ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री ने हमेशा एक दूसरे के प्रति रिश्ते गर्मजोशी से भरे नजर आए। उन दोनों के बीच इस खुशमिजाजी का नतीजा ये निकला कि पहली बार उनके कार्यकाल में ही भारत ने अमेरिका के साथ रक्षा और विदेश मंत्रालय के स्तर पर 2+2 डॉयलॉग हुआ है। कई मौकों पर मोदी की तारीफें करने के बावजूद ट्रम्प ने भारत की प्राथमिकताओं के विरुद्ध भी काम किए हैं, जिनमें शामिल हैं एच-1बी वीजा, जीएसपी और कश्मीर विवाद में मध्यस्थता के प्रस्ताव। हालांकि कई जानकार ये भी मानते हैं कि ट्रंप ने जिस तरह से भारत का साथ देते हुए पाकिस्तान और चीन पर लगाम लगाने का काम किया है उसका असर भारत और अमेरिका के संबंधों पर पड़ा है। यही वजह है कि दोनों देशों के बीच कुछ दिक्कतें होने के बाद भी दोनों लगातार आगे बढ़े हैं। चीन को लेकर उनकी आक्रामकता भारत के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई है।
अबकी बार ट्रंप सरकार से नमस्ते ट्रंप तक
रिपबल्किन कैडिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती तो किसी से छिपी नहीं है। आपको टेक्सास के ह्यूसटन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम तो याद ही होगा। जब मोदी ने ट्रम्प की मौजूदगी में अबकी बार ट्रम्प सरकार का नारा दिया था। अमेरिका में एक साल बाद ही चुनाव थे। ऐसे में मोदी के इस बयान को डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए विरोध और ट्रम्प के समर्थन में देखा गया। हालांकि उस चुनाव में ट्रंप की जीत नहीं हो पाई थी। 24 फरवरी, 2020 को अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। अमेरिकी चुनाव में ट्रंप अपनी प्रतिद्ववंदी कमला हैरिस को मात देने के लिए पूरे जी जान से लगे हैं। इस दौरान वो भारत के प्रधानमंत्री मोदी की बार बार तारीफ करते नजर आ रहे हैं। अब ट्रंप ने इस इंटरव्यू में पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है। ट्रंप ने कहा है कि मोदी न सिर्फ उनके अच्छे दोस्त हैं बल्कि बेहद अच्छे इंसान भी हैं। उन्होंने हाउडी मोदी कार्यक्रम में पीएम मोदी के लिए लोगों की दीवानगी का जिक्र किया है। इसके साथ ही ट्रंप ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी के अंदाज में बताया कि उन्होंने इस्लामाबाद से निपटने की तैयारी कैसे की थी।
ट्रंप को मोदी में पिता दिखते
प ने कहा कि मोदी के आने से पहले भारत में हर साल उन्हें (पीएम) बदला जाता था। वहां बहुत ज्यादा अस्थिरता थी। इसके बाद वह आए। वह महान हैं। वह मेरे मित्र हैं। बाहर से वह ऐसे दिखते हैं, जैसे वह आपके पिता हैं। वह सबसे अच्छे हैं। 'हाउडी मोदी' की सफलता के बारे में भी बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्टेडियम में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग पागल हो रहे थे और हम घूम रहे थे..हम बीच में चल रहे थे, हर किसी को हाथ हिला रहे थे। हमारे सामने कुछ ऐसे मौके आए, जब कोई भारत को धमका रहा था। मैंने कहा कि मुझे मदद करने दीजिए। मैं उन लोगों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार रखता हूं। इस पर मोदी ने कहा-यह मैं करूंगा। जो भी जरूरी होगा, वह मैं करूंगा। ट्रंप ने अपने 88 मिनट लंबे साक्षात्कार में लगभग 37 मिनट तक मोदी के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की।
बहरहाल अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर पूरे विश्व की नज़रें रहा करती है लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के लोगों का भी बहुत बड़ा योगदान रहता है। इसीलिए अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के वोटर्स को लुभावने की कोशिश में लगे रहते हैं।