Ram Navami पर प्रशासन से अनुमति लिये बिना निकालें शोभा यात्राएं, Suvendu Adhikari के आह्वान से गर्माई Bengal की राजनीति

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By नीरज कुमार दुबे | Mar 15, 2025

Ram Navami पर प्रशासन से अनुमति लिये बिना निकालें शोभा यात्राएं, Suvendu Adhikari के आह्वान से गर्माई Bengal की राजनीति

होली के बाद अब रामनवमी को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति गर्मा गयी है। हम आपको बता दें कि इस साल रामनवमी का पर्व 6 अप्रैल को पड़ रहा है। बंगाल में हाल के वर्षों में रामनवमी पर निकाली जाने वाली शोभा यात्रा के दौरान टकराव तथा हिंसा की खबरें आम रही हैं इसलिए इस बार की रामनवमी से पहले माहौल को गर्माने की जो राजनीति चल रही है वह चिंताजनक है। हम आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि छह अप्रैल को पश्चिम बंगाल में रामनवमी की करीब 2,000 रैलियों का आयोजन होगा, जिसमें एक करोड़ से अधिक हिंदू शामिल होंगे। शुभेंदु अधिकारी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र नंदीग्राम में एक कार्यक्रम के दौरान रामनवमी की रैलियों के आयोजकों से रैली निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं लेने का आह्वान किया और कहा कि, ‘‘हमें भगवान राम की पूजा करने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है।’’


पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष रामनवमी की लगभग 1,000 रैलियों में लगभग 50,000 हिंदुओं ने भाग लिया था। इस वर्ष, कम से कम एक करोड़ हिंदू राज्य भर में सड़कों पर उतरेंगे और छह अप्रैल को 2,000 रैलियां निकालेंगे।’’ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने किसी समुदाय का नाम लिये बिना कहा, ''रैलियां निकालने के लिए प्रशासन से कोई अनुमति न लें। हमें भगवान राम की पूजा करने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। हम शांतिपूर्ण रहेंगे। लेकिन, यह सुनिश्चित करना प्रशासन का काम है कि दूसरे लोग भी शांतिपूर्ण तरीके से रहें।’’ शुभेंदु अधिकारी ने घोषणा की कि इस वर्ष के अंत तक उनके निर्वाचन क्षेत्र के सोनाचुरा में राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में मूर्ति खंडित किये जाने की एक घटना हुई है। शुभेंदु अधिकारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नंदीग्राम द्वितीय ब्लॉक के अमदाबाद क्षेत्र के कमालपुर के ग्रामीण पिछले मंगलवार से पूजा कर रहे थे। पूजा और राम नारायण कीर्तन शांतिपूर्वक जारी था।’’ उन्होंने कहा, ''आधी रात के आसपास एक ग्रामीण ने घर लौटते समय देखा कि मूर्तियां खंडित कर दी गई हैं। उसने अन्य ग्रामीणों को इसकी सूचना दी, जो बाद में एकत्र हुए और उन्होंने उक्त कृत्य को देखा।’’ पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी ने डीजीपी से दोषियों की पहचान करने और उन्हें जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और इस तरह के जघन्य कृत्यों पर पर्दा डालने से बचना चाहिए।" 

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दूसरी ओर, सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए उन पर 'विभाजन और धर्म' की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल के मंत्री और टीएमसी के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने कहा, ‘‘राज्य की जनता शुभेंदु अधिकारी जैसे भाजपा नेताओं की किसी भी बयानबाजी से प्रभावित नहीं होगी। हर किसी को अपने धार्मिक रीति-रिवाजों और त्योहारों को अपने तरीके से मनाने का अधिकार है।’’ माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल में हिंदू धर्म के संरक्षक नहीं हैं। सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी कभी भी हिंदुओं के लिए सामूहिक त्योहार नहीं रहा है। यह केवल भाजपा और टीएमसी ही हैं, जिन्होंने रामनवमी को राज्य में इतना बड़ा त्योहार बनाने का प्रयास किया। किसी भी व्यक्ति को यह तय करना होता है कि वह किसी त्योहार में भाग लेना चाहता है या नहीं। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी राज्य में हिंदू धर्म के संरक्षक नहीं हैं।

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