दिल्ली के अंदर ही हैं कुछ और शहर! देखें हैं आपने?

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 17, 2017

भारतीय पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों का भी प्रमुख आकर्षक केंद्र, दिल्ली में एक पर्यटक के लिए वे सारी चीजें हैं, जिसके लिए एक पर्यटक सदा लालायित रहता है। यहां की संस्कृति से लेकर यहां की विविधता तक और कई ऐसे ऐतिहासिक राज जो शायद ही आप सबको पता होंगे। दिल्ली जो भारत की राजधानी और एक प्रमुख शहर है, यह इतिहास में छह ऐतिहासिक शहरों का गढ़ हुआ करता था। आज हम आपको दिल्ली के उन प्रमुख शहरों से मुखातिब करवाते हैं, जिनका शासनकाल इतिहास के पन्नों में आज भी शान से दर्ज है। 

 

1. किला राय पिथौरा- किला राय पिथौरा जिसे राय पिथौरा का किला भी कहते हैं एक दृढ़ शहर था। जिसे 12वीं शताब्दी में चौहानों के राजा, पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया था। एक घमासान युद्ध में चौहान वंश ने इस शहर को तोमर राजवंश से जीतकर और फैलाया। इसके अंदर 8वीं सदी का पुराना लाल कोट किला भी शामिल है जिसे तोमर राजपूत शासक अनंगपाल तोमर द्वारा बनवाया गया था। आज भी इस शहर के कुछ चिह्न दिल्ली के साकेत, मेहरौली, किशनगढ़ व वसंत कुंज क्षेत्रों में हैं। सुरक्षा के लक्ष्य से बनाये गए किले के परिसर में पृथ्वीराज चौहान का पुतला आज भी शान से खड़ा है। 

 

2. मेहरौली- मेहरौली ने बहुत कुछ देखा है। इसने शुरुआती हिंदू राजाओं की राजधानी लालकोट को अपनी जमीन पर देखा, गुलामों के बादशाह बन जाने का अजूबा देखा और सारी बादशाहत को खाक बराबर समझने वाले कुतुब साहब जैसे दरवेश को भी देखा। सन 1192 में मोहम्मद गौरी द्वारा तराइन की दूसरी लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान के खात्मे के बाद, मोहम्मद गौरी ने कुतुबुद्दीन ऐबक को देश का वाइसराय घोषित कर दिया, जिसके बाद सन 1193 में कुतुबुद्दीन ने पूरी दिल्ली को अपने अधीन कर लिया जो तब तक चौहान वंश के ही अधीन थी। सन 1206 ईसवीं में जब मोहम्मद गौरी का देहांत हुआ, कुतुबुद्दीन दिल्ली के राजसिंघासन पर विराजमान हो गया जिसके बाद दिल्ली मामलुकों या दास वंश की राजधानी बन गयी। दास वंश मुस्लिम सुल्तानों का सबसे पहला वंश था जिन्होंने उत्तरी भारत में राज करना प्रारम्भ किया। मुगल सल्तनत के आरम्भ होते ही कुतुबुद्दीन ऐबक ने सारे हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त कर इस्लामिक रचनाओं का निर्माण करवाया जिसे उसने मेहरौली, दिल्ली के दूसरे शहर का नाम दिया। 

 

3. सिरी- कुतुबुद्दीन ऐबक के दास वंश को अल्लाउद्दीन खिलजी ने आगे बढ़ाया। खिलजी वंश के 6 शासकों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय अल्लाउद्दीन खिलजी ने अपने वंश का विस्तार दक्षिण भारत तक किया व दिल्ली के तीसरे शेर सीरी का निर्माण किया। आज भी सिरी का किला जो मोठे पत्थरों की दीवार है, दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। 

 

4. तुगलकाबाद- दिल्ली के चौथे शहर तुगलकाबाद या तुगलकाबाद के किले का निर्माण गियासुद्दीन तुगलक ने करवाया था। प्रकृति की गोद में निर्जन पहाड़ियों पर खड़ी भूरे अनगढ़ पत्थरों की टूटी दीवारों वाले तुगलकाबाद को वास्तुशिल्प की दृष्टि से एक दुर्ग के रूप में स्थापित किया गया था। यह किला दो भागों में बंटा है- दक्षिणी दीवारों के साथ-साथ नगर दुर्ग और महल इसका एक भाग है और इसके उत्तर में बसा नगर दूसरा भाग है। दक्षिण में, तुगलकाबाद के मुख्य प्रवेश द्वार के पास ही गियासुद्दीन तुगलक का मकबरा भी स्थापित है, जो लाल बलुई पत्थर से बनाया गया था। 

 

5. फिरोजाबाद- तुगलक शासकों में से एक, फिरोज शाह तुगलक ने कोटला फिरोज शाह या फिरोजाबाद को दिल्ली के पांचवें शहर के रूप में स्थापित किया। यह ऊंची दीवारों से युक्त महल, खंभों वाले बड़े-बड़े हॉल, मस्जिदों, कबूतर टावर व बावलियों का गढ़ है। किले के अवशेषों के साथ-साथ, जामा मस्जिद और अशोक स्तम्भ के बचे अवशेष भी फिरोजाबाद में स्थित हैं। फिरोज शाह कोटला, यमुना नदी के तट पर स्थित है। यह जगह अशोक के स्तंभ के कारण प्रसिद्ध है, जो एक तीन मंजिला संरचना है। 

 

6. शेरगढ़- शेरगढ़ आज पुराना किला के नाम से प्रसद्धि किला है जिसे शेर शाह ने बनवाया था। इस किले का निर्माण शेरशाह ने मुगलों के दूसरे राजा, हुमायूं से दिल्ली को छीनने के बाद करवाया था। यह दिल्ली के छठे शहर के रूप में विस्तरित हुआ। इसके अंदर एक मस्जिद है जिसमें दो तलीय अष्टभुजी स्तंभ है। कुछ साहित्यकारों के अनुसार यह किला इंद्रप्रस्थ के स्थल पर है जो पांडवों की विशाल राजधानी होती थी।

प्रमुख खबरें

बिहार सरकार क्रिकेट स्टेडियम के विकास के लिए BCCI के साथ समझौता करेगी

एमएनएफ ने Lengpui airport को भारतीय वायुसेना को सौंपने की योजना का किया विरोध

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024 के लिए नितीश कुमार रेड्डी को मिल सकता है मौका, चयनकर्ता कर रहे हैं बड़ा प्लान

Kazan ने खींचा दुनिया का ध्यान, गंगा के तट पर बसा ये शहर भारत के लिए क्यों है खास?