By एकता | Sep 01, 2024
बिहार के पटना में राजद नेताओं ने रविवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। राजद नेता देश में जाति आधारित जनगणना और 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'मुद्दा यह है कि महागठबंधन की सरकार में जब हम बिहार के उपमुख्यमंत्री थे तो हमने पिछड़े, अति-पिछड़े, दलित समाज के लिए आरक्षण की सीमा को बढ़ाया। हम लोगों ने आरक्षण बढ़ाया जिसे हम सुरक्षित करना चाहते थे।'
तेजस्वी ने आगे कहा, 'कई दिन हो गए, संसद में हमारे सांसद मनोज झा ने सवाल पूछा तो भारत सरकार के लोगों ने गोल-मटोल जवाब देते हुए राज्य सरकार पर डाल दिया। नौंवी अनुसूचि का मामला राज्य सरकार नहीं देखती है। यह साफ है कि इनकी (NDA) मंशा ही नहीं, ऐसा समाज जो अंतिम पायदान पर खड़ा है वो आगे आए, सबके साथ बैठे, सब बराबर रहें, यह भाजपा के लोग नहीं चाहते। भाजपा के लोग चाहते हैं कि कचड़ा उठाने वाले की आने वाली पीढ़ी जिंदगी भर वही काम करे। भूमिहीन को जमीन न मिले, भिखारी को जीवन भर भिखारी बनाकर रखो यानी जो चंद लोग हैं मलाई खाने का अधिकार केवल उन्हीं को है।'
तेजस्वी ने कहा, 'हम लोगों ने तय किया कि हम लोग आरक्षण को बढ़ा दें क्योंकि जितनी जिसकी आबादी उसी हिसाब से उसे उसका उतना अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन इतने में हमारे चाचा जी (नीतीश कुमार) पलट गए। हम लोग नौकरी दे रहे थे, आरक्षण बढ़ा रहे थे, जाति आधारित जनगणना करवा रहे थे। उन्हीं के मंत्री ने मेरे साथ बैठकर प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार कहते थे कि जब हम जातिगत जनगणना करवा रहे थे तो भाजपा वाले कोर्ट चले गए।'
जाति आधारित जनगणना पर तेजस्वी ने कहा, 'आखिर क्यों सभी बड़े समाजवादी नेताओं ने समय-समय पर जाति आधारित जनगणना की बात की? आज भी समाज में भेदभाव होता है। जाति का नाम लेकर गाली दी जाती है। दलित के बेटे की शादी में वे मंदिर में पूजा नहीं करेगा। यह क्या व्यवस्था है? आज जब हम लोग गिनती की बात करते हैं तो वो लोग कहते हैं कि हम बाटने की बात कर रहे हैं। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि लोग अपने नाम के आगे नाम लिखते हैं। ये क्या तेजस्वी, लालू या राष्ट्रीय जनता दल ने बनाया? किसने यादव, मिश्रा, दास या कुशवाहा बनाया। हम तो कह रहे हैं कि चाहें कोई भी जाति के लोग हों आज उनकी स्थिति क्या है यह पता करो। यह पता करो कि गरीबी सबसे ज्यादा किस जाति में है उसका पता करो और फिर उस जात को गरीबी से निकालो। हम केवल इतना ही चाहते हैं।'