खेलों में कोई हारता नहीं, विजेता और भावी विजेता होते हैं: मोदी ने किया शतरंज ओलंपियाड का उद्घाटन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 29, 2022

चेन्नई| दुनिया भर से 44वें शतरंज ओलंपियाड में भाग लेने यहां पहुंचे खिलाड़ियों का स्वागत करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को टूर्नामेंट के आरंभ की घोषणा करते हुए ‘अतिथि देवो भव’ की भारत की परंपरा का उल्लेख किया और कहा कि खेलों में कोई हारता नहीं है क्योंकि इसमें विजेता और भावी विजेता होते हैं।

भारत में पहली बार हो रहे 44वें शतरंज ओलंपियाड का प्रधानमंत्री मोदी ने आज यहां जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पर तमिलनाडु की संस्कृति को दर्शाते रंगारंग कार्यक्रम में उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के महान संत तिरूवल्लुवर का जिक्र करते हुए कहा ,‘‘ संत तिरूवल्लुवर ने कहा था कि आजीविका कमाने और घर बनाने का एक ही लक्ष्य होता है कि वह आतिथ्य से परिपूर्ण हो। हम पूरा प्रयास करेंगे कि आपका प्रवास सुखद हो और आप अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखा सकें।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ खेल सुंदर है क्योंकि इसमें लोगों को , समाज को जोड़ने की ताकत है।

यह टीमवर्क को बढावा देता है। दो साल पहले कोरोना महामारी की शुरूआत हुई और दुनिया थम गई लेकिन ऐसे समय में खेल आयोजनों ने दुनिया को जोड़ा। हर टूर्नामेंट ने महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हम एकसाथ अधिक मजबूत है। मुझे यही भावना यहां दिख रही है।’’ बर्मिंघम में आज ही से राष्ट्रमंडल खेलों का भी आगाज हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,‘‘ अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिये आज अच्छा दिन है। यहां 44वां शतरंज ओलंपियाड शुरू हो रहा है और ब्रिटेन में हजारों खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहे हैं। मैं यहां एकत्र हुए सभी खिलाड़ियों को शुभकामना देता हूं। उम्मीद करता हूं कि भारत की अच्छी यादें लेकर आप जायेंगे। भारत आपका हमेशा खुलेदिन से स्वागत करेगा।’’

उन्होंने कहा ,‘‘खेलों में कोई हारता नहीं है। इसमें विजेता होते हैं और भावी विजेता होते हैं।’’ शतरंज ओलंपियाड का आयोजन यहां से 50 किलोमीटर दूर मामल्लापुरम में हो रहा है। पहली बार ओलंपियाड भारत में हो रहा है और इसमें रिकॉर्ड खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। ओपन वर्ग में 188 और महिला वर्ग में 162 खिलाड़ी उतरेंगे। इसकी मशाल रिले पिछले 40 दिन में 75 शहरों में होती हुई यहां पहुंची है।

उन्होंने आगे कहा ,‘‘ 44वें शतरंज टूर्नामेंट में कई मायनो में कई बातें पहली बार हो रही है।यह पहली बार भारत में शतरंज के जन्मस्थान पर हो रहा है। यह तीन दशक में पहली बार एशिया में हो रहा है। पहली बार इसमें सर्वाधिक देश और टीमें भाग ले रही हैं। इसमें महिला वर्ग में सर्वाधिक प्रविष्टियां मिली है और पहली बार शतरंज में मशाल रिले हुई है।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ यह शतरंज ओलंपियाड सभी की यादों में हमेशा रहेगा। हमारी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में मशाल 75 शहरों में 27000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। इसने युवाओं को शतरंज खेलने के लिये प्रेरित किया और यह गर्व की बात है कि शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले हमेशा भारत से शुरू होगी। हर भारतीय की ओर से मैं फिडे को इसके लिये धन्यवाद देता हूं।’’

भारत को विश्वनाथन आनंद समेत कई महान खिलाड़ी देने वाले तमिलनाडु और शतरंज के संबंध के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ हमारी संस्कृति में खेलों को हमेशा पूज्य माना गया है। तमिलनाडु में तो चतुरंग वल्लभनाथन का मंदिर भी है और इस मंदिर की शतरंज से जुड़ी रोचक कहानी है कि ईश्वर भी शतरंज खेलते थे।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ तमिलनाडु का शतरंज से खास संबंध है और यह भारत में शतरंज की महाशक्ति है जिसने देश को कई ग्रैंडमास्टर दिये। यह श्रेष्ठतम मस्तिष्कों, जीवंत संस्कृति और दुनिया की सबसे पुरानी तमिल का घर है। उम्मीद है कि आपको चेन्नई , महाबलीपुरम और आसपास के इलाके देखने का समय मिलेगा।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में खेल संस्कृति के विकास पर जोर देते हुए कहा ,‘‘ कोरोना के बाद हमें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का महत्व समझ में आया। यही वजह है कि देश में खेल प्रतिभाओं को बढावा देने और खेल संस्कृति के विकास की जरूरत है। ’’

उन्होंने कहा ,‘‘ भारत में खेलों के लिये इससे बढिया समय नहीं है। भारत ने ओलंपिक, पैरालम्पिक , बधिर ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और नये खेलों में भी चमके।’’ उन्होंने कहा कि भारत की खेल संस्कृति मजबूत हो रही है और इसके लिये युवाओं की ऊर्जा और उन्हें मिल रहे अनुकूल माहौल को श्रेय जाता है।

जमीनी स्तर से खिलाड़ी आ रहे हैं और यह सुखद है कि महिलायें खेल क्रांति की अगुवाई कर रहीं हैं। इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और खेलमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।

खेलमंत्री ठाकुर ने कहा ,‘‘ सिर्फ तीन महीने में इस टूर्नामेंट का आयोजन कर पाना आसान नहीं था। दुनिया में कोई नहीं कर सकता लेकिन भारत ने कर दिखाया।’’ ओलंपियाड रूस में होना था लेकिन यूक्रेन पर रूस के सैन्य हमले के बाद उससे मेजबानी छीन ली गई।

भारत को ऐन मौके पर इसकी मेजबानी मिली। टूर्नामेंट में भारत की तीन तीन टीमें ओपन और महिला वर्ग में उतरेंगे। महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद खेल नहीं रहे हैं लेकिन खिलाड़ियों के मेंटोर की भूमिका में होंगे।

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