By दीपक कुमार मिश्रा | Sep 18, 2019
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में फाइनल मैच हारने के बाद टीम इंडिया ने कई बदलाव करना शुरू किया। बल्लेबाजी में टीम ने नंबर 4 का विकल्प खोजना शुरू किया। टीम ने एक फिनिशर की खोज शुरू की। इसके साथ ही टीम इंडिया के कोच औऱ कप्तान ने एक ऐसा फैसला किया जिसने आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट को लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में बड़ी सफलताएं दिलाई। यह फैसला युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के रूप में टीम इंडिया में दो कलाई के गेंदबाजों को शामिल करना था। टीम मैनेजमेंट का यह फैसला 2019 वर्ल्ड कप को देखते हुए लिया गया था। हालांकि टीम इंडिया 2019 वर्ल्ड कप जीत तो नहीं पाई लेकिन पूरे टूर्नामेंट में वो एक चैंपियन के तौर पर खेली। न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया का एक दिन बेहद खराब गया। जिसका खामियाजा उन्हें वर्ल्ड कप से बाहर होकर भुगतना पड़ा। लेकिन इस पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया के हर एक खिलाड़ी ने मैच विनर की भूमिका निभाई। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम के सफलता में दो खिलाड़ियों का सबसे बड़ा योगदान वो युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की जोड़ी थी। जो पिछले लंबे समय से भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन कर रही थी। इन दोनों खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से दुनिया के हर बल्लेबाज को छकाया था। इन खिलाड़ियों ने बताया कि मौजूदा दौर में कलाई के स्पिनर्स हर किसी पर भारी पड़ सकते है।
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कुलदीप और चहल यह टीम इंडिया के सबसे मजबूत कड़ी थे। वनडे क्रिकेट हो या फिर टी-20 इनका हर जगह बोलबाला था। लेकिन वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम ने 2020 टी-20 वर्ल्ड कप को देखते हुए अपनी रणनीति में कुछ बदलाव किया है। चहल और कुलदीप यादव को टी-20 टीम से लगातार बाहर रखा जा रहा है। पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज और फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में यह दोनों स्पिनर्स टीम से गायब है। टीम के कप्तान विराट कोहली ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि “आपको एक स्टेज पर आकर फैसले लेने पड़ते हैं। हम जब चहल और कुलदीप को लेकर आए थे तब भी इसी तरह की प्रतिक्रियाएं आई थीं। देखिए जो भी फैसले लिए जा रहे हैं वो इसलिए लिए जा रहे हैं ताकि अगले साल टी-20 विश्व कप में जाने से पहले टीम सर्वश्रेष्ठ हो और संतुलित हो। यह मौके हैं जहां हम नए लोगों के साथ कई तरह के संयोजन आजमा रहे हैं। हम उनकी योग्यता, चरित्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए उनके मानसिक संतुलन की परीक्षा ले रहे हैं। इस नजरिए से एक कप्तान के तौर पर यह अच्छा है कि हम नए खिलाड़ियों के साथ खेलें और नए संयोजन तैयार करें। हम सभी इसी प्रक्रिया से आए हैं। जब मैं इन नए चेहरों को देखता हूं तो मुझे खुशी होती है।”
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जाहिर है कप्तान कोहली की बात सही है। वक्त के साथ टीम में कई बदलाव किए जाते है। यह युवा खिलाड़ियों को मौके देता है साथ ही विरोधी टीम को छकाता भी है। लेकिन टीम इंडिया के इस फैसले को देखते हए यह माना जा रहा है कि टीम अपने बैटिंग क्रम में गहराई चाहता है। टीम इंडिया चाहती है कि उनके पास नंबर 10 तक बल्लेबाजी में विकल्प हो। लेकिन सवाल यह है कि अगर टी-20 क्रिकेट को ध्यान में रखकर ऐसा किया जा रहा है तो यह फैसला कई सवाल भी खड़े करता है। टी-20 क्रिकेट में आमतौर पर नंबर 9 और 10 के बल्लेबाजों को क्रीज पर आने का मौका कम मिलता है। टी-20 क्रिकेट में अगर उपरी आर्डर में रन बनाएं जाएं तो यह ज्यादा प्रभावी साबित होता है। हालांकि टीम इंडिया बल्लेबाजी को अपनी ताकत बनाना चाहती है तो उन्हें हर मैच में 20 ओवर में 220 से 230 रन बनाने के बारे में ध्यान देना चाहिए। क्योंकि अगर नंबर 10 तक बल्लेबाजी को अपनी ताकत बनाना चाहते है तो यह फैसला ज्यादा बेहतर रहता है। वैसे भी चहल और कुलदीप यादव को जोड़ी विरोधी टीम को बिखेरने के लिए जानी जाती है। यह जोड़ी गुच्छों में शिकार करती थी और विरोधी टीम की कमर तोड़ देती थी। इसलिए टीम इंडिया को कुलदीप-चहल की जोड़ी को लेकर जल्दी फैसला लेने की जरूरत है। क्योंकि यह जोड़ी भारत के लिए पिछले कई वर्षों से मैच विनर रही थी। आने वाले समय में भी यह जोड़ी भारत के लिए सफलता के कई आयाम लिख सकती है। क्योंकि टी-20 क्रिकेट हो या फिर वनडे हर जगह विकेट लेने वाली ही टीम जीतती है। विरोधी टीम के बल्लेबाजों को सस्ते में आउट करें बिना मैच नहीं जीते जाते है। और अगर टीम इंडिया टी-20 क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी में गहराई चाहती है तो उन्हें हर मैच में 200 रनों से ज्यादा का स्कोर खड़ा करना होगा ताकि वो अपनी बल्लेबाजी के दम पर मैच जीत सकें। 2019 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम ने ऐसा ही किया था। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में गहराई हासिल की और हर मैच 400 से ज्यादा स्कोर बनाने के उपर ध्यान दिया। कई मौकों पर उन्होंने ऐसा किया भी और नतीजा वह 2019 वर्ल्ड कप की चैंपियन टीम बनी। अगर टीम इंडिया चहल-कुलदीप की जोड़ी को बाहर कर अपनी बल्लेबाजी में गहराई लाती है तो उन्हें हर मैच में रनों का पहाड़ खड़ा करना होगा। हालांकि उसके बाद भी यह फैसला थोड़ा अटपटा लगता है क्योंकि ये दोनों मैच विनर खिलाड़ी है जो अपने दिन पर अकेले दम पर मैच जिता सकते है। ऐसे में भारतीय टीम को जल्द ही कुलदीप-चहल की जोड़ी पर अहम फैसला लेना चाहिए।
दीपक कुमार मिश्रा