सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महादेव शिवाय अरजारिया ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि जिला प्रशासन ने अब भूमि को अहस्तांतरणीय घोषित कर दिया है। और भूमि में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद महादेव मंदिर ट्रस्ट का प्रबंधन अपने हाथ में लेने का फैसला किया है।
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ट्रस्ट के पास 23 एकड़ जमीन है जिसमें बांधैया मोहल्ला में 16 एकड़ और निमोरा गांव में सात एकड़ जमीन शामिल है। इसमें से बांधैया मोहल्ला में 16 एकड़ जमीन का बाजार मूल्य करीब 250 करोड़ रुपये है।
1958 में स्थापित ट्रस्ट में जमीन में हेराफेरी की शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने जांच के आदेश दिए थे। अरजारिया ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि ट्रस्ट प्रबंधन अपनी संपत्तियों के प्रबंधन में लापरवाह था।
उन्होंने बताया कि मंदिर की बेशकीमती जमीन में कथित हेराफेरी के तहत दक्षिण मिलोनीगंज निवासी हामिद हसन नाम के एक व्यक्ति से वर्ष 2019 में अलग-अलग तारीखों में ट्रस्ट के बैंक खाते में 92 लाख रुपये प्राप्त हुए।
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अरजारिया ने कहा कि यह लेनदेन अवैध था क्योंकि पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के अनुसार 5,000 रुपये से अधिक के लेनदेन के मामले में संबंधित प्राधिकरण की पूर्व अनुमति की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी के कुछ अन्य मामलों में न्यासियों के नाम सरकारी रिकॉर्ड में नहीं बदले गए।
जांच में गड़बड़ी के आरोप सही पाए जाने पर महादेव मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधन को चलाने के लिए तहसीलदार राजेश सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई। आयकर विभाग को 92 लाख रुपए की प्राप्ति के संबंध में पत्र भी लिखा जा रहा है।