By नीरज कुमार दुबे | Aug 06, 2024
बांग्लादेश में अराजक स्थिति का फायदा उठाते हुए कट्टरपंथियों ने हिंदुओं पर अत्याचार करने शुरू कर दिये हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के घर जलाये जा रहे हैं, उनकी दुकानों और प्रतिष्ठानों में लूटपाट की जा रही है, हिंदु लड़कियों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, भगवान की मूर्तियों को खंडित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शेख हसीना के इस्तीफे के बाद कानून व्यवस्था के पटरी से उतरने का सबसे बड़ा खामियाजा अल्पसंख्यक हिंदुओं को भुगतना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर इस समय बांग्लादेश के इस्कॉन मंदिर में तोड़फोड़ और विश्व समुदाय से मदद की गुहार लगाते बांग्लादेशी हिंदुओं के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिंदुज नाम के एक्स हैंडल का तो यह भी दावा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं का एक तरह से नरसंहार हो रहा है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी सर्वदलीय बैठक में जानकारी दी है कि बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों के घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने देश में हिंदू समुदाय से संबंधित हिंदू मंदिरों, घरों और प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों की एक सूची जारी की है। एक्स हैंडल वॉइस ऑफ बांग्लादेशी हिंदूज़ के मुताबिक ये हमले पांच घंटे के अंदर हुए। बताया जा रहा है कि अभी 54 हमले दर्ज किये गये हैं लेकिन हिंदुओं पर हुए हमलों की संख्या और ज्यादा भी हो सकती है। बताया जा रहा है कि ताजा दर्ज किये गये मामलों में फेनी इलाके में दुर्गा मंदिर पर हमला शामिल है। इसके अलावा, दिनाजपुर में फुलथला श्मशान घाट पर जबरन कब्जा कर लिया गया। साथ ही पार्बतीपुर में काली मंदिर समेत पांच मंदिरों में तोड़फोड़ की गयी है।
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रुकवाने के लिए हर संभव प्रयास करे। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि बांग्लादेश में धर्म के आधार पर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से यह बात भी सही सिद्ध हो गयी है कि सीएए कानून लाना उचित कदम था।