By नीरज कुमार दुबे | May 10, 2022
कश्मीर में आतंकवाद संबंधी हाल की कई घटनाओं में पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया लेकिन पुलिसकर्मियों का अपने कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति हौसला और जज्बा जरा भी नहीं डिगा है। आतंकवाद के सफाये के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी और जवान सदैव तत्पर रहते हैं। लेकिन यह बात आतंकवादियों और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं को भाती नहीं है इसलिए पुलिसकर्मियों को निशाने पर लिया जाता है।
इस सबसे कश्मीर की जनता काफी नाराज और परेशान है। इसीलिये आतंकवाद की घटनाओं और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाये जाने के विरोध में श्रीनगर में 'आखिर कब तक' अभियान के तहत कैंडल लाइट विरोध का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं, कश्मीरी पंडितों और स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आतंकवाद की घटनाओं में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रभासाक्षी से बातचीत करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम श्रीनगर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए गुलाम हसन डार नाम के पुलिसकर्मी की हत्या के खिलाफ भी अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम कब तक निर्दोष पुलिस और नागरिकों की हत्याओं को देखते रहेंगे। सभी ने यही कहा कि कश्मीर में सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर रहना चाहते हैं।