उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: कोविड-19 टीकाकरण के लिए उपलब्ध है पर्याप्त वैक्सीन

By प्रेस विज्ञप्ति | Jun 04, 2021

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार द्वारा आज भी कई बड़े निर्णय लिए गए। आइए पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश की दिनभर की आज की बड़ी खबर।

 

प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने आज बताया कि प्रदेश में कोविड-19 टीकाकरण के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध है। केन्द्र सरकार जून में प्रदेश को प्राथमिकता से टीकाकरण हेतु वैक्सीन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण में तेजी लाकर जुलाई 2021 तक प्रतिदिन 10 लाख नागरिकों का टीकाकरण सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाये। हर जिले को टीकाकरण हेतु निर्धारित लक्ष्य दे दिया जाये, जिससे अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो सके।

 

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अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने ये निर्देश आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) स्थित अपने सभाकक्ष में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की स्टेट टास्क फोर्स की बैठक में दिये। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी सोमवार दिनांक 07 जून, 2021 से हर जिले में 02 महिला स्पेशल टीकाकरण सत्र आयोजित किये जायें। जिले की आवश्यकतानुसार 02 से अधिक महिला टीकाकरण सत्र भी आयोजित किये जा सकते हैं। ये सत्र ‘अभिभावक स्पेशल टीकाकरण’ सत्र की तर्ज पर आयोजित किये जायें। इन सत्रों पर सिर्फ महिलाओं का टीकाकरण ही किया जाये।

 

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समीक्षा बैठक में हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 टीकाकरण की पहली और दूसरी डोज के डाटा अंकन में भेद हो जाने का तथ्य भी चर्चा में आया। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि डेटा का सही-सही और शत-प्रतिशत अंकन कर लिया जाये, जिससे छूटे हुए हेल्थ वर्कर्स को भी आच्छादित किया जा सके।


अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि गांवों में टीकाकरण प्रारम्भ करने से पूर्व व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा नेतृत्व के स्थान पर बैठे भद्रजन, ग्राम प्रधान, धर्मगुरू, स्थानीय विधायक-सांसदों के लिए भी अलग से सत्र का आयोजन कर प्राथमिकता से टीकाकरण किया जाये, जिससे जनता में एक सकारात्मक संदेश प्रचारित हो और नागरिकों में कोविड-19 के टीकाकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो। बैठक में अमित मोहन प्रसाद ने 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का टीकाकरण प्रतिशत बढ़ाने के लिए हर जिले में उनके लिए अलग से सत्र चलाने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कोरोना के कम हुए प्रकोप के दृष्टिगत बच्चों के नियमित टीकाकरण को शीघ्र पूरा करने का निर्देश भी दिया।

मिशन निदेशक एन0एच0एम0 अपर्णा उपाध्याय ने टीकाकरण केन्द्रों को अलग-अलग विभिन्न जगहों पर बदल-बदल कर आयोजित करने का सुझाव दिया, जिससे अलग-अलग जगहों के निवासी लाभान्वित हो सके। बैठक में जूम पर जिलावार समीक्षा भी की गयी जिसमें टीकाकरण में पिछड़े जिलों को टीकाकरण में सुधार लाने तथा वैक्सीन का वेस्टेज अधिक कर रहे जिलों को वेस्टेज रोकने की चेतावनी भी दी गयी। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के समस्त वरिष्ठ अधिकारी तथा जूम पर प्रदेश के समस्त जिलों के सम्बंधित चिकित्सा अधिकारियों सहित डब्ल्यू0एच0ओ0, यूनीसेफ तथा रोटरी क्लब के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।




उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा से लखनऊ के विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने अलग-अलग मुलाकात कर अपनी विभिन्न समस्याओं एवं उनके निराकरण के संबंध में चर्चा की


उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से आज लखनऊ के विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने आज उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात कर अपनी विभिन्न समस्याओं एवं उनके निराकरण के संबंध में चर्चा की। वार्ता के दौरान व्यापारी संगठनों ने कोरोना महामारी के दौरान हो रही कठिनाइयों से अवगत कराते हुए अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु प्रत्यावेदन दिया है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनकी जायज मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री जी के साथ चर्चा करेंगे।

      

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व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी की कोरोना महामारी से मृत्यु होने पर 10 लाख का बीमा कवर दिए जाने, मध्यम एवं छोटे व्यापारियों को ध्यान में रखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश एवं लखनऊ को सशर्त दुकानें खोलने की अनुमति देने, आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी प्रकार की वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाए जाने, जीएसटी के रिटर्न एवं आयकर तथा अन्य विभागों के रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 30 जून 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तक किए जाने सहित अन्य विभिन्न मांगे रखी। 


