपी 85 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाई गई है। इसके अलावा अरहर दाल, तिल और सोयाबीन की एमएसपी भी बढ़ाई गई है। मोदी सरकार के इस फैसले से देश के करोड़ों किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। एक दशक पहले किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने का सुझाव स्वामीनाथन आयोग ने कांग्रेस की यूपीए सरकार को दिया था। लेकिन यूपीए सरकार इसे लागू नहीं कर पाई थी।
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मोदी सरकार ने बनाया हाई पावर पैनल
मोदी सरकार ने देश में किसानों के हालात और कृषि की स्थिति सुधारने के लिए एक हाई पावर पैनल का गठन किया है। इस पैनल में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल किया गया है। इस पैनल की कमान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस संभालेंगे। इस कमेटी को 2 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपनी है।
प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना
मोदी सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में ही किसानों को पेंशन देने का फैसला किया। प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना में अब जॉब करने वाले लोगों की तरह किसानों को भी 60 साल की उम्र के बाद पेंशन मिल पाएगी। इस पेंशन योजना में योगदान करने पर 60 साल की उम्र से हर महीने कम से कम 3000 रुपये की पेंशन मिलेगी।
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इथेनॉल की नई कीमत से किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। इस वित्तीय वर्ष (2019-20) के लिए 50 पैसे से 2 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ोतरी को मंजूरी मिली है। ये फैसला किसानों के लिए बड़ा मददगार होगा। सरकार के इस फैसले से चीनी के भारी स्टॉक की समस्या से निपटने और किसानों का बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी। एथनॉल को पेट्रोल में मिलाने से कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटेगी।