चर्वाक दर्शन कहता है- ऋणं कृत्वा घृतं पीवेत, जावत जीवेत, सुखम जीवेत। कहने का तातपर्य यह कि ऋण यानी कर्ज लेकर भी शुद्ध घी पीओ, क्योंकि जबतक जिओ, सुख पूर्वक जिओ। यहां सुख का अभिप्राय स्वस्थ जीवनशैली से है, क्योंकि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी अब यह मान चुका है कि शुद्ध घी, उसमें भी गाय का घी कई मायने में स्वास्थ्य बर्द्धक होता है। उनके ऐसा कहने का आशय भी यही रहा होगा कि जब कोई व्यक्ति तंदुरुस्त रहेगा, तभी वह अपना कार्य भी कुशलता पूर्वक कर पाएगा। यदि ऐसा वह करेगा तो ऋण से भी उसे फायदा ही होगा, बस समय पर चुकाने की नीयत साफ हो।
आज एकल परिवार हो या संयुक्त परिवार, जीवन में आगे बढ़ने के लिए सबको कर्ज लेना ही पड़ता है। किसी को घर या वाहन के लिए, किसी को बेहतर शिक्षा के लिए, किसी को आकस्मिक स्वास्थ्य रक्षा के लिए, किसी को आधुनिक गैजेट्स के लिए तो किसी को अपना रोजगार मतलब कारोबार बढ़ाने के लिए। वैसे भारत में बेटी की शादी और माता-पिता के श्राद्ध में भी कुछ लोगों को कर्ज लेना पड़ता है। हालांकि, भारतीय संस्कार और सामाजिक व्यवहार ही ऐसे हैं कि कोई भी व्यक्ति कर्ज लेना नहीं चाहता और बेहद मजबूरी में ही वह ऐसे कदम बढ़ाता है। इसलिए आज यहां पर हम आपके जॉइंट होम लोन के बारे में बताएंगे।
दरअसल, ज्वाइंट होम लोन किसी भी परिवार के दो या दो से अधिक सदस्यों के द्वारा लिया जाता है, जिसमें हर आवेदक सदस्य इस लोन के भुगतान के लिए समान रूप से जिम्मेदार होता है और अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाता है। इस प्रकार संयुक्त रूप से लिया गया होम लोन किसी परिवार की वित्तीय स्थिति पर दबाव डाले बिना उनकी बचत बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। वहीं, होम लोन को दोनों व्यक्तियों के बीच बांटना फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि बैंक के मुताबिक, सिर्फ निकटतम परिवार के सदस्यों, जैसे पति-पत्नी, माता-पिता, बच्चे और भाई-बहन को संयुक्त रूप से होम लोन के लिए आवेदन करने की अनुमति होती है।
वित्त मामलों के जानकार बताते हैं कि संयुक्त गृह कर्ज
(जॉइंट होम लोन) लेना कई लाभ प्रदान करता है, जो न केवल वित्तीय (फाइनेंनसियल) बोझ को बांटने में मदद करता है, बल्कि कई तरह के फायदे भी देता है। संयुक्त गृह कर्ज (जॉइंट होम लोन) लेने पर दोनों आवेदकों को अलग-अलग आयकर लाभ (इनकम टैक्स बेनिफिट) मिलते हैं। वहीं, ईएमआई का बोझ कम करने के खातिर इसके मार्फ़त पेमेंट करने से किश्तों की रकम भी बढ़ जाती है। यहां पर हम कतिपय मुख्य बिंदुओं के द्वारा जॉइंट होम लोन के फायदे समझाएंगे।
जानिए, आखिर क्या होता है जॉइंट होम लोन और किसको मिल सकता है यह लोन?
