By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 14, 2024
उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) की विचारधाराओं में जमीन-आसमान का अन्तर है।
वृन्दावन में पत्रकारों से बातचीत में शर्मा ने कहा कि सपा के शासनकाल में बसपा कार्यकर्ताओं एवं दलितों पर सबसे अधिक अत्याचारहुए तथा यदि इंटरनेट में देखा जाय तो मिलेगा कि सपा शासनकाल में दलितों पर हुए अत्याचार के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए।
बसपा प्रमुख मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच के मतभेदों के खुलासे पर शर्मा ने कहा कि दोनो दलों के कार्यकर्ता सपा और बसपा के तालमेल को स्वीकार नही कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘जब बसपा को 10 और सपा को केवल पांच सीट मिलीं तो सपा ने यह अनुभव किया कि सपा का वोट तो बसपा को मिल गया है, पर बसपा का वोट सपा को नही मिला है। संभवतः उसके बाद ही दोनो नेताओं में मतभेद हो गए। वैसे भी सपा दलित विरोधी है।’’
शर्मा यहां बांकेबिहारी के मंदिर में दर्शन करने आये थे और उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की। शर्मा का बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बसपा प्रमुख द्वारा ‘एक्स’ पर किये गये एक पोस्ट के कुछ घंटों बाद आया है।
मायावती ने इस पोस्ट में कहा था, लोकसभा चुनाव 2019 में, बसपा ने उत्तर प्रदेश में 10 सीट और सपा ने पांच सीट जीतीं, जिसके बाद मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि सपा प्रमुख मेरे फ़ोन कॉल का उत्तर देना बंद कर दिया था।