By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 02, 2019
नयी दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनावों से पहले देश के 200 से ज्यादा लेखकों ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे एक ‘‘विविधतापूर्ण और समानता वाले भारत’’ के पक्ष में अपना वोट डालें और नफरत की राजनीति को खत्म करने में मदद करें। भारतीय सांस्कृतिक मंच पर प्रकाशित एक खुले पत्र में गिरीश कर्नाड, अरुंधति रॉय, अमिताभ घोष, नयनतारा सहगल और रोमिला थापर सहित कई अन्य लेखक-लेखिकाओं ने कहा कि देश को बांटने और लोगों में डर पैदा करने की खातिर नफरत की राजनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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बयान के मुताबिक, ‘‘लेखकों, कलाकारों, फिल्मकारों, संगीतकारों और अन्य सांस्कृतिक लोगों को डराया-धमकाया गया और उनका मुंह बंद कराने की कोशिश की गई।’’ इन लेखकों ने कहा, ‘‘सत्ताधारियों से सवाल करने वाले किसी भी शख्स को प्रताड़ित करने या गलत एवं हास्यास्पद आरोपों में गिरफ्तार किए जाने का खतरा है। हम सब चाहते हैं कि इसमें बदलाव आए...पहला कदम यह होगा, जो हम जल्द ही उठा सकते हैं, कि नफरत की राजनीति को उखाड़ फेंके और इसलिए हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे एक विविधतापूर्ण एवं समान भारत के लिए मतदान करें।’’
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पत्र के मुताबिक, मौजूदा चुनावों के मद्देनजर देश अभी ‘‘चौराहे’’ पर खड़ा है। लेखकों ने सभी भारतीयों से अपील की कि वे एक ऐसे देश के विचार का समर्थन करें जिसमें संविधान द्वारा किए गए वादों पर फिर से अमल हो। पिछले महीने आनंद पटवर्धन, सनल कुमार शशिधरण और देवाशीष मखीजा सहित 103 भारतीय फिल्मकारों के एक समूह ने 2019 के चुनावों में मिल-जुलकर फासीवाद को हटाने की अपील जारी की थी।