वार्ता के दौरान लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार अग्रवाल, वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र, कोषाध्यक्ष श्री देवेंद्र गुप्ता, अनिल वरमानी, अशोक मोतियानी, सतीश चंद्र अग्रवाल, श्री अनुराग मिश्रा, अनिल बजाज तथा लखनऊ दाल एवं राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता, कोषाध्यक्ष अजय केसरवानी, सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।  वहीं दूसरी बैठक में उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता, हरजिंदर सिंह, मोहित कपूर, अनुज निगम उपस्थित थे।



विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर विभिन्न श्रेणी के राज्य स्तरीय पुरस्कार-2021 के लिए आमंत्रण


दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के निदेशक अनूप कुमार ने सर्व साधारण को सूचित किया  है कि 03 दिसम्बर, 2021 को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर विभिन्न श्रेणी के राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि पुरस्कारों हेतु 12 विभिन्न श्रेणियों की व्यवस्था की गयी है तथा पुरस्कार की धनराशि रुपये 5000/- से बढ़ाकर रुपये 25000/- कर दी गयी है

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के निदेशक ने बताया कि दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों/स्वनियोजित दिव्यांगजन, सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता तथा सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेन्ट अधिकारी या एजेंसी, सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति/सर्वश्रेष्ठ संस्था, प्रेरणास्रोत, सृजनशील दिव्यांग बालक/बालिका, दिव्यांग खिलाड़ियों, दिव्यांगजन हेतु बाधारहित वातावरण के सृजन हेतु सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए, दिव्यांगजन को पुनर्वास सेवायें प्रदान करने वाले सर्वश्रेष्ठ जिला इत्यादि श्रेणी के राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे।


राज्य स्तरीय पुरस्कार के संबंध में विस्तृत जानकारी विभाग की वेबसाइट अथवा हेल्पलाइन नं0 1800 180 1995 से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इच्छुक व्यक्ति द्वारा राज्य स्तरीय पुरस्कार हेतु आवेदन समस्त प्रपत्रों के साथ जनपद स्तर पर 15 जुलाई,2021 तक जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी के कार्यालय में जमा किये जायेंगे तत्पश्चात जिलाधिकारी की संस्तुति से अन्तिम तिथि 10 अगस्त,2021 तक निदेशालय, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, कक्ष संख्या-1010, दसम् तल, इन्दिरा भवन, अशोक मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ में उपलब्ध कराये जा सकते हैं।

 




उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने कोविड-19 की महामारी से प्रभावित/अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को प्रेषित किया पत्र


उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने कोविड-19 की महामारी से प्रभावित/अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है। उन्होंने पत्र में जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे जनपद में गठित जिला टास्क फोर्स, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, एस0जे0पी0यू0, बाल कल्याण समिति, ग्राम बाल संरक्षण समिति, निगरानी समिति के द्वारा अनाथ व एकल बच्चों की सूचना जो इलेक्ट्रानिक मीडिया/प्रेस मीडिया व अन्य समूहों सार्वजनिक ने अपने तरीके से सार्वजनिक की गयी है, को एकत्र करायें। तत्पश्चात ऐसे परिवारों की स्थलीय जांच कर उनकी काउंसलिंग व सामाजिक रिपोर्ट एकत्र कराते हुए आयोग को एक सप्ताह में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। इसके साथ ही जिला प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस विभाग, बाल कल्याण समिति को अपने स्तर से इलेक्ट्रानिक मीडिया/प्रेस मीडिया के साथ एक उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित करने हेतु निर्देशित करें, जिससे अनाथ हुए बच्चों की पहचान को सार्वजनिक करने व जे0जे0एक्ट के उल्लंघन को रोका जा सके।

 

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आयोग के संज्ञान में आया है कि ‘बाल स्वराज’ पोर्टल पर डाटा अपलोड होने के पश्चात इलेक्ट्रानिक मीडिया/प्रेस मीडिया व अन्य समूहों के द्वारा कोविड-19 की महामारी से प्रभावित/अनाथ हुए बच्चों की पहचान एकत्र कर अपने-अपने पोर्टल पर अपलोड व वाट्सएप ग्रुप में सार्वजनिक किया जा रहा है। उक्त प्रकार से अनाथ हुए बच्चों की पहचान सार्वजनिक होने से अनाथ बच्चों को उपेक्षित करने के साथ-साथ जे0जे0 एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है। असामाजिक लोगों, बाल तस्करी करने वाले समूहों, भिक्षावृत्ति समूहों व अपराधी प्रवृत्ति के लोगों  द्वारा कभी भी ऐसे बच्चों का उपयोग समाज में गलत तरीके से किया जा सकता है।

 



उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने नए जिला प्रोबेशन अधिकारियों के साथ किया वर्चुअल संवाद


उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने आज जूम के माध्यम से नए जिला प्रोबेशन अधिकारियों के साथ संवाद किया। उन्होंने नवनियुक्त जिला प्रोबेशन अधिकारियों को बाल आयोग किस तरह कार्य करता है, उसके बारे में विस्तार से बताया। नए जिला प्रोबेशन अधिकारियों के साथ आयोग की कार्य प्रणाली तथा बच्चों को सुरक्षा व संरक्षण प्रदान करने हेतु अधिकारियों की भूमिका संबंधी अभिमुखीकरण किया गया।


डॉ गुप्ता ने बच्चों से संबंधित मामलों को बाल आयोग कैसे संज्ञान लेता है इस पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि बाल आयोग को सीधे भी प्रकरण रिपोर्ट किये जाते है, जिस पर बाल आयोग संबंधित जिला प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से प्रकरण का समाधान करता है। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारियों से कहा कि आयोग के कानूनों के साथ साथ अन्य विभागों के कानून की जानकारी रखना चाहिए।






प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह मई में मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में कुल 8,272.55 करोड़ रूपये की प्राप्ति


उत्तर प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रदेेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह मई में मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में कुल 8,272.55 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी है जबकि वर्ष 2020-21 के मई माह में 5,820.04 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी थी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार माह मई 2021 में कर-करेत्तर राजस्व वाले महत्वपूर्ण मदो में वर्ष 2020 के माह मई के सापेक्ष 2,452.51 करोड़ रूपये की वृद्धि हुयी है। वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी एवं वैट के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में माह मई में 2,771.32 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी है, जबकि माह मई 2020 में 1939.52 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई थी। इसी प्रकार वैट के अन्तर्गत 2,286.44 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी है, जो माह मई 2020 की प्राप्ति से 1,266.79 करोड़ रूपये अधिक है।

 

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सुरेश खन्ना ने बताया कि आबकारी के मद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह मई में 2,138.86 करोड़ रूपये की राजस्व प्राप्ति हुयी है, जबकि गत वर्ष माह मई,2020 में 2,169.25 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी थी। स्टाम्प तथा निबन्धन के मद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह मई में 625.03 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो माह मई 2020-21 में349.52करोड़ रूपये प्राप्त हुये थे। इस प्रकार स्टाम्प एवं निबन्धन के मद में माह मई में वित्तीय वर्ष 2020-21में 275.51 करोड़ रूपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार परिवहन के मद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह मई में 314.62 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के इसी माह में परिवहन के मद में 99.86 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी थी। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह मई में वर्ष 2020-21 के सापेक्ष परिवहन मद में 214.76 करोड़ रूपये अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि मुख्य कर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह मई में 8,136.27 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी है, जो इस माह के लक्ष्य का 53.00 प्रतिशत है।


वित्त मंत्री ने बताया कि करेत्तर राजस्व की प्रमुख मद भू-तत्व एवं खनिकर्म में वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह मई में 136.28 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो माह मई के लक्ष्य का 40.3 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के माह मई में इस मद के अन्तर्गत 242.24 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में कोरोना का संक्रमण प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के अथक प्रयासों से काफी हद तक कम हो चुका है। उन्होंने बताया कि एक्सपर्ट ऐसी आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि सितम्बर, अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। जो कि बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है। इसके दृष्टिगत सभी मेडिकल कालेजों को बच्चों के लिए 50 आईसीयू बेड्स एवं 50 नार्मल बेड्स रिजर्व रखने के निर्देश दे दिए गये हंै।



जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने सिद्धार्थनगर में संचालित बाढ़ कार्यों का निरीक्षणकिया  




उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों में लापरवाही नही होनी चाहिए। इसके साथ ही मानक के अनुरूप गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दियेे। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। डॉ. महेन्द्र सिंह आज जनपद सिद्धार्थनगर के बूढ़ी राप्ती नदी के दांए तट पर मदरहवा- अशोगवा बांघ एवं लखनापार-बैदौला बांघ पर चल रहे बाढ़  सुरक्षात्मक के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे थे।


डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार निरन्तर इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है कि बाढ़ बचाव कार्य समय से प्रारम्भ हों, गुणवत्तापरक हों तथा पूर्ण पारदर्शिता से सम्पादित कराये जाएं। इस वर्ष 2020-21 के बाढ़ काल की तैयारियों के दृष्टिगत मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा एक साहसिक एवं अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए माह जनवरी, 2021 में ही बाढ़ कार्यों हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करायी गयी, जिसके अन्तर्गत 184 नई बाढ़ परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की गयी तथा समस्त कार्य माह फरवरी, 2021 में प्रारम्भ कर दिये गये थे। उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के संकट काल में भी और पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बावजूद बाढ़ परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 22 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है तथा शेष अधिकांश परियोजनाएं पूर्णता की ओर अग्रसर है। समस्त परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून पूर्व अतिशीघ्र कराये जाने है। परियोजनाओं के कार्य मानसून के पूर्व होने से जनता जनार्दन बाढ़ से सुरक्षित होगी और जनधन की हानि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यदि दूरदृष्टि रखकर समय से धनराशि निर्गत करने का यह निर्णय नहीं लिया गया होता तो वर्तमान कोरोना महामारी के कारण बाढ़ कार्यो के समय से क्रियान्वयन में कठिनाई का सामना पड़ता।

