भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन और खरगोन में रहस्यमय परिस्थितियों में मरने वाली दो स्कूली छात्राओं के परिजनों ने दावा किया कि दोनों की मौत टीकाकरण के बाद हुई है। परिजनों के बाद प्रशासन ने दोनों मामलों की जांच के आदेश दिए हैं। जानकारी मिली है कि टीका लगाए जाने के 24 घंटे से अधिक समय बाद दोनों लड़कियों की मौत हो गई।
दरअसल उज्जैन में 16 वर्षीय लड़की को 5 जनवरी को बिसान खेड़ा गांव स्थित उसके स्कूल में टीका लगाया गया था। अगले दिन वह बेहोश होकर सड़क पर गिर गई। उसे पास के अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे उज्जैन के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इसे भी पढ़ें:व्यापम घोटाले को लेकर कोर्ट ने 6 आरोपियों को ठहराया दोषी, सुनाई 5 साल की कारावास सजा
इसी तरह खरगोन में लड़की ने 3 जनवरी को करही गांव के स्कूल में कोविड-19 का टीका लगाया। दो दिन बाद उसने पेट दर्द और कमजोरी की शिकायत की। उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
आपको बता दें कि दोनों ही मामलों में परिवार के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि कोविड -19 वैक्सीन के कारण लड़कियों की मौत हुई। हालांकि, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ संतोष शुक्ला ने कहा कि टीके की प्रतिकूल प्रतिक्रिया 30 मिनट से छह घंटे के बीच हो सकती है। उन्होंने दावा किया है कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि एईएफआई 48 घंटों के बाद मौत का कारण बने।