By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 26, 2022
नयी दिल्ली। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 423 परियोजनाओं की लागत में तय अनुमान से 4.95 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। देरी और अन्य कारणों की वजह से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है।
मंत्रालय की मई-2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,568 परियोजनाओं में से 423 की लागत बढ़ी है, जबकि 721 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन 1,568 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 21,59,802.67 करोड़ रुपये थी, जिसके बढ़कर 26,54,818.05 करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 22.92 प्रतिशत या 4,95,015.38 करोड़ रुपये बढ़ी है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-2022 तक इन परियोजनाओं पर 13,42,563.22करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 50.57 प्रतिशत है। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें, तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 563 पर आ जाएगी।
रिपोर्ट में 569 परियोजनाओं के चालू होने के साल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 721 परियोजनाओं में से 113 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 121 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 350 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की और 137 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी में चल रही हैं। इन 647 परियोजनाओं की देरी का औसत 43.34 महीने है। इन परियोजनाओं में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है।