 

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डॉ. महेन्द्र सिंह ने वर्षा काल से पहले बाढ़ से सम्बन्धित सुरक्षा परियोजनाओं को प्रत्येक दशा में पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जलप्लावन की समस्या को दूर करने के लिए सभी नालों की सफाई भी वर्षाकल से पूर्व कराये जाने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के बावजूद भी बाढ़ से बचाव सम्बंधी परियोजनाओं को हरहाल में तय समय सीमा से पूरा किया जाना है। इसके साथ ही ठेकेदारों को भी सचेत किया कि महामारी की आड़ में यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता अधोमानक पायी जाती है, तो उनका भुगतान रोक दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए कार्य स्थल पर कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कड़ाई सुनिश्चित किया जाए तथा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध कराते हुए उनके प्रयोग के निर्देश दिए जाएं।


जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलप्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ किया गया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों का जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। विभाग के अन्तर्गत कुल 10787 नाले है जिनकी कुल लम्बाई 60205 किमी0 है। इनमें से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2751 नालों की 13300 किमी0 लम्बाई, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2481 नालों की 12073 किमी0 लम्बाई में सफाई कराई गयी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4811 नालो की 23944 किमी0 लम्बाई में सफाई करायी जा रही है। नालों पर सफाई के कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि जलप्लावन से मुक्त हो सकेगी जिससे कृषकों की फसलों की क्षति को रोका जा सकेगा।

डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ की तैयारियों के समस्त कार्य समयानुसार कराये जा रहे है। वर्ष 2020-21 में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 254 बाढ़ परियोजनाएं संचालित थीं जिनमें से 83 परियोजनाओं के कार्य बाढ़ काल 2020 के प्रारम्भ होने से पूर्व माह जून तक पूर्ण कर लिए गये थे तथा शेष परियोजनाओं के कार्य सुरक्षित स्तर तक इस प्रकार सम्पादित कराये गये कि उनका लाभ जनता को प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशील स्थलों जिन पर बाढ़ परियोजनाएं स्वीकृत नहीं थी उन स्थलों पर अनुरक्षण मद से अति आवश्यक कार्य कराकर बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि माह दिसम्बर, 2020 तक 146 परियोजनाएं पूर्ण की गयी तथा वर्ष के अन्त तक अर्थात माह मार्च, 2021 तक 193 परियोजनाएं पूर्ण की गयी। वर्तमान वर्ष में अब तक कुल 215 परियोजनाएं पूर्ण हुई है। शेष परियोजनाओ के कार्य तेजी से प्रगति में हैं तथा आसन्न मानसून से पूर्व पूर्ण किये जाने हैं। निरीक्षण के समय सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता (परि0 एवं नियो0) श्री अशोक कुमार सिंह, मुख्य अभियन्ता (गण्डक) गोरखपुर, श्री आलोक जैन एवं अधीक्षण अभियन्ता श्री अवनीश साहू, अधिशासी अभियन्ता श्री आर0के0 नेहरा तथाश्री आर0के0 सिंह आदि उपस्थित रहे।



मण्डलायुक्त लखनऊ मण्डल ने भी संस्कृति नीति पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिये


माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के सांस्कृतिक पक्ष को विश्व पटल पर उत्कृष्टता के साथ स्थापित किए जाने एवम् इसके प्रचार प्रसार सहित कौशल व रोजगार से जोड़े जाने हेतु लगातार बल दिया जा रहा है। इसी क्रम में 03 जून 2021 को प्रमुख सचिव संस्कृति की अध्यक्षता विभागीय ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश की संस्कृति नीति का प्रख्यापन, विभागीय गतिविधियों का प्रचार-प्रसार किए जाने व भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय को राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय के रूप में स्थाापित किये जाने संबन्धित गहन मुद्दो पर विचार विमर्श किया गया।

संस्कृति विभाग के विशेष सचिव, डॉ दिनेश चन्द्र ने बताया कि प्रदेश की प्रस्तावित संस्कृति नीति का उद्देश्य प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को उसकी सम्पूर्ण विविधता में संरक्षित संवर्धित करते हुए उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम सांस्कृतिक गन्तव्य के रूप में स्थापित करना है।  

