By अंकित सिंह | Oct 19, 2021
आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2021 का आगाज हो चुका है। भारत अपना पहला मुकाबला 24 अक्टूबर को चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा। T20 विश्वकप के लिए 15 सदस्यीय टीम का ऐलान भी हो चुका है। इन 15 सदस्यीय टीम में तीन विकेटकीपर बल्लेबाज को भी मौका दिया गया है। सबसे खास बात तो यह है कि एक वक्त था जब भारतीय क्रिकेट टीम को एक नियमित विकेटकीपर की दरकार थी जो मिल नहीं पा रहा था। लेकिन आज टीम इंडिया में तीन विकेटकीपर स्थाई तौर पर अपना स्थान बना चुके हैं। जबकि कई शानदार विकेटकीपर टीम में शामिल होने की दहलीज पर खड़े हैं।
यह थी संकट
आज से लगभग 20 वर्ष पहले जाएं तो टीम इंडिया एक नियमित विकेटकीपर को तरस रही थी। मजबूरी में स्लिप में फील्डिंग करने वाले राहुल द्रविड़ को विकेटकीपिंग करनी पड़ती थी। आलम तो यह था कि 2003 के विश्व कप में भले ही विकेट कीपर के रूप में पार्थिव पटेल का चयन हुआ था। लेकिन टीम में विकेटकीपिंग की भूमिका में ज्यादातर राहुल द्रविड़ ही नजर आए। हालांकि महेंद्र सिंह धोनी के आने के बाद से भारत के नियमित विकेटकीपर का तलाश खत्म हुआ। लेकिन यह सवाल लगातार उठ रहे थे कि आखिर धोनी के बाद फिर कहीं नियमित विकेटकीपर की तलाश लंबी तो नहीं होगी। लेकिन ऐसा लग रहा है कि अब टीम इंडिया को एक से बढ़कर एक नए और शानदार विकेटकीपर मिलते रहेंगे। फिलहाल टीम इंडिया में शामिल तीन विकेट कीपर बल्लेबाज प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह बनाते दिख रहे हैं। यह तीनों हैं ईशान किशन, ऋषभ पंत और केएल राहुल।
यह हैं दावेदार
केएल राहुल भले ही टीम में एक बल्लेबाज के तौर पर शामिल हुए थे। लेकिन जरूरत के हिसाब से वह विकेटकीपर की भूमिका बखूबी निभाते हैं। वर्तमान में वह शानदार फॉर्म में भी हैं। ताबड़तोड़ रन भी बनाते हैं और गेंदबाजों पर दबाव भी रहता है। ईशान किशन की बात करें तो यह भी अच्छे विकेटकीपर है साथ ही साथ ओपनिंग करते हैं और ताबड़तोड़ रन बनाने में माहिर है अंडर-19 टीम के कप्तान रह चुके हैं और आईपीएल में खेलने का लंबा अनुभव है। ऋषभ पंत वर्तमान में टीम इंडिया के नियमित विकेटकीपर की भूमिका में है। टेस्ट हो या फिर वनडे हो या फिर T20, सभी फॉर्मेट में वह विकेटकीपिंग करते हैं और अपनी बल्लेबाजी के जरिए टीम को संकट से भी उबारते हैं। वह ताबड़तोड़ रन बनाने में माहिर है।
इन पर लगा था दांव
संजू सैमसन और रिद्धिमान साहा भी टीम इंडिया में समय-समय पर विकेटकीपिंग की भूमिका में नजर आ चुके हैं। रिद्धिमान साहा टेस्ट क्रिकेट में लगातार विकेटकीपर की भूमिका निभाते रहे हैं। हालांकि पिछले समय से वह चोट से परेशान हैं। महेंद्र सिंह धोनी से पहले भारत ने कई विकेटकीपर को आजमाया लेकिन ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई। नयन मोंगिया के बाद भारत में मनवा प्रसाद, सबा करीम, विजय दहिया, समीर दिघे, डीप दासगुप्ता, अजय रात्रा, पार्थिव पटेल और दिनेश कार्तिक जैसे विकेटकीपर को टीम में जरूर शामिल किया। लेकिन कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई।