By अनुराग गुप्ता | Sep 06, 2021
काबुल। अफगानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान ने कब्जा करने के बाद सरकार गठन की तैयारियां शुरू कर दी थीं। लेकिन पंजशीर प्रांत की वजह से लगातार देरी हो रही है। कहा जा रहा है कि तालिबान के लिए पहले पंजशीर जीतना जरूरी है क्योंकि ठंड में घाटी को जीतना तालिबान के लिए लगभग नामुमकिन हो जाएगा। इसी बीच तालिबान के प्रवक्ता ने जबीउल्लाह मुजाहिद ने आखिरी किले को भी जीतने का दावा कर दिया है।
कब होगा सरकार का गठन ?
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में सरकार गठन की तैयारियां लगातार चल रही हैं। नए झंडे तैयार किए जा रहे हैं। शनिवार को पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भी काबुल पहुंचा था। इसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद भी मौजूद थे। जिन्होंने 'काबुल के कसाई' से मुलाकात की। दरअसल, अफगान प्रधानमंत्री गुलबुद्दीन हिकमतयार काबुल के कसाई के नाम से बदनाम हैं।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कतर स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबानी सरकार के प्रमुख हो सकते हैं। हालांकि सरकार गठन के ऐलान के वक्त ही इससे पर्दा उठेगा। पंजशीर पर कब्जा करने का दावा करने वाले कट्टरपंथी इस्लामी संगठन द्वारा अब जल्द ही सरकार के गठन का ऐलान किया जा सकता है।तालिबान ने किसे दिया निमंत्रण ?
तालिबान ने सरकार गठन समारोह का निमंत्रण पाकिस्तान, कतर, तुर्की, चीन, ईरान और रूस को दिया है। जिसके बाद अब एक-दो दिन के भीतर ही गठन की संभावना जताई जा रही है। आपको बता दें कि पंजशीर में हमला करने के लिए तालिबान को पाकिस्तान समेत कई आतंकवादी संगठनों का समर्थन प्राप्त था। कई अफगान रिपोर्टों में पाकिस्तानी सैनिकों के शामिल होने की आशंका भी जताई जा रही है। इसके साथ ही हवाई हमले की भी बात कही गई।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजशीर घाटी पर पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी के सबूत मिले हैं। हाल ही में पाकिस्तानी वायु सेना का फाइटर जेट भी देखा गया है। वहीं आईएसआई चीफ भी सरकार गठन में तालिबान की मदद कर रहे हैं।