 

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प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन विभाग मुकेश कुमार मेश्राम ने निर्देशित किया कि प्रस्तावित संस्कृति नीति में संस्कृति के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षिणिक, अकादमिक संस्थानों/एन0जी0ओ0/संगठनों आदि से सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तत्वों को अवश्य ही सम्मिलित किया जाये। संस्कृति नीति रोजगारपरक होने के साथ-साथ ही प्रदेश के सर्वागीण सांस्कृतिक विकास का साधन भी होना चाहिये। इसमें प्रत्येक जनपद एवं सांस्कृतिक क्षेत्र के बहुरंगी रीति-रिवाजों, परम्पराओं, खान-पान, खेल-कूद, पहनावा आदि समस्त घटकों के संरक्षण एवं संवर्धन पर बल दिया जाये। विलुप्त हो रही सांस्कृतिक विधाओं के प्रशिक्षण, संरक्षण, प्रदर्शन आदि को बढ़ावा देना के लिये इस क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक संस्था्ओं, संगठनों, संस्कृतिविदो को प्रोत्सािहित करने हेतु विभिन्न प्रकार की सब्सिडी/इंसेटिव का  प्राविधान भी संस्कृति नीति में किया जाये, जिससे निजी क्षेत्र प्रदेश के सांस्कृतिक उन्नयन में भागीदार हो सके।


प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देशित किया कि संस्कृति नीति का मसौदा प्रदेश के मूर्धन्य कलाविदों, कलाकारों, शिक्षाविदों, शोधार्थियों सहित समस्त हित धारकों को  उपलब्ध करते हुए 15 दिन में उनके बहुमूल्य सुझाव भी प्राप्त कर अनंतिम रूप से प्रकाशित कराया जाएं। जिससे मा0 मुख्यमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन एवं संरक्षण में उत्तर प्रदेश अपनी विविधतापूर्ण बहुआयामी संस्कृति के चतुर्दिक विकास के पथ पर सदैव अग्रसर रहे। मण्डलायुक्त लखनऊ मण्डल एवं कुलपति, भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय ने अवगत कराया कि भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय को एक ऐसे,राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जाना उपयुक्त होगा, जिसमें संस्कृति से सम्बन्धित समस्त पाठ्यक्रमों-संगीत, नृत्य, ललित कला, अभिनय विभिन्न लोक नाट्य कलाओं सहित संग्रहालय विज्ञान, पुरातत्व, अभिलेखीय प्रबंधन एवं संरक्षण आदि का पठन-पाठन, शोध, प्रशिक्षण आदि एक ही विश्वविद्यालय में हो सके। प्रमुख सचिव महोदय ने निर्देश प्रदान किये कि उपरोक्त का सुसंगत प्रस्ताव समस्त हित धारको से सुझाव प्राप्त कर राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में औपचारिक विधिक कार्यवाही शीघ्र ही पूर्ण कराई जाए।




जिला खनिज फाउंडेशन न्यास से कोविड-19 के संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण हेतु उपकरणों आदि की खरीद पर किया गया शिथिलीकरण -डॉ. रोशन जैकब


निदेशक, भूतत्व एवं  खनिकर्म विभाग उत्तर प्रदेश, डॉ. रोशन जैकब ने बताया मा०मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में जिला खनिज फाउंडेशन न्यास से कोविड-19 के संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण हेतु परीक्षण ,स्क्रीनिंग और उपकरणों की खरीद/स्थापना हेतु शिथिलीकरण प्रदान किया गया है। डॉ. रोशन जैकब ने स्पष्ट किया है कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देशित किया गया है कोविड-19 के आगामी संभावित संक्रमण की स्थिति में उपचार की तैयारी स्वरूप जनपदों में वित्तीय वर्ष 2020-21 (31मार्च 2021 तक) की डी0एम0एफ0 मद में जमा धनराशि के अधिकतम 30 प्रतिशत की धनराशि ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना,अस्पतालों की ऑक्सीजन पाइप लाइन से संबंधित काम, नवीन चिकित्सालय भवनों के निर्माण तथा जनपद के राजकीय चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में जीवन रक्षक उपकरणों यथा ठप च्ंचइत्यादि का क्रय,अन्य स्रोतों से धनराशि उपलब्ध न होने की स्थिति में किया जाए। डॉ. जैकब ने इस आशय के निर्देश समस्त जिलाधिकारियों को परिपत्र भेजते हुए दिए हैं और जारी दिशा निर्देशों में जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि इस सम्बन्ध मे शीघ्र कार्यवाही  सुनिश्चित की जाए।




26 प्रमुख मार्गों के चालू कार्यो हेतु 155 करोड़ 83 लाख 46 हजार की धनराशि की गई अवमुक्त


उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में 26 राज्य/प्रमुख /अन्य जिला मार्गों के स्वीकृत, चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के चालू कार्य हेतु विभिन्न शर्तों के अधीन रू0 155 करोड़ 83 लाख 46 हजार की धनराशि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अवमुक्त की गई है। यह 26 कार्य जनपद शाहजहांपुर झांसी, बस्ती, सहारनपुर, कन्नौज,ललितपुर,गोंडा, सिद्धार्थनगर,  आगरा व बहराइच में चल रहे हैं।इस संबंध में लोक निर्माण विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है।


प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि चालू कार्यो हेतु आवंटित धनराशि का व्यय/उपयोग वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों ज्ञापन तथा बजट मैनुअल एवं वित्तीय हस्तपुस्तिका के नियमों/स्थाई आदेशों आदि का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यों की गुणवत्ता व मानको का विशेष रुप से ध्यान रखा जाए तथा निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी कार्य अनिवार्य से पूरे कराये जांय।



जनपद सिद्धार्थनगर बूढ़ी राप्ती नदी के दायें तट पर बाढ़ निरोधक कार्यों



सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद सिद्धार्थ नगर में बूढ़ी राप्ती नदी के दायें तट पर स्थित मदरहवा-अशोगवा बाँध के कुछ किलोमीटर के मध्य सौनौली कटान स्थल पर कटाव निरोधक परियोजना हेतु 01 करोड़ 94 लाख 59 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा।


शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।


जनपद सिद्धार्थनगर बूढ़ी राप्ती नदी के बायें तट पर बाढ़ निरोधक कार्यों हेतु 65 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त


सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद सिद्धार्थ नगर में बूढ़ी राप्ती नदी के बायें तट पर स्थित लखनापार-बैदौला बाँध के कुछ किलोमीटर के मध्य मुर्गाहवा के समीप कटान स्थल पर कटाव निरोधक परियोजना हेतु 65 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा।

 

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शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।



जनपद सिद्धार्थनगर राप्ती नदी के बायें तट पर बाढ़ निरोधक कार्यों हेतु 01 करोड़ 94 लाख 59 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त


सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद सिद्धार्थ नगर में राप्ती नदी के बायें तट पर स्थित भोजपुर-शाहपुर बाँध के कुछ किलोमीटर के मध्य कटाव निरोधक परियोजना हेतु 01 करोड़ 94 लाख 59 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा।


शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए। बाढ़ कार्यों हेतु राज्य सेक्टर में निर्धारित परिव्यय के अंतर्गत परियोजनाओ पर धनराशि स्वीकृत की जाए।



सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने उप्र कोआपरेटिव बैंक के नवनिर्मित साइबर सिक्योरिटी सेन्टर का किया निरीक्षण


प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा द्वारा आज उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक के नवनिर्मित साइबर सिक्योरिटी सेन्टर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बैंक द्वारा मंत्री जी को बताया गया कि देश के राज्य सहकारी बैंकों में गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहाॅ पर उच्च तकनीक के साथ साइबर सिक्योरिटी सेन्टर बनाया गया है। इसके माध्यम से सहकारिता के त्रिस्तरीय सहकारी साख ढांचें के अन्तर्गत शीर्ष बैंक, जिला सहकारी बैंक एवं सीबीएस पैटर्न पर चल रही सहकारी समितियाॅ में होने वाले आॅन लाइन फ्राड, साइबर फ्राड को रोका जा सकेगा, जिससे बैंक के साथ-साथ ग्राहकों के हितों की सुरक्षा होगी। मंत्री जी के साथ बैंक के प्रबन्ध निदेशक श्री भूपेन्द्र कुमार, महाप्रबन्धक(प्रशासन) श्री रवीन्द्र सिंह सेंगर तथा बैंक के महाप्रबन्धक एवं उपमहाप्रबन्धक भी उपस्थित रहे। मंत्री जी द्वारा बैंक के साइबर सिक्योरिटी कक्ष के कार्यों की सराहना की गयी तथा यह अपेक्षा की गयी कि इसके माध्यम से सहकारिता क्षेत्र के सभी बैंकों/समितियों के डिजिटल लेनदेन की निगरानी रखी जाये।


सहकारिता मंत्री द्वारा निरीक्षण के उपरान्त बैंक के वी0सी0 सभागार में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गयी, जिसमें अवगत कराया गया कि दिनाॅक 31.03..2021 को बैंक का कुल व्यवसाय रू0 17032.28 करोड़ हो गया है तथा बैंक का शुद्ध लाभ रू0 45.47 करोड़ हो गया है, जो सर्वाधिक है। सहकारी क्षेत्र में बैंक के कार्य व्यवसाय से संतुष्ट होकर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंक को राज्य में 13 और शाखायें खोलने के लिए अनुमति प्रदान कर दी गयी है, जिसके लिए आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। मा0 मंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि वर्ष 2020-21 में अल्पकालीन फसली ऋण वितरण के अन्तर्गत रू0 7085.00 करोड़ का ऋण जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से वितरित किया गया है, जिसक लिए इस वर्ष शीर्ष बैंक द्वारा जिला सहकारी बैंकों को फसली ऋण वितरण हेतु रू0 5931.51 करोड़ की ऋण सीमायें स्वीकृत करते हुए रू0 3857.48 करोड़ कर पुनर्वित्त उपलब्ध कराया गया है तथा नाबार्ड से रू0 3114.60 करोड़ का पुनर्वित्त प्राप्त किया गया, जो विगत 05 वर्षों में सर्वोच्च रहा। इस वर्ष गन्ना किसानों को पैक्स के माध्यम से भी ऋण वितरण दिये जाने की नयी योजना प्रारम्भ की गयी, जिससे आगामी वर्षों में फसली ऋण वितरण में पर्याप्त वृद्धि होगी।

सहकारिता मंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि पेराई सत्र 2020-21 हेतु सहकारी क्षेत्र की 17 एवं निजी क्षेत्र की 06 चीनी मिलों को कुल रू0 2284.78 करोड़ की ऋण सीमायें स्वीकृत करते हुए दिनांक 31.05.2021 तक कुल रू0 1259.22 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है तथा शीर्ष बैंक स्तर पर जिला सहकारी बैंकों का कंसोर्टियम गठित करते हुए रू0 930.00 करोड़ की ऋण सीमायें स्वीकृत कर दिनांक 31.05.2021 तक चीनी मिलों को रू0 323.42 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है तथा 16 कमजोर जिला सहकारी बैंकों की धनराशि रू0 127.00 करोड़ का चीनी मिलों मे विनियोजन किया गया है। अन्त में मंत्री द्वारा बैंक के उच्चाधिकारियों से सहकारी बैंकिंग के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर अधिक से अधिक कार्य करने की अपेक्षा की गयी। बैंक के महाप्रबन्धक(प्रशासन) द्वारा मा0 मंत्री जी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया गया।


बहुउद्देशीय सचल पशुचिकित्सा सेवायें हेतु 1147.20लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत                       


उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पशु सेवाओं तथा स्वास्थ्य के लिए बहुउद्देशीय सचल पशुचिकित्सा सेवायें योजना हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1147.20 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह राज्य योजना है। इस योजना के अन्र्तगत पशुपालकों के द्वार पर पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान एवं अशक्त अवस्था में किसी बीमारी में त्वरित आकस्मिक चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना का उददेश्य पशुचिकित्सा सेवाओं को दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकांे के द्वार के निकटस्थ बहुउदेशीय शिविरों के माध्यम से पशु चिकित्सा, पशु प्रजनन तथा पशु टीकाकरण आदि की सुविधायें प्रदान करना है।


पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए योजना के उचित क्रियान्वयन हेतु निदेशक, रोग नियंत्रण एव प्रक्षेत्र, पशुपालन  विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गयें हैं। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरण व व्यय अनुमोदित कार्ययोजना एवं मदों में योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाये।


डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय लखनऊ में आज खुल गयी ओपीडी


लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में आज से ओपीडी सेवाएं पुनः संचालित होने लगी हंै। आज एक दिन में 562 मरीजों को उपचार दिया गया। ये जानकारी देते हुए निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल , डॉ. सुभाष सुन्द्रियाल ने बताया कि अस्पताल में आज 40 कार्डियेक, 261 चेस्ट एवं मेडिसिन, 16 डेन्टल, 23 ई0एन0टी0, 24 आई, 10 गायने, 67 आर्थो, 17 पीडियाट्रिक, 33 साइकियाट्री, 25 स्किन तथा 45 सर्जरी के मरीजों ने ओ0पी0डी0 से उपचार प्राप्त किया।


डाॅ0 सुन्द्रियाल ने बताया शासन से जारी आदेश के क्रम में आज से प्रदेशभर में अस्पतालों में ओ0पी0डी0 सेवाएं संचालित की जानी है। जिसके अनुसार अस्पताल में तत्परता से कोविड-19 महामारी को देखते हुए सभी कोविड मानकों को ध्यान में रखकर ओ0पी0डी0 सेवाओं को सफलतापूर्वक प्रारम्भ किया गया। उन्होंने बताया ब्लैक फंगस संक्रमण को देखते हुए अस्पताल में ई0एन0टी0 और आॅप्थैलमों विभाग की ओ0पी0डी0 पहले से ही संचालित हैं।

 

जनपद न्यायालय मथुरा में 8 न्यायालय कक्षों के निर्माण हेतु 83 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत


उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद न्यायालय मथुरा में 08 न्यायालय कक्षों के निर्माण के लिए 01 फरवरी 2021 द्वारा प्रथम किश्त के रूप में अवमुक्त 283 लाख रूपये में से आवंटित 200 लाख रूपये के सापेक्ष अवशेष रह गयी 83 लाख रूपये की धनराशि कतिपय शर्तों एवं प्रतिबन्धों के साथ स्वीकृत की है। इस संबंध में प्रमोद कुमार श्रीवास्तव-2 प्रमुख सचिव, न्याय उ0प्र0 शासन द्वारा 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी निर्देशों में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि को व्यय करते समय वित्तीय सुसंगत प्राविधानों एवं समय-समय पर शासन द्वारा जारी शासनादेशों का अनिवार्य रूप से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए निर्धारित समय निर्माण कार्य पूरा कराया जाए।





 

जौनपुर, फर्रुखाबाद और लखनऊ में 21.54 करोड़ रुपये से औद्योगिक बुनियादी ढांचे को किया जाएगा सुदृढ़

 

भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना के तहत आगरा और कानपुर में क्रमशः 26.41 करोड़ रुपये और 24.72 करोड़ रुपये की लागत के साथ दो फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स विकसित किए जायेंगे। भारत सरकार प्रत्येक परियोजना के लिए 12 करोड़ (दोनों परियोजनाओं हेतु 24 करोड़) का अनुदान देगी। इसके अलावा जौनपुर, फर्रुखाबाद और लखनऊ में मौजूदा औद्योगिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा। तीनों जिलों की डीपीआर पर भारत सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। तीनों परियोजनाओं की कुल लागत 21.54 करोड़ रुपये है और इसमें भारत सरकार का 14.05 करोड़ रुपये का अंश शामिल है।


यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि उद्योग उद्यम संवर्धन निदेशालय (डीआईईपी) कानपुर तथा एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना के तहत फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स तथा कॉमन फैसिलिटी सेंटर विकसित करने और जिलों में मौजूदा औद्योगिक बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए भारत सरकार के अनुदान दिया जा रहा है। आगरा और कानपुर में फ्लैट फैक्ट्री परिसर की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और जौनपुर, लखनऊ और फर्रुखाबाद में मौजूदा औद्योगिक बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त (एमएसएमई) की अध्यक्षता में गठित तकनीकी आर्थिक मूल्यांकन समिति ने प्रस्तुत परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।


डॉ. सहगल ने बताया कि आगरा और कानपुर में फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स (एफएफसी) उत्तर प्रदेश के एमएसएमई को प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करेगा। यह कम पूंजी निवेश से उद्यम शुरू करने के लिए एमएसएमई का भी समर्थन करेगा। उन्होंने बताया कि जौनपुर, लखनऊ और फर्रुखाबाद में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के उन्नयन से इस क्षेत्र को रोजगार सृजन, श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार, भीड़-भाड़ को कम करने, बाजार की प्रतिस्पर्धात्मकता के मामले में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलेगा, क्योंकि अधिक खरीदार विनिर्माण प्रतिष्ठानों तक पहुंचने में सक्षम होंगे और बुनियादी ढांचे का उन्नयन से प्रवासी मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा।


जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह कल गोरखपुर/संतकबीरनगर जनपदों में बाढ़ सुरक्षा कार्यों का करगें स्थलीय निरीक्षण



उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह कल 05 जून, 2021 को जनपद गोरखपुर एवं संतकबीरनगर में भ्रमण पर रहेगें। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार डा0 महेन्द्र सिंह कल गोरखपुर में बरहीपाथ तटबंध के मध्य ग्राम भरने के पास संचालित कटाव निरोधक/बाढ़ सुरक्षा कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेगें। यह स्थान चैरी-चैरा तहसील में स्थिति है


इसके उपरान्त पूर्वान्ह 11 बजे तहसील सदर के अन्दर मलौनी तटबंध पर तरकुलौनी रेगुलेटर के समीप पानी निकासी हेतु पम्पिंग स्टेशन के निर्माण का स्थलीय निरीक्षण करेगें। इसके पश्चात लगभग अपरान्ह 01 बजे तहसील सहजनवा के बोक्टा बरवार तटबंध के समीप ग्राम कालेसर में संचालित बाढ़ सुरक्षा कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेगें। इसके उपरान्त 3 बजे तहसील खजनी में घाघरा (सरयू) नदी के बायें तट पर निर्मित खड़कपुर-शाहपुर-सोपाई तटबंध पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों का अवलोकन करेगे। इसके बाद शाम 4 बजे जनपद संतकबीरनगर के तहसील घनघटा स्थिति मदरहा बेहराडाड़ी तटबंध पर संचालित बाढ़ सुरक्षा कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेगें।  

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