जॉइंट होम लोन, दो या दो से ज्यादा लोगों द्वारा एक ही आवेदन (एप्लीकेशन) के जरिए लिया जाने वाला कर्ज (लोन) होता है। जिसके लिए, आप अपने पति या पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन, किसी करीबी रिश्तेदार, या फिर किसी ऐसे व्यक्ति को शामिल कर सकते हैं, जिसका अच्छा क्रेडिट स्कोर अच्छा हो और जो खूब पैसे कमाता हो। क्योंकि जॉइंट होम लोन लेने के कई फायदे हैं:- पहला, लोन का बोझ दोनों लोगों पर बंट जाता है। दूसरा, लोन के लिए पात्रता बढ़ जाती है। तीसरा, बड़ी रकम का लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। चतुर्थ, सह-आवेदक (को-एप्लिकेंट) के साथ ईएमआई का पेमेंट करने से किश्तों की रकम बढ़ जाती है। पंचम, लोन चुकौती की जिम्मेदारी दोनों लोगों की होती है, जिससे परिवार की वित्तीय स्थिति पर दबाव नहीं पड़ता।
# बस, जॉइंट होम लोन लेने के लिए रखिए कुछ बातों का ध्यान, ऋण चुकाने में होगी आसानी
सभी सह-आवेदकों (co-applicants) को यह पता होना चाहिए कि वे लोन की राशि और ईएमआई के भुगतान में समान रूप से जिम्मेदार होंगे। क्योंकि यदि कोई एक सह-आवेदक भुगतान में चूक करता है, तो अन्य सह-आवेदक को इसे पूरा करना होगा। इसलिए, अपने सह-आवेदक का चयन काफी सोच-विचार कर ही करें।
# जॉइंट होम लोन लेने के कई फायदे होते हैं, जिन्हें हम आगे बिंदुवार बतला रहे हैं-
पहला, कर लाभ (टैक्स बेनिफिट): जॉइंट होम लोन लेने पर दोनों या सभी आवेदकों को अलग-अलग आयकर लाभ (इनकम टैक्स बेनिफिट) मिलते हैं। क्योंकि आयकर की धारा (सेक्शन) 24बी के तहत, हर साल ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का छूट (डिडक्शन) लिया जा सकता है। वहीं, मुख्य लोनराशि (प्रिंसिपल अमाउंट) पर सेक्शन 80सी के तहत साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है। इस तरह से यदि पति-पत्नी मिलकर जॉइंट होम लोन लेते हैं, तो वे 7 लाख रुपये तक का आयकर (इनकम टैक्स) बचा सकते हैं, जो कि बड़ी धनराशि है।
दूसरा, पुनर्भुगतान (री-पेमेंट) के बोझ को कम करना: जॉइंट होम लोन में पुनर्भुगतान (री-पेमेंट) की जिम्मेदारी दोनों को साझा करनी होती है। इससे री-पेमेंट का बोझ कम हो जाता है।
तीसरा, बड़ा होम लोन: जब एक साथ कई लोग अप्लाई करते हैं, तो वे बड़े होम लोन के लिए पात्र हो जाते हैं।
चतुर्थ, स्टाम्प ड्यूटी में कमी: महिला एप्लीकेंट को शामिल करने पर स्टाम्प ड्यूटी कम हो जाती है।
पांचवां, सरकारी लाभ: री-पेमेंट पीरियड के दौरान दोनों को सरकारी लाभ मिलते हैं।
छठा, ऑनरशिप ट्रांसफर आसान: जॉइंट होम लोन से खरीदी गई प्रॉपर्टी के लिए ऑनरशिप ट्रांसफर आसान होता है।
सप्तम, पसंदीदा जगह पर घर: जॉइंट होम लोन लेने से आप अपनी पसंदीदा जगह पर घर ले सकते हैं। जॉइंट होम लोन दो या उससे ज्यादा पारिवारिक सदस्यों द्वारा मिलकर लिया जाता है।
आठवां, क्या जॉइंट लोन लेना बेहतर है?
