By अंकित सिंह | Sep 08, 2022
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा जबरदस्त तरीके से नीतीश कुमार पर हमलावर है। नीतीश कुमार ने पिछले दिनों एनडीए से अलग होने का फैसला लिया था। उसके बाद वह महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना चुके हैं। महागठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के अलावा लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और कुछ वाम दल शामिल हैं। वहीं, भाजपा कैबिनेट में शामिल लोगों को लेकर लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। भाजपा के वरिष्ठ नेता बिहार सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अब नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल रामानंद यादव, सुरेंद्र यादव और ललित यादव को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।
सुशील मोदी ने साफ तौर पर कहा कि मंत्रिमंडल को देख लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूध की रखवाली बिल्ली को दे दी है। दबंग रामानंद यादव, सुरेंद्र यादव व ललित यादव मंत्रिमंडल में हैं। उनकी सरपरस्ती का नतीजा है कि विभागों में कर्मी सुरक्षित नहीं हैं। इन्हें बर्खास्त करें वरना जंगलराज तय है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि लालू- बालू के बीच संबंधों का बेजोड़ नमूना रहा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 8 फ्लैटो की एक ही दिन में बालू माफियाओं द्वारा खरीददारी। उन्होंने सवाल किया कि क्या नीतीश कुमार बालू माफिया जिनका संबंध सीधे लालू परिवार से है उनके मनोबल को बढ़ाते रहेंगे? नीतीश_कुमार जी कब तक मौन रहेंगे? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उम्मीद थी नीतीश कुमार भ्रष्टाचारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे लेकिन हुआ नहीं। व्यवहार-स्वभाव में बदलाव राजनीतिक मज़बूरी बन गयी है?
भाजपा नेता ने दावा किया कि लालू प्रसाद ने बालू माफियाओं को संरक्षण देने हेतु रामानन्द यादव को मंत्री बनवाया। क्या मुख्यमंत्री राजद से विभाग छिनेंगे? उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के नाम पर नीतीश कुमार माफियाओं के सरगना के साथ हो लिए हैं? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि बिहार को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने चले मुख्यमंत्री जी राजद के दागी मंत्री रामानंद यादव, सुरेंद्र यादव, ललित यादव आदि के साथ काम करने में घुटन नहीं होती? अपना सवाल जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक सुचिता की बात करने वाले नीतीश कुमार क्या मंत्रिमंडल में शामिल आरोपियों और अपराधियों के आगे नतमस्तक हैं? क्या सुशासन_बाबू की छवि बरकरार रखने के लिए आपने गया जी में इनका भी पिंडदान किया है? इनकी बर्खास्तगी कब ?