By अभिनय आकाश | Oct 30, 2024
अमेरिका के उत्तरी भाग में जहां औद्योगित क्रांति ने दासता को खत्म कर दिया था वहीं कृषि प्रधान और तुलनात्मक रूप से गरीब दक्षिणी भाग के राज्य इसके खत्म होने के सख्त खिलाफ थे। व्हिग पार्टी इसी उधेड़बुन में नष्ट हो गई कि समर्थन करे तो किसका। इसी व्हिग पार्टी के कुछ सदस्यों ने रिपबल्किन पार्टी बना ली। इब्राहिम लिंकन ने 1860 का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया। लिंकन न केवल अपने फैसलों की वजह से इतिहास में सबसे महान राष्ट्रपतियों में से एक हुए। गृह युद्ध की वजह से रिपब्लिकन पार्टी अगले कई दशकों तक सत्ता में बनी रही। एक मिथक भी चल पड़ा कि रिपब्लिकन पार्टी अश्वेतों के साथ है और डेमोक्रेटिक पार्टी व्हाइट के साथ है। मगर समय के साथ इसमें भी बदलाव हुआ।
अतीत में किया गया एक पुण्य वर्तमान और भविष्य के अनंत पापों की प्रेरणा बनता है। इब्राहिम लिंकन के बाद लगातार सत्ता में आ रही रिपब्लिकन को लगा कि अश्वेतों और दक्षिण अमेरिका के लिए उसने बहुत कुछ कर दिया। रिपब्लिकन पार्टी धीरे धीरे अमीरों की पार्टी बनती गई। जैसे जैसे इससे रईस जुड़ते गए इनकी पॉलिसी भी अमीरों के हित में बनती गई। ऐसा 60-70 सालों तक चला। इन पॉलिसी के चलते व्यापार से लेकर शेयर मार्केट सब अस्त व्यस्त हो गया। फिर आता है 1929 का ब्लैक ट्यूसडे, अमेरिकी शेयर मार्केट क्रैश हो गया। महामंदी का दौर शुरू हो गया औऱ डेमोक्रेट बेहतर विकल्प के तौर पर लोगों को भाने लगे।
रिपब्लिकन पार्टी के सत्ता में आने पर टैक्स में कमी की अपेक्षा की जाती है। रिपब्लिकन संपत्ति कर को डेथ टैक्स बताते हैं। रिपब्लिकन पार्टी के चर्चित रोनाल्ड रीगन ने अपने इकोनॉमि रिकवरी एक्ट 1981 के तहत सभी के लिए कम कर दिया था। न्यूनतम भत्ता को लेकर रिपब्लिकन अपने मूल वोट बैंक के साथ खड़ी रही है। उनका कहना है कि इसे बढ़ाने से मध्यम वर्गिय कारोबारियों को नुकसान पहुंचता है। हथियारों पर नियंत्रण सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। 2018 में ट्रंप ने एक स्कूल पर गोलियां बरसाने की घटना पर कहा था कि टीचरों को भी बंदूके रख लेनी चाहिए। मतलब साफ है कि रिपब्लिकन की थ्योरी लोहा ही लोहे को काटता है कि तर्ज पर है।