भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले मंगलवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। कांग्रेस विधायकों ने सदन में अवैध रेत उत्खनन, अवैध शराब, बिजली बिलों के मुद्दों पर सरकार का घेराव किया, जिससे सदन में जमकर हंगामा हुआ।
विधानसभा में मंगलवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। इस दौरान कांग्रेस ने अवैध रेत उत्खनन को लेकर एक बार फिर सरकार को घेरा। यह मुद्दा कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति, पीसी शर्मा और संजय शर्मा ने उठाया। विधायकों का आरोप है कि नर्मदा नदी से अवैध रूप से रेत निकाली जा रही है। विधायक एनपी प्रजापति ने कहा कि रेत के अवैध परिवहन से नरसिंहपुर जिले की सड़के टूट गई हैं। इसके जवाब में खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने पहले तो अवैध रेत उत्खनन के आरोपों को खारिज किया, लेकिन जब विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरोप लगाए तो उन्होंने राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कराने की घोषणा की। बावजूद इसके कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायक कमलेश जाटव ने प्रदेश में अवैध शराब का मुद्दा सदन में उठाया। जाटव ने आरोप लगाया कि जहरीली शराब पीने से प्रदेश में पिछले एक साल में 48 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, बावजूद इसके अवैध शराब का कारोबार आबकारी विभाग के संरक्षण में चल रहा है। इसके अलावा विधानसभा में बिजली के टैरिफ बढ़ाए जाने को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एनपी प्रजापति ने प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया था। उन्होंने सरकार से पूछा था कि बिजली कंपनियों द्वारा बिजली की दरें कितनी बढ़ाने के प्रस्ताव सरकार को दिए हैं? इसका जवाब ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर नहीं दे पाए। उसको लेकर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विधायक एनपी प्रजापति ने यह भी सरकार से पूछा कि घरेलू कमर्शियल एवं इंडस्ट्रियल के टैरिफ बढ़ाने के कारण प्रति यूनिट बिजली उपभोक्ताओं को सभी प्रकार के चार्ज जोड़कर कितनी राशि वसूली की जा रही है ? इसका जवाब भी मंत्री नहीं दे पाए।