जॉइंट होम लोन लेना कई मामलों में फायदेमंद हो सकता है। जैसे कि, बड़ा या बेहतर घर खरीदने में, टैक्स बेनिफिट में बढ़ोतरी के जरिए घर की कुल लागत कम करने में, और लोन चुकाने की जिम्मेदारी बंट जाने से लोन रीपेमेंट का बोझ कम हो जाना। हालांकि, जॉइंट होम लोन लेने से जुड़े कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर, आप यह तय कर सकते हैं कि जॉइंट होम लोन लेना आपके लिए सही है या नहीं।
# ज्वाइंट होम लोन हेतु अप्लाई करने से पहले कुछ जरूरी बातों का भी रखिए ख्याल, आपके लिए होगी आसानी
ज्वाइंट होम लोन लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हां, इसके लिए अप्लाई करने से पहले की कुछ महत्वपूर्ण बातों पर गौर करना जरूरी है। क्योंकि होम लोन का समय पर पुनर्भुगतान सभी सह-आवेदकों की सामूहिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
# ज्वाइंट लोन लेने की कुछ होती हैं शर्तें
निकटतम परिवार के सदस्यों के ज्वाइंट होम लोन में होने के अलावा, हर एप्लीकेंट के पास सैलरी या कारोबार के रूप में इनकम का एक स्वतंत्र सोर्स होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि दोनों अप्लाई करने वालों को उस संपत्ति में सह-मालिक होना चाहिए जिसके लिए लोन की बैंक से डिमांड की जा रही है। बैंक जब ज्वाइंट होम लोन के कैलकुलेशन के समय बड़ी उम्र वाले आवेदक की रिटायरमेंट की उम्र पर भी विचार करते हैं।
# इन बातों का ज्वाइंट होम लोन में जरूर ध्यान रखें
पहला, सारे डॉक्यूमेंट्स मौजूद हैं या नहीं: जब भी आप ज्वाइंट होम लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो पहले यह सुनिश्चित करें कि दोनों को-एप्लीकेंट्स के सभी डॉक्यूमेंट्स जैसे केवाईसी, इनकम सर्टिफिकेट इत्यादि, संपत्ति दस्तावेजों के साथ क्रम में लगे हैं या नहीं। ऐसा नहीं होने पर आप परेशान हो सकते हैं।
दूसरा, होम लोन की राशि सोच-समझकर तय करें: जब आप लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो होम लोन अमाउंट को लेकर आपकी समझ क्लियर होनी चाहिए। आप किसी भी प्रतिष्ठित बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं, और जरूरी राशि को कैलकुलेट करने के लिए वहां उपलब्ध मुफ्त ऑनलाइन होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको ईएमआई और घर के बजट का हिसाब का आइडिया समझ आ जाएगा। जानकारों का मानना है कि होम लोन जितना संभव हो सके, कम अमाउंट में लें तो ब्याज का बोझ कम रहेगा।
तीसरा, दोनों आवेदन करने वाले का सिबिल स्कोर: जब भी आप ज्वाइंट होम लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो बैंक आप दोनों की साख निर्धारित करने के लिए आपके सिबिल स्कोर की जांच करेंगे। यानी अगर एक आवेदक के पास क्रेडिट कम है, तो यह पूरे लोन एप्लीकेशन को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अप्लाई करने से पहले अपना सिबिल स्कोर जरूर ठीक कर लें। यानी अगर आप अपने जीवनसाथी के साथ संयुक्त रूप से होम लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आपको पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप दोनों का क्रेडिट स्कोर अच्छा हो।
चौथा, लोन का रीपेमेंट में भी दोनों आवेदकों की जिम्मेदारी: बैंक के मुताबिक, होम लोन का समय पर पुनर्भुगतान सभी सह-आवेदकों की सामूहिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। रीपेमेंट या पुनर्भुगतान एक संयुक्त बैंक खाते के माध्यम से सिंगल एकीकृत ईएमआई भुगतान के जरिये किया जा सकता है। ज्वाइंट इनकम के कारण संयुक्त उधारकर्ता आमतौर पर व्यक्तिगत आवेदकों की तुलना में अधिक लोन राशि का लाभ उठा सकते हैं। वैसे वित्तीय तनाव से बचने के लिए अपनी पुनर्भुगतान क्षमता के भीतर जिम्मेदारी से उधार लेना महत्वपूर्ण है।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार